तिल के बीज सेसमं जीन के एक पौधे से उत्पन्न होते हैं और इसका वैज्ञानिक नाम सेसमं इण्डिकम (Sesamum indicum) है। तिल के बीज को दुनिया में सबसे पुरानी बीज के तेलों की फसल माना जाता है और इसकी 3500 से अधिक वर्षों से खेती की जा रही है। यह सबसे अधिक अफ्रीका और भारत में उगाया जाता है।

तिल के बीज बहुत छोटे होते हैं, जो 3-4 मिलीमीटर लंबे और 2 मिलीमीटर चौड़े होते हैं। ये बीज कई प्रकार के रंगों में आते हैं। वे आम तौर पर सलाद के लिए उपयोग किये जाते हैं। आप लगभग सभी पारम्परिक व्यंजनों में तिल के बीज का उपयोग देख सकते हैं।

(और पढ़ें - तिल के तेल के फायदे और नुकसान)

 

  1. तिल के फायदे - Til ke Fayde in Hindi
  2. तिल के नुकसान - Til ke Nuksan in Hindi

तिल के बीज के स्वास्थ्य लाभ विटामिन, खनिज, प्राकृतिक तेलों और कार्बनिक यौगिकों सहित कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज, तांबा, जस्ता, फाइबर, थायामिन, विटामिन बी 6, फोलेट, प्रोटीन और ट्रिप्टोफैन आदि प्रदान करते हैं। तो आइये जानते हैं इसके लाभों के बारे में -

तिल के फायदे हाइपरटेंशन को दूर करने के लिए - Sesame for Hypertension in Hindi

तिल के बीज में पाए जाने वाले प्राकृतिक तेल हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। इससे आपके कार्डियोवास्कुलर सिस्टम पर तनाव कम होता है और विभिन्न हृदय समस्याओं को रोकने में मदद मिलती है। इसके अलावा, मैग्नीशियम हाइपरटेंशन को कम करने के लिए जाना जाता है और तिल के बीज इस आवश्यक खनिज से भरे हुए हैं। इसके सेवन से आपको दैनिक आवश्यकता का 25% मैग्नीशियम प्राप्त होता है। 

(और पढ़ें - हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू उपाय)

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तिल के औषधीय गुण करें कैंसर से बचाव - Sesame prevents Cancer in Hindi

तिल के बीज में आवश्यक विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। तिल के बीज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर के खतरे को कम करने के लिए जाने जाते हैं। तिल के बीज में फाइटेट भी होते हैं (यह एक यौगिक होता है) जो एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है और मुक्त कणों के प्रभाव को कम करता है। तिल के बीज कैंसर के कई रूपों और हृदय की बीमारियों, समय से पहले बुढ़ापे और संज्ञानात्मक खराबी जैसी कई अन्य समस्याओं को कम करने के लिए प्रभावी होते हैं। तिल के बीज ल्यूकेमिया, स्तन कैंसर, फेफड़े के कैंसर, अग्नाशय कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर को कम करने के लिए भी जाने जाते हैं। 

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तिल के लाभ रखें डायबिटीज को नियंत्रित - Sesame Seeds for Diabetes in Hindi

मैग्नीशियम सहित तिल के बीज में मौजूद तत्व, डायबिटीज को कम करने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा, यह दिखाया गया है कि तिल के बीज का तेल टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित रोगियों में विभिन्न डायबिटीज की दवा के प्रभाव को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यह दवा की कार्यक्षमता में सुधार और शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है जिससे डायबिटीज के लक्षणों को सामान्य करने में मदद मिलती है। 

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डायबिटीज में नए दृष्टिकोण: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और  myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट के साथ सकारात्मक जीवनशैली अपनाएं।और स्वस्थ रहें।सुरक्षित रहे।

तिल खाने के फायदे हड्डियों को मजबूत रखें - Sesame Good for Bones in Hindi

तिल के बीज में जस्ता, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे जरूरी खनिज पाए जाते हैं, जो कि आपके शरीर की हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा हो सकता है। ये खनिज नई हड्डियों को बनाने और हड्डियों को मजबूत करने और उनकी मरम्मत करने में मदद करते हैं। 

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तिल खाने के लाभ पाचन को बेहतर रखने के लिए - Sesame for Digestion in Hindi

तिल के बीज फाइबर में परिपूर्ण होते हैं। फाइबर पाचन को स्वस्थ रखने के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व होता है, क्योंकि यह आँतों को अपने कार्य करने में मदद करता है। यह कब्ज जैसी समस्या को कम कर सकता है, साथ ही दस्त और जठरांत्र संबंधी बीमारियों और कैंसर की संभावना को कम करने में भी लाभकारी हो सकता है। फाइबर धमनियों और रक्त वाहिकाओं से खतरनाक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस, दिल का दौरा और स्ट्रोक आदि होने की सम्भावना कम हो जाती है। 

