टाइफाइड बुखार एक संक्रामक रोग है जो ‘साल्मोनेला टाइफी’ (Salmonella typhi) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। अगर इस रोग का सही समय पर निदान या इलाज न हो तो ये घातक साबित हो सकता है। संक्रमित खान-पान के कारण आपको टाइफाइड हो सकता है। टाइफाइड में दीर्घकालीन बुखार होता है, जो 104 डिग्री तक बढ़ सकता है। इसके अलावा टाइफाइड में सिरदर्द, मतली, भूख न लगना, कमजोरी, कब्ज, और कभी-कभी दस्त भी हो सकते हैं।
टाइफाइड, विकासशील देशों में होने वाले सबसे गंभीर इन्फेक्शन में से एक है। सामान्य तौर पर, इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। हालांकि, आजकल एंटीबायोटिक दवाओं में अवरोध उत्पन्न करने वाले कई मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें रोगी को होमियोपैथिक इलाज की मदद लेनी पड़ती है।
होम्योपैथी में टाइफाइड के इलाज के लिए कई उपचार व दवाएं उपलब्ध हैं। इसके इलाज के लिए सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवा है ‘बैप्टीशिया टिनक्टोरिया’ (Baptisia tinctoria)। इस दवा का उपयोग टाइफाइड से बचाव के लिए भी किया जाता है।
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