वर्टिगो ऐसी स्थिति होती है, जिसमें आसपास की सब चीजें घूमती हुई नजर आती हैं. यहां तक कि सिर हिलाने से भी चक्कर आते हैं. इस स्थिति में शरीर का बैलेंस असंतुलित हो जाता है. ऐसा माइग्रेन, इंफेक्शन व कुछ दवाइयों का सेवन करने से हो सकता है. वहीं, जी मिचलाना, उल्टी व चक्कर आना वर्टिगो के लक्षण हैं. वर्टिगो की परेशानी को कुछ घरेलू उपचार जैसे योग व पर्याप्त नींद से ठीक किया जा सकता है.आज इस लेख में हम वर्टिगो के घरेलू उपायों के बारे में जानेंगे -
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वर्टिगो के लिए फायदेमंद घरेलू नुस्खे
वर्टिगो को कुछ घरेलू उपाय, जैसे - स्ट्रेस मैनेजमेंट, हाइड्रेशन व जिन्को बाइलोबा से ठीक किया जा सकता है. आइए, वर्टिगो के घरेलू उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं -
शराब का सेवन न करें
शराब पीने से कान के अंदर फ्लुइड का कंपोजिशन बदल सकता है, जिसे वेस्टिबुलर डिसऑर्डर कहते हैं. साथ ही शराब से डिहाइड्रेशन भी बढ़ता है, जिससे बॉडी बैलेंस पर असर पड़ता है और वर्टिगो की समस्या बढ़ती है. इसलिए, शराब से दूरी बनाकर रखें.
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एक्यूप्रेशर
एक्यूप्रेशर से चक्कर आने व सिर दर्द में आराम मिलता है. इसमें शरीर के उन पॉइंट्स पर प्रेशर बनाकर मैनेज किया जाता है, जो वर्टिगो की समस्या बढ़ाते हैं, जैसे - गर्दन के पीछे और दोनों आइब्रोज के बाहरी कोनों पर.
एप्पल साइडर विनेगर व शहद
एप्पल साइडर विनेगर और शहद की क्यूरेटिव प्रॉपर्टीज से ब्रेन में ब्लड फ्लो ठीक हो सकता है और सिरदर्द व चक्कर आना जैसे लक्षणों में आराम मिल सकता है.
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एसेंशिअल ऑयल
पिपरमिंट, जिंजर, लैवेंडर और लेमन एसेंशियल ऑयल वर्टिगो की समस्या में फायदेमंद हैं. इनको सूंघने से जी मिचलाना, सिर दर्द व चक्कर आना जैसे लक्षणों में आराम मिल सकता है.
बादाम
बादाम को विटामिन-ए, बी और ई का प्रमुख स्रोत माना गया है. रोजाना एक मुट्ठी बादाम खाने से वर्टिगो के लक्षण कम हो सकते हैं.
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जिन्को बाइलोबा
जिन्को बाइलोबा पाउडर, लिक्विड और कैप्सूल के फॉर्म में मिलता है. यह एक चाइनीज हर्ब है, जिसे वर्टिगो के लक्षण को दूर करने में सहायक माना जाता है. यह ब्रेन में ब्लड फ्लो को कंट्रोल करता है, जिससे चक्कर आना, सुस्ती और बॉडी बैलेंस कंट्रोल रहता है.
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विटामिन-डी
विटामिन-डी की कमी से भी वर्टिगो की परेशानी हो सकती है. इससे चक्कर व जी मिचलाना जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. इसलिए, प्रतिदिन विटामिन-डी से युक्त चीजों का सेवन करें, जैसे - गाय का दूध, अंडा, सैल्मन मछली, संतरे का जूस व मशरूम आदि. साथ ही सुबह के समय कुछ देर धूप में भी बैठें.
हाइड्रेटेड रहें
शरीर में पानी की कमी के कारण भी वर्टिगो की परेशानी हो सकती है. ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और डाइट में सोडियम की मात्रा को कम करें. शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ने से डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ सकती है. पानी के अलावा अन्य हेल्दी हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स का भी सेवन भी किया जा सकता है.
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पर्याप्त नींद लें
आमतौर पर वर्टिगो की परेशानी का एक कारण अपर्याप्त नींद भी है. पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने से सिरदर्द रहता है व चक्कर आते हैं. इसलिए, कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूरी है. इससे ये लक्षण कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाते हैं.
योग
योग करने से शरीर का बैलेंस ठीक रहता है व स्ट्रेस में भी कमी आती है. इस थेरेपी में बालासन, उष्ट्रासन, शलभासन व शवासन करने से आराम मिल सकता है.
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स्ट्रेस मैनेजमेंट
अधिक स्ट्रेस से भी वर्टिगो की समस्या बढ़ जाती है, लेकिन स्ट्रेस कंट्रोल कर इस स्थिति से बचा जा सकता है. स्ट्रेस कंट्रोल करने के लिए उसकी वजह जानने की कोशिश करनी चाहिए. साथ ही योग व मेडिटेशन को रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए.
