महाराष्ट्र में सर्जरी कर एक महिला के पेट से पांच किलो का ट्यूमर निकाले जाने का मामला सामने आया है। खबर के मुताबिक यह ट्यूमर 11 इंच लंबा, 9 इंच चौड़ा और 9 ही इंच ऊंचा था। यह सर्जरी महाराष्ट्र के भिवंडी स्थित एक निजी अस्पताल में की गई।

पेट संबंधी समस्या से पीड़ित थी महिला
खबर के मुताबिक 40 वर्षीय महिला को काफी समय से पेट संबंधी समस्या थी। हाल में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में महिला को राहत न मिलते देख डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का फैसला किया। इससे पहले उन्होंने मरीज के कई टेस्ट किए। डॉक्टरों ने पाया कि महिला के दर्द की वजह पेट में पड़ी एक बड़ी गांठ थी। जांच के बाद महिला का सफल ऑपरेशन कर भारी-भरकम ट्यूमर बाहर निकाला गया। डॉक्टरों के मुताबिक अब महिला की हालत ठीक है।

(और पढ़ें- ट्यूमर के लक्षण और इलाज)

क्या होता है ट्यूमर?
ट्यूमर असामान्य कोशिकाओं के समूह को कहते हैं, जो गांठ के रूप में विकसित होते हैं। ये हमारे शरीर की अरबों कोशिकाओं में से किसी एक में शुरू हो सकते हैं। ट्यूमर को नियोप्लाज्म भी कहा जाता है। यह ऊतक (टिशू) का असामान्य द्रव्यमान है जो ठोस या द्रव से भरा हो सकता है।

  • ट्यूमर होने का मतलब यह नहीं कि आपको कैंसर ही है। कुछ ट्यूमर कैंसर का कारण जरूर बन सकते हैं, मगर अधिकांश ट्यूमर कोई परेशानी पैदा नहीं करते। इन्हें 'बिनाइन' यानी 'कैंसर रहित' ट्यूमर कहते हैं।
  • बिनाइन ट्यूमर एक प्रकार की गांठ या सूजन है। यह आवश्यक रूप से स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा नहीं करता है। यह कैंसर की तरह आसपास के ऊतकों तक नहीं पहुंचता और न ही शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है।

शरीर में ट्यूमर बनने का कारण
myUpchar से जुड़ीं डॉक्टर फातमा परवीन का कहना है कि जीन म्युटेशन (gene mutation) यानी जीन की बनावट में बदलाव के कारण शरीर की कोशिकाओं में असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है। इसकी वजह से ट्यूमर या गांठ बन जाती है।

(और पढ़ें- विल्म्स ट्यूमर क्या होता है, जानें)

ट्यूमर शरीर को कैसे प्रभावित करता है?
डॉक्टर फातमा के मुताबिक जब शरीर में ट्यूमर बनता है तो इस स्थिति में ट्यूमर को बचे रहने के लिए ज्यादा पोषक तत्व और ज्यादा ब्लड चाहिए होता है। इसलिए यह अपनी धमनियां और अपना ब्लड सर्कुलेशन बनाने लगता है। इसके लिए ट्यूमर आसपास की कोशिकाओं को मारकर अपना पोषण पूरा करता है और धीरे-धीरे यह ट्यूमर फैलने लगता है। इतना ही नहीं, यह शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है। इस कारण मरीज को पेट में दर्द महसूस होगा, कमजोरी आने लगेगी और पाचन क्रिया भी प्रभावित होगी।

कितना खतरनाक हो सकता है ट्यूमर?
डॉक्टर फातमा का कहना है कि ट्यूमर का इलाज नहीं होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है। दरअसल इलाज नहीं कराने की स्थिति में यह कैंसर के ट्यूमर में बदल सकता है, जो कि एक वक्त पर आकर जानलेवा साबित होता है। वहीं, इलाज की बात करें तो ट्यूमर का उपचार दवाई से नहीं होता है। इसे सर्जरी के जरिये बाहर निकाला जाता है। डॉक्टर बताती हैं कि सर्जरी से पहले पीड़ित को रेडियोथैरेपी और कीमोथैरेपी दी जाती हैं। 

(और पढ़ें- गर्भाशय में रसौली के लक्षण और कारण)

कैसे किया जाए बचाव?
डॉक्टर फातमा का कहना है कि अगर आपको इस समस्या से बचना है तो संतुलित मात्रा में खाना खाएं। अगर पेट में लगातार असामान्य दर्द महसूस हो रहा है तो अल्ट्रासाउंट कराएं ताकि स्थिति की सही से जांच हो सके। इस तरह आप ट्यूमर जैसी समस्या से बच सकते हैं।

संदर्भ

  1. Choudhary SB et al. Awkward posture and development of RSI (repetitive strain injury) in Computer professionals. Indian Journal of Occupational and Environmental Medicine. Hyderabad, India. 2002 Jan-Mar; 6(1): 10-2.
  2. Glass B et al. Diseases of Workers by Bernardino Ramazzini. A Tribute in the Year 2000. American Journal of Public Health. Wellington, NZ. 2001 Sep; 91(9): 1380–1382.
  3. Emil F. Pascarelli et al. Repetitive strain injury: a computer user's guide. Adapted from Repetitive Strain Injury by Dr. Emil Pascarelli and Deborah Quilter. J. Wiley, 1994; 218 pages
  4. National institute of neurological disorders and stroke [internet]. US Department of Health and Human Services; Repetitive Motion Disorders Information Page
  5. Stanford Health Care [Internet]. Stanford Medicine, Stanford University; Overuse and repetitive motion injuries: Overview
  6. National Health Service [Internet]. UK; Repetitive strain injury (RSI)
ऐप पर पढ़ें