पीठ दर्द या कमर दर्द एक बहुत ही आम समस्या है, जो हर उम्र और लिंग के लोगों को प्रभावित करता है। ये कोई बीमारी नहीं है, लेकिन कमर का दर्द किसी अंदरूनी समस्या के कारण हो सकता है, जैसे गुर्दे की पथरी, रीढ़ की हड्डी का आर्थराइटिस आदि। पीठ का दर्द हल्का या बहुत तेज हो सकता है, जो ऊपर कंधों तक या नीचे पैरों तक भी फैल सकता है। कुछ मामलों में, दर्द तभी होता है जब व्यक्ति नीचे झुकता है या हिलता-डुलता है। ज्यादातर मामलों में, आराम करने से कमर दर्द के लक्षण ठीक हो जाते हैं।
पीठ का दर्द कोई शारीरिक गतिविधि करते समय मांसपेशियों के खिंचाव या लिगामेंट में खिंचाव आने के कारण हो सकता है। रीढ़ की हड्डी और उसकी डिस्क में चोट लगने के कारण भी पीठ का दर्द हो सकता है। पीठ दर्द के अन्य कारण, गठिया, हड्डियों की बीमारियां और ऑस्टियोपोरोसिस आदि हो सकते हैं। ये समस्या बूढ़े लोगों में काफी आम है। मोटापा, शारीरिक गतिविधि न करना, ठीक से न उठना-बैठना और डिप्रेशन व चिंता जैसी मानसिक समस्याओं के कारण भी पीठ दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है।
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ज्यादातर मामलों में, कमर दर्द कुछ घंटों या दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, अगर समस्या का कारण कुछ गंभीर है, तो आपको अच्छे उपचार की आवश्यकता होगी। आमतौर पर, पीठ के दर्द का पता एक्स-रे जैसे इमेजिंग टेस्ट के द्वारा चलता है।
दर्द को ठीक करने के लिए व इसके कारण का इलाज करने के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाएं जैसे, ब्रायोनिया एल्बा (Bryonia Alba), डुलकमारा (Dulcamara) और नक्स वोमिका (Nux Vomica) आदि असरदार सिद्ध हुई हैं।