भागती दौड़ती जिंदगी में अधिकतर लोग सही पौष्टिक आहार नहीं ले पा रहे हैं, जिससे उनके बालों को आवश्यक पोषण नहीं मिल पा रहा है. वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण के कारण भी बालों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. तनाव और मानसिक दबाव जैसी समस्याएं भी कहीं न कहीं हेयर डैमेज का कारण बन रही हैं. इन सभी कारकों के साथ कुछ हेयर डिजीज भी हैं, जिनके बारे में पता होना जरूरी है, ताकि उनका समय रहते इलाज किया जाए. ऐसी ही एक हेयर प्रॉब्लम है, जिसे स्कारिंग एलोपेसिया या दागदार गंजापन कहा जाता है.

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि स्कारिंग एलोपेसिया के लक्षण, कारण व इलाज क्या-क्या हैं -

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  1. स्कारिंग एलोपेसिया क्या है?
  2. स्कारिंग एलोपेसिया का प्रभाव क्या हैं?
  3. स्कारिंग एलोपेसिया का लक्षण
  4. स्कारिंग और नॉनस्कारिंग एलोपेसिया के बीच अंतर
  5. स्कारिंग एलोपेसिया के प्रकार
  6. स्कारिंग एलोपेसिया के कारण
  7. स्कारिंग एलोपेसिया का निदान
  8. स्कारिंग एलोपेसिया का इलाज
  9. सारांश
जानिए स्कारिंग एलोपेसिया के बारे में के डॉक्टर

हेयर फॉलिकल्स के कारण ही आपकी त्वचा पर बाल उगते हैं. स्कारिंग एलोपेसिया, जिसे सिकाट्रिकियल एलोपेसिया भी कहा जाता है, बालों के झड़ने का एक प्रकार है, जो आपके हेयर फॉलिकल्स के नष्ट होने की वजह से पैदा होता है. स्कारिंग एलोपेसिया के कारण बालों का झड़ना स्थायी हो सकता है, क्योंकि हेल्दी हेयर फॉलिकल्स के बिना आपके बाल वापस नहीं उग सकते हैं.

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स्कारिंग एलोपेसिया आपके शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन आमतौर पर यह सिर के बालों को ही प्रभावित करता है. स्कारिंग एलोपेसिया के कारण बाल झड़ने और गंजेपन के कारण व्यक्ति पर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी हो सकते हैं.

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स्कारिंग एलोपेसिया के चलते जिस हिस्से के बाल झड़ना शुरू होते हैं, वहां गंजेपन का पैच नजर आने लगता है. यह बिना बालों का पैच, एक या अनेक हो सकते हैं. स्कारिंग एलोपेसिया अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग दिख सकता है. बालों के झड़ने के अलावा, कुछ लोगों को त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे -

  • खून बहना.
  • छाले पड़ना.
  • जलन महसूस होना.
  • पपड़ी या स्केलिंग जमना.
  • खुजली, झुनझुनी या सेंसटिविटी होना.
  • फुंसी दिखाई देना.
  • लाल या गंदे पैच दिखाई देना.

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स्कारिंग एलोपेसिया, हेयर फॉलिकल्स के नष्ट होने के कारण स्थायी रूप से बालों का झड़ना है. नॉनस्कारिंग एलोपेसिया में बाल झड़ सकते हैं या कम हो सकते हैं, लेकिन आपके हेयर फॉलिकल्स नष्ट नहीं होते हैं. इसलिए नॉनस्कारिंग एलोपेसिया अस्थायी हो सकता है और आपके बाल वापस उग सकते हैं. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया, जिसे पुरुष या महिला पैटर्न बाल्डनेस भी कहा जाता है, नॉनस्कारिंग एलोपेसिया का सबसे आम प्रकार है.

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स्कारिंग एलोपेसिया के दो प्रकार होते हैं -

  • प्राइमरी स्कारिंग एलोपेसिया - यह ऑटोइम्यून विकार के कारण होता है, जो सीधे हेयर फॉलिकल्स को लक्षित करके नष्ट कर देता है. 
  • सेकंडरी स्कारिंग एलोपेसिया - यह त्वचा पर चोट या क्षति का एक दुष्प्रभाव हो सकता है. इसमें जलने, संक्रमण फैलने, रेडियेशन के कारण या ट्यूमर के कारण बाल झड़ सकते हैं.

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जैसा कि हमने बताया कि अधिकांश प्रकार के स्कारिंग एलोपेसिया में आपके हेयर फॉलिकल्स के आसपास सूजन होती है. हेयर फॉलिकल्स के इस भाग में स्टेम कोशिकाएं और तेल ग्रंथियां होती हैं, जो नए बालों के विकास के लिए आवश्यक होती हैं. सूजन होने की वजह से हेयर फॉलिकल का यह हिस्सा नष्ट हो जाता है और ये डेड स्किन सेल्स एक गोलाकार फाइब्रोसिस बनाता है, जो गंजेपन के दाग के रूप में दिखाई देने लगता हैं. आमतौर पर स्कारिंग एलोपेसिया वाले लोगों में फॉलिक्युलर ओस्टिया यानी आपकी त्वचा में वे छिद्र जहां हेयर फॉलिकल्स होते हैं, बंद हो जाते हैं.

