क्‍या आप जानते हैं कि शरीर में प्रचुरता से मिलने वाले खनिज पदार्थों (मिनरल्‍स) में मैग्नीशियम चौथे स्‍थान पर आता है। अगर शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाए तो हमारे शरीर में 400 से ज्‍यादा जैव रासायनिक प्रतिक्रियाएं अवरूद्ध हो जाती हैं या पूरी तरह से बंद हो जाती हैं, जैसे कि मांसपेशियों के संकुचन से लेकर डीएनए का काम करना आदि।

हमारे शरीर की प्रत्‍येक कोशिका को मैग्‍नीशियम की जरूरत होती है। शरीर में मैग्नीशियम की प्रचुरता स्‍वस्‍थ रहने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। ह्रदय की सेहत को लेकर ये बात खासतौर पर सही साबित होती है।

  1. ह्रदय के लिए मैग्‍नीशियम क्यूँ जरूरी है?
  2. क्‍या आप के शरीर में मैग्‍नीशियम की कमी है?
  3. हमें कितनी मात्रा में मैग्‍नीशियम की जरूरत है?
  4. सारांश

वैसे तो मैग्‍नीशियम ह्रदय से संबंधित अने‍क प्रक्रियाओं का हिस्‍सा है लेकिन ये प्रमुख तौर पर तीन कार्य करता है:

  • कैल्शियम को संतुलित करना
    मैग्‍नीशियम ह्रदय की मांसपेशियों की कोशिकाओं में कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करता है। इसके बिना ह्रदय की कोशिकाओं में कैल्शियम की मात्रा बढ़ सकती है और इससे मांसपेशियों की कोशिकाओं में अत्‍यधिक संकुचन पैदा होता है। इसकी वजह से एंजाइना (सीने में दर्द) या अचानक हार्ट अटैक आ सकता है।

  • दिल की धड़कन को नियंत्रित करना
    चूंकि, मैग्‍नीशियम इलेक्‍ट्रोलाइट के रूप में भी काम करता है इसलिए ये शरीर में होने वाली सभी इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के लिए जरूरी होता है। इलेक्‍ट्रोलाइट के अपर्याप्‍त होने पर इलेक्ट्रिकल संकेतों के आने-जाने में रुकावट पैदा होती है। इन संकेतों के बिना दिल खून पंप नहीं कर सकता है।

(और पढ़ें - इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण)

  • हाई ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल करना
    हार्ट अटैक के प्रमुख कारणों में हाई बीपी भी शामिल है। अगर शरीर में मैग्‍नीशियम संतुलित स्‍तर में हो तो इससे रक्‍त प्रवाह आसानी से होता है।

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मैग्‍नीशियम की कमी (हाइपोमैग्‍नीसीमिया) को अकसर नजरअंदाज कर दिया जाता है क्‍योंकि आमतौर पर लो मैग्‍नीशियम लेवल की जांच नहीं की जाती है। इसलिए आपको इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर किसी व्‍यक्‍ति में मैग्‍नीशियम की कमी हो तो उसमें एसिड रिफ्लक्स, हाई ब्‍लड प्रेशर, थकान, माइग्रेन, मांसपेशियों में ऐंठन, अनियमित दिल की धड़कन, चिंता, कब्ज और किडनी स्‍टोन जैसे लक्षण दिखते हैं।

इंडिया एपेक्‍स फॉर मेडिकल रिसर्च, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार पुरुषों को दिनभर में 340 ग्राम और महिलाओं को 310 ग्राम मैग्‍नीशियम की जरूरत होती है। फलों, सब्जियों और सूखे मेवों को अपने आहार में शामिल कर आसानी से रोजाना की मैग्‍नीशियम की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।

कई लोगों में मैग्‍नीशियम की कमी होती है और अगर आपमें भी इस आवश्‍यक मिनरल की कमी है तो डॉक्‍टर की सलाह पर मैग्‍नीशियम सप्‍लीमेंट लेना शुरु करें। अगर आप संतुलित आहार लेते हैं तो कुछ महीनों में ही आपके शरीर में मैग्‍नीशियम की कमी दूर हो जाएगी और फिर आपको मैग्‍नीशियम सप्‍लीमेंट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

मैग्‍नीशियम के प्राकृतिक स्रोतों में बिना नमक के सूखे मेवे, सभी हरी पत्तेदार सब्जियां, बीज, ट्यूना मछली, डार्क चॉकलेट, केला, बैरीज़, टोफू और साबुत अनाज शामिल हैं। मैग्‍नीशियम से युक्‍त सभी चीजें स्‍वादिष्‍ट हैं और आसानी से आप इन्‍हें अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं।

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मैग्नीशियम दिल को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह खनिज मांसपेशियों के संकुचन और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे दिल की धड़कन नियमित रहती है। मैग्नीशियम धमनियों को आराम देता है, रक्त प्रवाह में सुधार करता है, और उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम घटता है। यह खनिज कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करता है और सूजन को कम करता है, जो हृदय रोगों को रोकने में मदद करता है। मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, बीज, और साबुत अनाज को आहार में शामिल करने से दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।

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