गर्भावस्था के बाद, आप प्रेगनेंसी के समय से भी ज्यादा अपने शरीर के बारे में चिंता करने लगती हैं। वास्तव में ऐसा होना स्वाभाविक होता है। डिलीवरी के बाद वजन कम करना, बॉडी को फिट रखना और आकार में लाना, इन सभी के लिए व्यायाम ज़रूरी है। गर्भावस्था के बाद व्यायाम ऐसी चीज़ है जो आपके सबसे अच्छे कामों में से एक है। सुरक्षित रूप से एक्सरसाइज शुरु करने के लिए निम्न सुझावों का पालन करें।

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  1. प्रेगनेंसी के बाद एक्सरसाइज करने के फायदे - Benefits of exercising after pregnancy in Hindi
  2. डिलीवरी के बाद व्यायाम कब शुरु करना चाहिए? - When to start exercise after delivery in Hindi
  3. डिलीवरी के बाद कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए? - Exercises to do after childbirth in Hindi
  4. डिलीवरी के बाद एक्सरसाइज कैसे करें? - Guidelines for exercising after pregnancy in Hindi
  5. सारांश

गर्भावस्था के बाद नियमित रूप से व्यायाम करना:

  1. वजन घटाता है, खासकर जब कम कैलोरी खाकर हृदय को फिट रखना हो। 
  2. पेट की मांसपेशियों को मजबूत और टोन करता है।
  3. शरीर की ऊर्जा बढ़ाता है।
  4. तनाव से छुटकारा देता है।
  5. बेहतर नींद लाने में सहायक होता है।

डिलीवरी के बाद व्यायाम का स्तनपान से सम्बन्ध

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व्यायाम, स्तन के दूध की मात्रा या बनावट पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं और न ही स्तनपान करने वाले शिशु के विकास को प्रभावित करते हैं। कुछ रिसर्चों से पता चला है कि अधिक तीव्रता वाले व्यायाम करने से लैक्टिक एसिड (Lactic acid) स्तनों में जमा हो जाता है और जब बच्चा स्तनपान करता है तब उसे खट्टा स्वाद आता है जो बच्चे को पसंद नहीं होता है।  हालांकि, ऐसा बहुत कम होता है।

यदि स्तनपान के पहले कुछ महीनों के दौरान तेज़ी से अभ्यास करना ज़रूरी ही है, तो बच्चे को एक्सरसाइज या वर्कआउट करने से पहले ही दूध पिला दें। वैकल्पिक रूप से, पहले व्यायाम करें, फिर स्नान करें। फिर स्तनपान के लिए कुछ दुग्ध को पंप करें और आधे या एक घंटे के बाद, बच्चे को स्तनपान कराएं।

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यदि आपकी नार्मल डिलीवरी हुयी है, तो आमतौर पर बच्चे को जन्म देने के कुछ ही दिन (छह हफ़्तों) बाद आप व्यायाम करना शुरू कर सकती हैं। यदि आपकी डिलीवरी सी-सेक्शन से हुयी है तो कम से कम आठ से 10 हफ़्तों बाद या डॉक्टर से बात करने के बाद व्यायाम शुरू करना चाहिए।

अधिकतर स्वस्थ महिलाओं के लिए, स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने कम तीव्रता वाली एरोबिक एक्सरसाइज कम से कम 150 मिनट करने की सलाह दी है जो पूरे हफ्ते में कुल 150 मिनट होनी चाहिए।

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कुछ कम प्रभाव और सरल व्यायामों से शुरुआत करें, जैसे रोज़ाना पैदल चलना आदि। आप जिम या सामुदायिक केंद्र में व्यायाम सीख सकती हैं। डॉक्टर से सलाह करने के बाद आप निम्न विशिष्ट अभ्यासों को अपना सकती हैं:

श्रोणि झुकाव (Pelvic tilt): अपने पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए एक दिन में कई बार श्रोणि झुकाएं।

फर्श पर अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़ लें। अपने पेट की मांसपेशियों को कस कर फर्श पर सपाट करें और अपनी श्रोणि को थोड़ा ऊपर की और उठाएं। इस स्थिति में 10 सेकंड के लिए रहें। पांच बार कम से कम 10 से 20 बार दोहरा कर ये एक्सरसाइज करें।

कीगल एक्सरसाइज (Kegel exercises): यह श्रोणि की मांसपेशियों को टोन करने के लिए व्यायाम हैं, जो गर्भाशय, मूत्राशय, छोटी आंत और मलाशय को सहारा देता है। श्रोणि की मांसपेशियों को संकुचित करें, जैसे जैसे आप मूत्र प्रवाह को रोकने का प्रयास करती हैं उसी प्रकार। 10 सेकंड के लिए रोकें और फिर रिलीज कर दें। संकुचन के बीच के 10 सेकंड के लिए आराम कर लें। एक दिन में 10 दोहराव के साथ कम से कम तीन सेट में ये व्यायाम करें। यह योनि के मुख के बढ़ने और मूत्र असंयमिता (Urinary incontinence) से बचाव करती हैं।