नॉनस्कारिंग एलोपेसिया में, आमतौर पर आपके हेयर फॉलिकल्स के बेस को नुकसान होता है, उसके उभार को नहीं. यही कारण है कि यदि अगर किसी को नॉन स्कारिंग एलोपेसिया है, तो बाल अक्सर दोबारा उग सकते हैं.

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स्कारिंग एलोपेसिया को पहचानने के लिए डॉक्टर कुछ जांच कर सकते हैं, जिनमें नीचे लिखी जांच तकनीक शामिल हो सकती हैं -

शारीरिक परीक्षण

इसमें डॉक्टर आपके बालों के झड़ने के स्थान और पैटर्न को देखता है. आपकी उस त्वचा की भी जांच करते हैं, जहां आपके बाल झड़ गए हैं. वो अच्छी तरह हेयर फॉलिकल्स की जांच करेंगे कि उनमें सूजन है या नहीं.

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मेडिकल हिस्ट्री

इस समस्या की जांच के लिए डॉक्टर आपकी उम्र, लिंग, बालों की देखभाल के तरीकों और पूरे स्वास्थ्य का मूल्यांकन करते हैं. अगर आपको कुछ मेडिकल समस्याएं हैं, जैसे ल्यूपसएनीमिया या थायरॉयड तो रोग के बारे में डॉक्टर को बताएं. कुछ बीमारियों की जांच के लिए वो रक्त परीक्षण कर सकते हैं, जो बालों के झड़ने का कारण हो सकती हैं.

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त्वचा की बायोप्सी

त्वचा की बायोप्सी स्कारिंग एलोपेसिया की पुष्टि कर सकती है. जहां आपको समस्या है उस स्थान से स्किन का एक छोटा सैंपल लिया जाता और डॉक्टर माइक्रोस्कोप से सैंपल को देखता है. वे सूजन से लड़ने वाली प्रतिरक्षा कोशिकाओं की जांच करते हैं कि वो कितनी प्रभावी हैं. इस प्रकार के टेस्ट के बाद डॉक्टर आपको बता सकते हैं कि आपको किस प्रकार का सिकाट्रिकियल एलोपेसिया है. कभी-कभी बायोप्सी में स्कार टिश्यू (प्रभावित ऊतक) तो दिखता है, लेकिन सूजन से लड़ने वाली कोशिकाएं नहीं दिखतीं. डॉक्टर इसे एंड-स्टेज स्कारिंग एलोपेसिया (ESSA) के रूप में पहचान सकते हैं. इसका मतलब होता है कि स्थिति सक्रिय सूजन प्रतिरक्षा से आगे बढ़ चुकी है, इसलिए उपचार कम प्रभावी हो सकता है.

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स्कारिंग एलोपेसिया का कोई इलाज नहीं है. इसमें सिर्फ लक्षणों को कम किया जा सकता है या बालों के झड़ने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है. कुछ कॉस्मेटिक उपचार हैं, जो बाल झड़ने से बने पैच को कवर कर सकते हैं, जैसे - हेयर ट्रांसप्लांट.

इसके लक्षणों में कमी लाने के लिए डॉक्टर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा दे सकते हैं. एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा हेयर फॉलिकल्स में सूजन पैदा करने वाली कोशिकाओं से लड़ती है. कुछ एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं क्रीम या तेल के रूप में आ सकती हैं, जिन्हें त्वचा पर लगाया जा सकता है. बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होने वाले स्कारिंग एलोपेसिया के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता होती है, जैसे डॉक्सीसाइक्लिन या मिनोसाइक्लिन.

अधिकांश लोग छह से 12 महीने तक दवा लेते हैं, जब तक कि लक्षणों में सुधार नहीं हो जाता और बालों का झड़ना धीमा या बंद नहीं हो जाता. यदि आपके बाल अधिक झड़ने लगते हैं, तो आपको फिर से दवा लेना शुरू करने की आवश्यकता हो सकती है.

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय)

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तो आपने जाना कि स्कारिंग एलोपेसिया क्या है और यह किस प्रकार से आपके बालों को प्रभावित करता है. इस समस्या का कोई स्थाई उपचार नहीं है, इसलिए इससे बचाव के तरीके अपनाएं. बालों को नियमित रूप से केमिकल फ्री शैम्पू से धाेएं. हीट, सूरज की किरणों और हानिकारक कलर्स से बालों को बचाना चाहिए. अगर आपको गंजेपन के धब्बे नजर आते हैं, समय रहते इनका उपचार कराएं, ताकि बाकि बालों में स्कारिंग एलोपेसिया को फैलने से रोका जा सका.

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