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तिल के गुण करें सूजन का इलाज - Sesame Seeds for Inflammation in Hindi

तिल के बीज में मौजूद तांबे की उच्च मात्रा जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों में सूजन कम करने के लिए जानी जाती है जिससे गठिया के कारण होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, तांबा रक्त वाहिनियों, हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करने के लिए एक आवश्यक खनिज है। इसलिए, शरीर में तांबे की उचित मात्रा ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद करती है और यह सुनिश्चित करती है कि पूरे शरीर की अंग प्रणालियों को ठीक से कार्य करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन मिलता रहे। 

तिल का उपयोग है मौखिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी - Sesame for Oral health in Hindi

तिल के बीज और तिल के बीज का तेल दंत पट्टिका (plaque) को हटाकर और आपके दांतों को सफेद करके मौखिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करते हैं। तिल के बीज के तेल को आयल पुल्लिंग के लिए इस्तेमाल करें। इसके लिए आपको अपने मुंह में तिल के बीज के तेल को लेकर घुमाएं। यह स्ट्रेप्टोकोकस मयूटेन्स (streptococcus mutans) की मौजूदगी को कम करने में मदद करता है (यह एक सामान्य बैक्टीरिया है जो आपके मौखिक छिद्रों के लिए खतरनाक हो सकता है)। 

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तिल के बीज के लाभ रखें एनीमिया को दूर - Sesame Seeds for Anemia in Hindi

तिल के बीज, खासकर काले तिल, लोहे में समृद्ध होते हैं। इसलिए एनीमिया से पीड़ित लोगों को इसके सेवन की सलाह दी जाती है। तिल के बीज में सेसमोल नामक आर्गेनिक यौगिक होता है। यह रेडिएशन के हानिकारक प्रभावों से डीएनए की रक्षा करता है और आप रेडिएशन के प्रभाव में कई आकस्मिक स्रोतों से (accidental sources) - जैसे किमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी (कैंसर के उपचार के दौरान) - के कारण आ सकते हैं। 

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तिल का सेवन करें स्वस्थ ह्रदय के लिए - Sesame Seeds for Heart Health in Hindi

तिल के बीज का तेल धमनियों को सख्त होने (एथेरोस्क्लेरोसिस) से रोकता है और इसलिए यह हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इनमें एक एंटीऑक्सिडेंट और सूजन कम करने वाला यौगिक होता है जिसे सेसामोल कहा जाता है, जिसमें एंटी-एथ्रोजेनिक गुण होते हैं। इस प्रकार यह हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है। तिल के बीज में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और ओलिक एसिड होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है। 

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गठिया में फायदेमंद है तिल के बीज - Sesame for Arthritis in Hindi

तिल के बीज में तांबा होता है, एक खनिज जो एंटीऑक्सिडेंट एंजाइम प्रणालियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस प्रकार यह गठिया और गठिया से जुड़ी सूजन को कम करने में बहुत ही उपयोगी है। इसके अलावा, यह खनिज रक्त वाहिकाओं, हड्डियों और जोड़ों को ताकत प्रदान करता है। तिल के बीज में मौजूद मैग्नीशियम, अस्थमा और अन्य श्वसन विकारों को रोकने में मदद कर सकता है। 

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तिल के बीज के फायदे करें चिंता को दूर - Sesame Seeds for Anxiety in Hindi

तिल के बीज में कई पोषक तत्व होते हैं जिनमें तनाव से राहत प्रदान करने वाले गुण होते हैं। इसमें मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे खनिज मांसपेशियों के कार्य को नियमित करते हुए एक एन्टीस्पैस्मोडिक (Antispasmodic - एक दवा जिसका उपयोग ऐंठन से राहत देने या रोकने के लिए किया जाता है) के रूप में कार्य करते हैं। थियामीन (विटामिन बी 1) में शांत करने वाले गुण होते हैं जो तंत्रिका के कार्यों में सहायता करते हैं। इस विटामिन की कमी मांसपेशियों की ऐंठन और डिप्रेशन का कारण हो सकती है। ट्रिप्टोफैन एक आवश्यक अमीनो एसिड है जो दर्द को कम कर देता है और नींद के पैटर्न और मूड को नियंत्रित करता है। मस्तिष्क में सेरोटोनिन उत्पादन और संचरण की अपर्याप्तता के कारण चिंता और डिप्रेशन हो सकता है। 

(और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय)

तिल फॉर कोलेस्ट्रॉल - Sesame for Cholesterol in Hindi

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में काले तिल के बीज लाभकारी होते हैं। इनमें सेसामिन और सेसमोलिन नामक दो पदार्थ होते हैं, जो लिग्नांस (lignans) नामक फाइबर का समूह होते हैं। लिग्नांस के  प्रभाव से कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्योंकि वे आहार फाइबर में समृद्ध हैं। तिल के बीज में उच्चतम फाइटोस्टेरॉल होता है जो कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में लाभकारी होता है। 