पैरों की स्ट्रेचिंग (Leg sliding/stretches):

  1. अपनी पीठ के बल लेट जाएं और एक घुटना मोड़ लें।
  2. सीधे पैर की एड़ी को ऊपर ले जाने और नीचे लाने के दौरान अपनी पीठ को फ्लैट रखें।
  3. फ्लैट सतह पर ही ये एक्सरसाइज करें।
  4. दोनों पैरों के साथ 3 से 5 बार इसे दोहराएं।

जब आप एक नवजात शिशु की देखभाल करती हैं तो व्यायाम के लिए समय निकालना चुनौतीपूर्ण होता है। हार्मोनल परिवर्तन आपको भावनात्मक बना सकते हैं और कुछ दिन आपको वर्कआउट के बाद बहुत अधिक थकान महसूस हो सकती है। लेकिन हार न मानें। इन सबमे आप अपने पति, परिवार और दोस्तों की मदद ले सकती हैं। शारीरिक गतिविधियों के लिए समय निकालें। मन बनाने के लिए दोस्तों के साथ व्यायाम करें।

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गर्भावस्था के बाद व्यायाम करना आसान नहीं होता है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी साबित हो सकता है, साथ ही साथ इनको करने से आपको अपने नवजात शिशु की देखभाल के लिए ऊर्जा भी मिलती है।

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  1. सबसे पहले, अपने लिए उपयुक्त व्यायाम के बारे में डॉक्टर से बात करें। यदि आप एनीमिया से पीड़ित, अधिक वजन या पहले कभी एक्सरसाइज न करने वाली महिला हैं तो वो आपको डिलीवरी और अन्य स्थितियों के आधार पर सुझाव देंगे। (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज)
  2. पर्याप्त वार्म अप (Warm up) के साथ हल्के और आसानी से व्यायाम शुरु करें। वार्म अप करने के लिए हल्के और कम तीव्रता वाले व्यायाम की शुरुआत आप पांच मिनट चलकर या साइकिलिंग करके अपने शरीर को व्यायाम के लिए तैयार कर सकती हैं। उसके बाद 15 से 30 मिनट की एरोबिक गतिविधि में नाचना, घूमना, साइकिल चलाना, तैराकी, स्कीइंग से शुरुआत करें। अपनी हृदय दर 140 बीट प्रति मिनट रखें।
  3. जोड़ों को अधिक न फैलाएं ऐसा करने से उनमें दर्द हो सकता है। प्रसव के बाद महिला के शरीर में शेष हार्मोनों के उच्च स्तर के कारण मांसपेशियां और लिगामेंट्स (हड्डियों को जोड़ने वाली मासपेशियां) नरम हो जाते हैं और जोड़ अस्थिर हो जाते हैं इसलिए व्यायाम धीरे धीरे करना चाहिए। झटकेदार, उछलने वाले व्यायामों को न करें। और कंक्रीट जैसी कठोर सतह पर व्यायाम न करें, दिशा में तेजी से बदलाव न करें क्योंकि ऐसा करने से संतुलन बिगड़ सकता है।
  4. खूब सारे तरल पदार्थ पिएं।
  5. सहायक ब्रा पहनें और यदि आप स्तनपान कराती हैं तो नर्सिंग पैड जो स्तनपान के दौरान होने वाले स्तन रिसाव में सहायक होते हैं, उनका उपयोग करें।
  6. यदि आप निम्न लक्षणों में से किसी का अनुभव करें, तो आपको व्यायाम करना बंद कर देना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:

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डिलीवरी के बाद एक्सरसाइज शुरू करना शरीर की ताकत और लचीलापन वापस पाने के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन इसे धीरे-धीरे और सही तरीके से करना जरूरी है। शुरुआत में हल्की वॉक, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (कीगल्स) से शुरुआत करें। ये मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती हैं और ऊर्जा स्तर को बढ़ाती हैं। अगर डिलीवरी के दौरान सिजेरियन या कोई जटिलता रही हो, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही एक्सरसाइज शुरू करें। धीरे-धीरे, आप योग, स्ट्रेचिंग, और हल्की कार्डियो एक्टिविटी को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं। शरीर की सुनें और ओवरएक्सर्ट करने से बचें। नियमित एक्सरसाइज से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक ताजगी भी बनी रहती है।

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