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वर्टिगो में फायदेमंद व्यायाम
लेख इस भाग में उन व्यायाम के बारे में बताया गया है, जिन्हें घर में ही किया जा सकता है और इन्हें करने से वर्टिगो की समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है -
सेमोंट टूपेट मैनूवर
इस एक्सरसाइज को घर में ही वर्टिगो के इलाज के लिए किया जा सकता है. इस मैनूवर के बारे में लोगों को कम पता है, लेकिन शोध का कहना है कि यह भी बेहद ही प्रभावशाली है. सेमोंट टूपेट मैनूवर को इप्ले मैनूवर की तरह ही किया जाता है, लेकिन इसमें गर्दन की फ्लेक्सिबिलिटी कम रहती है. इस एक्सरसाइज को ऐसे करने की सलाह दी जाती है -
- सबसे पहले बेड के कोने पर बिल्कुल सीधे होकर बैठ जाना है.
- अब सिर को 45 डिग्री के कोण पर बाईं ओर घुमाना है और फिर आराम से दाईं और झुकते हुए लेट जाना है.
- लेटने पर पैर भी बेड पर आ जाएंगे और घुटनों से मुड़े रहेंगे.
- कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद तेजी से उठकर बैठ जाना है और फिर बाईं तरफ भी ऐसा ही करना है.
- फिर सामने की ओर देखते हुए और सीधे बैठते हुए धीरे-धीरे ओरिजिनल पोजीशन में वापस आना है.
इप्ले मैनूवर
वर्टिगो का अनुभव करने वाले अधिकतर लोगों के लिए यह एक्सरसाइज असरकारी सिद्ध हुई है. इप्ले मैनूवर एक्सरसाइज खासतौर पर उन लोगों के लिए बहुत प्रभावशाली है, जिन्हें बिनाइन पोजीशनल पैरोजिस वर्टिगो यानी बीपीपीवी की समस्या है. इस एक्सरसाइज को घर में ही आराम से इस तरह से किया जा सकता है -
- किसी समतल जमीन पर बिल्कुल सीधे होकर बैठ जाना है. पीछे की ओर तकिया व पैर बिल्कुल सामने सीधे की ओर खींचे होने चाहिए.
- अब सिर को दाहिनी ओर 45 डिग्री के कोण पर घुमाना है.
- इसी दौरान हाथ को तुरंत तकिए पर रखना है. इस पोजीशन में कम से कम 30 सेकंड तक बने रहना है.
- अब सिर को हल्के से बाईं ओर घुमाना है, बिल्कुल 90 डिग्री के कोण पर, इस दौरान गर्दन को बिल्कुल भी नहीं उठाना है.
- पूरे शरीर को बाईं ओर घुमाने में इंगेज रखना है, ताकि शरीर पूरी तरह से बाईं ओर हो जाए.
- अब वापस पहले वाली पोजीशन पर आना है और सामने की ओर देखते हुए बिल्कुल सीधे बैठना है.
इस एक्सरसाइज को अकेले करने में दिक्कत होती है, तो किसी की मदद भी ली जा सकती है. इस एक्सरसाइज के एक बार में तीन राउंड किए जा सकते हैं. हो सकता है कि हर मूवमेंट में व्यक्ति को चक्कर आने जैसा महसूस हो.
ब्रांट-डारॉफ एक्सरसाइज
ब्रांट-डारॉफ एक्सरसाइज करना वर्टिगो की परेशानी को कम करता है. इसे करना आसान है. इसे करने का तरीका नीचे बताया गया है -
- सबसे पहले 1 मैट पर बैठ जाएं और अपने सिर को पहले लेफ्ट में लेकर जाएं.
- 30 सेकंड इसी पोजीशन में रहें. फिर यही स्टेप्स दूसरी साइड भी रिपीट करें.
- रेगुलर एक्सरसाइज करने से भी वर्टिगो में आराम मिलता है.
सारांश
वर्टिगो (चक्कर आना) को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय लाभकारी हो सकते हैं। अदरक का सेवन वर्टिगो के लक्षणों को कम करने में मदद करता है; अदरक की चाय पीना या इसे चबाना उपयोगी हो सकता है। हाइड्रेशन का ध्यान रखना जरूरी है, इसलिए दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। वर्टिगो के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज और योग, जैसे ब्रह्मरी और अनुलोम-विलोम, राहत प्रदान कर सकते हैं। सिर के पोजिशन को धीरे-धीरे बदलना और अचानक झटके से बचना चाहिए। विटामिन डी से भरपूर आहार, जैसे दूध, अंडे और सूरज की रोशनी, भी फायदेमंद हो सकता है। अगर वर्टिगो बार-बार हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
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