गर्भावस्था के दौरान त्वचा के फैलने के कारण खिंचाव के निशान विकसित होते हैं। गर्भावस्था के खिंचाव के निशान आमतौर पर पेट के निचले हिस्से, पेट के दोनों साइड, नितंब, जांघों और स्तनों पर पाए जा सकते हैं। इस स्थिति को मेडिकल रूप से स्ट्राई ग्रेविडेरम (Striae gravidarum) कहा जाता है। स्ट्राई का मतलब है खिंचाव के निशान। ग्रेविडेरम का मतलब है गर्भावस्था। संस्कृत स्रोत के अनुसार, ऐसी स्थिति जिसमें त्वचा में खिचाव हो, साथ ही त्वचा पर खुजली, जलन या किसी प्रकार की असुविधा महसूस हो, उसे किक्कीस (Kikkisa) कहा जाता है।
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आयुर्वेद के अनुसार, खिंचाव के निशान पित्त और कफ दोष के असंतुलन के कारण होते हैं। कफ दोष खुजली का कारण बनता है और पित्त बर्निंग सेंसेशन (सनसनी) का कारण बनता है। आम तौर पर कुछ महिलाओं में डिलीवरी के बाद ये खिंचाव के निशान अपने आप ही साफ़ हो जाते हैं। जबकि कुछ महिलाओं में यह कुछ महीनों तक या स्थायी रूप से रहते हैं। हालांकि प्रसव के बाद खुजली और जलन पूरी तरह से कम हो जाती है। आइए जाने किस तरह से आयुर्वेद इन स्ट्रेच मार्क्स का समाधान दे रहा है -