पलाश मूल रूप से भारतीय पेड़ है और यह पूरे देश में पाया जाता है। पलाश के फूल लाल रंग के होते हैं और इनके खिलने के मौसम में पूरा पेड़ लगभग लाल दीखता है जिसके कारण इसे 'जंगल की आग' के रूप में भी जाना जाता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर पेड़ है और इसके सभी हिस्सों का उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों और विकारों के इलाज के लिए किया जाता है।
पलाश आयुर्वेद में टॉनिक और एंथेलमिंटिक (आँतों के कीड़ों को मारने वाली दवा) के रूप में भी उपयोग किया जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथ में आचार्य चरक और सुश्रुत ने पलाश के बीज और छाल के औषधीय गुणों के बारे में बताया है। पलाश में सूजन को कम करने वाले, सूक्ष्म-कीटाणु नाशक, एंथेलमिंटिक, एंटी-डाइबेटिक, मूत्रवर्धक, दर्दनाशक और ट्यूमर-रोधी गुण होते हैं। इसकी पत्तियां एस्ट्रिजेंट, मूत्रवर्धक और एंटी ओव्यूलेटरी गुणों से भरपूर होती हैं। इसके फूल टॉनिक और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। और इसकी जड़ें रतौंधी (Night Blindness) के इलाज में उपयोगी हैं।
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