वैसे तो ज्यादातर लोग अपने जीवन में कभी न कभी कमर दर्द का अनुभव जरूर करते हैं। आमतौर पर 35 से 55 साल के वयस्कों में कमर दर्द की समस्या आम बात है। वैसे तो किसी भी व्यक्ति को कमर में दर्द का खतरा बढ़ सकता है, अगर उनकी शारीरिक सेहत खराब हो, उनका वजन अधिक हो या वे शारीरिक रूप से कठिन परिश्रम वाला काम करते हों। लेकिन क्या आपका जेंडर भी आपको अधिक कमर दर्द के जोखिम में डाल सकता है?
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एक स्टडी की मानें तो महिलाएं, पुरुषों की तुलना में लंबे समय तक रहने वाले दीर्घकालिक कमर दर्द और साइटिका के दर्द की समस्या से ज्यादा परेशान रहती हैं। इस अध्ययन के अनुसार, जो जीन संस्करण महिलाओं में पुराने दर्द को बढ़ावा देता है वही जीन पुरुषों में दर्द को दबा देता है। शोध में लगभग 300 मरीजों को शामिल किया गया था जो डिस्क प्रोलैप्स की समस्या से पीड़ित थे। अध्ययन में, यह पता चला कि महिलाओं की तुलना में पुरुष अपने दर्द से अधिक जल्दी ठीक हो गए। अमेरिका के सीडीसी की मानें तो जहां 30 प्रतिशत महिलाओं को कमर दर्द की समस्या होती है वहीं कमर दर्द से पीड़ित पुरुषों की संख्या 26 प्रतिशत है। इसके अलावा करीब 50 से 70 प्रतिशत महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द का अनुभव होता है।
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महिलाओं में कमर दर्द होने के कई संभावित कारण हैं। कुछ महिलाओं में कमर दर्द की परेशानी किसी विशिष्ट परिस्थितियों से संबंधित हैं, जबकि अन्य कारण ऐसे हैं जो किसी भी महिला को हो सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको महिलाओं में कमर दर्द के संभावित कारणों के बारे में, इलाज और कमर दर्द के घरेलू उपचार के बारे में भी जानकारी देंगे।