क्रैनबेरी एक प्रकार की बेरी है जो स्वाद में खट्टी और तीखी होती है। क्रैनबेरी आमतौर पर उत्तरी अमेरिका और यूरोप में कच्ची ही बेची जाती हैं, लेकिन अपने खट्टे तीखे स्वाद के कारण इसे आमतौर पर कच्चे रूप में नहीं खाया जाता है। जिन देशों में इनका उत्पादन हौता है और जहां आयात भी होता है, वहां इनका सेवन ड्राई क्रैनबेरी, क्रैनबेरी सॉस और क्रैनबेरी जूस के रूप में किया जाता है।
ज्यादातर फलों की तरह, क्रैनबेरी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरी होती है। यही कारण है कि क्रैनबेरी को स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा माना जाता है, इतना ही नहीं क्रैनबेरी को सुपरफूड भी कहा जाता है। इसके अलावा यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन को रोकने के लिए भी क्रैनबेरी का उपयोग किया जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में क्रैनबेरी के सेवन के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इस लेख में क्रैनबेरी से मिलने वाले पोषण, क्रैनबेरी के लाभ और क्रैनबेरी के साइड इफेक्ट के बारे में बताया गया है।
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क्या आपको पता है?
क्रैनबेरी भारत में नहीं उगाई जाती है, लेकिन इस सुपरफूड की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से देश में इसकी मांग काफी बढ़ गई है। भारत में करौंदा को खट्टे स्वाद के कारण क्रैनबेरी के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है। हालांकि, करौंदा और क्रैनबेरी समान नहीं हैं।
क्रैनबेरी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :
- वानस्पतिक नाम : वैक्सीनियम मैक्रोकार्पोन (अमेरिकी क्रैनबेरी प्रजाति), वैक्सीनियम ऑक्सीकोकोस (यूरोपीय क्रैनबेरी प्रजाति)
- परिवार : एरिकसी
- सामान्य नाम : क्रैनबेरी
- पौधे का इस्तेमाल किए जाने वाला हिस्सा : फल, बीज और पौधों का अर्क
- कहां पाया जाता है : क्रैनबेरी उत्तरी अमेरिका और यूरोप में उगाई जाती है। दुनियाभर में क्रैनबेरी का सबसे बड़ा उत्पादक संयुक्त राज्य अमेरिका है, इसके बाद कनाडा और चिली का नंबर आता है। भारत किसी भी क्रैनबेरी का उत्पादन नहीं करता है, लेकिन अमेरिका और यूरोप से सूखे (ड्राई), डिब्बा बंद, जमे हुए (फ्रोजन) और जूस के रूप में क्रैनबेरी का आयात किया जाता है।