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या खाएं)

आँखों के लिए करें तिल का सेवन - Sesame for Eyes in Hindi

पारंपरिक चीनी दवा के अनुसार, आंतरिक अंगों (जैसे लिवर) और बाहरी अंगों (जैसे आंखों) के बीच एक मजबूत संबंध होता है। लिवर रक्त को स्टोर करता है और लिवर आँखों के कार्यों का समर्थन करने के लिए उन्हें रक्त भेजता है।

काले तिल के बीज लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं क्योंकि ये लिवर के रक्त में वृद्धि करते हैं जिससे आंखें स्वस्थ होती हैं। काले तिल के चिकित्सीय लाभ इन समस्याओं के उपचार में मदद करते हैं -

तिल के बीज हैं त्वचा के लिए अच्छे - Sesame Benefits for Skin in Hindi

तिल के बीज का तेल आपको चमकती त्वचा प्रदान कर सकता है। यह त्वचा को नरम और कोमल रखकर त्वचा के लचीलेपन को बनाये रखता है। यह चेहरे की त्वचा, विशेष रूप से नाक के आसपास के क्षेत्र को कसने में मदद करता है और पोर्स को बढ़ने से रोकता है। यह चेहरे के दानों को नियंत्रित करता है। यह त्वचा पर और छिद्रों में विकसित होने वाले विषाक्त पदार्थों को निष्प्रभावी करता है। 

(और पढ़ें - खूबसूरत त्वचा के लिए आहार)

तिल है बालों के विकास के लिए लाभकारी - Sesame for Hair Growth in Hindi

तिल के बीज में ओमेगा-3, ओमेगा-6 और ओमेगा-9 जैसे आवश्यक फैटी एसिड होते हैं जो बालों को बढ़ाने में मदद करते हैं। तिल के बीज का तेल बालों को कंडीशन करता है और खोपड़ी (स्कैल्प) को स्वस्थ रखता है, इस तरह से ये बालों को लंबा करने में मदद करता है। गर्म तिल के तेल के साथ नियमित मालिश करने से रक्त परिसंचरण बढ़ता है। 

(और पढ़ें - बाल बढ़ाने के उपाय)

  1. तिल के बीज का अधिक सेवन पेट और बृहदान्त्र में जलन पैदा कर सकता है। 
  2. ये हल्के तिल के बीज कैलोरी और संतृप्त वसा से परिपूर्ण होते हैं। और यदि आप अपना वजन कम करने की सोच रहे हैं तो आपको इनके अधिक सेवन से बचना चाहिए। यदि आप नियमित रूप से अधिक मात्रा में तिल का सेवन करते हैं तो यह वजन को बढ़ाने में भी योगदान दे सकते हैं। (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाएं)
  3. तिल के बीज के सेवन का एक और आम साइड इफेक्ट है एलर्जी। कुछ लोगों के इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है। विभिन्न प्रकार की एलर्जी जैसे पाचन संबंधी समस्याएं, आंखों की सूजन, नाक बहना, अस्थमा आदि हो सकती है। 
  4. कुछ लोग तिल के बीज के अधिक सेवन से अपेंडिक्स इन्फेक्शन (परिशिष्ट संक्रमण) का शिकार हो सकते हैं। कभी-कभी, कुछ बीज अंग में फंस सकते हैं, जो निश्चित रूप से हल्के संक्रमण से गंभीर हो सकता है।
  5. वैज्ञानिकों के अनुसार, तिल के बीज में बहुत ही अच्छे रेचक गुण होते हैं। इसका मतलब है, तिल के अधिक सेवन से आपको दस्त की समस्या हो सकती हैं। इसलिए तिल का सिमित मात्रा में ही सेवन करें। 
  6. तिल के बीज के आपकी त्वचा पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं यदि आप इनका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं। इसके अधियक सेवन से आपको खुजली और लालिमा के साथ त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं।
  7. हम में से बहुत से हमारे बालों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए काले तिल का उपयोग करते हैं। लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन परिणामों को पूरी तरह से उलट कर सकता है। यह हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है, जो खोपड़ी को तेल बनाता है और बालों के रोम छिद्रों को ड्राई करता है। नतीजतन, बालों के झड़ने की दर काफी हद तक बढ़ जाती है। यह गंजापन का भी कारण हो सकता है।
  8. यह माना जाता है कि गर्भावस्था के पहले तिमाही के दौरान तिल के बीज खाने से स्वास्थ्य के लिए बुरा होता है। कभी-कभी गर्भपात भी हो सकता है।

(और पढ़ें - गर्भपात का कारण)

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