छाती के दर्द को ज्यादातर लोग हार्ट अटैक का लक्षण समझ लेते हैं, खासकर अगर ये छाती की बाईं तरफ हो। हालांकि, छाती में दर्द होने के और भी बहुत से कारण हो सकते हैं। फेफड़ों, पसलियों, ग्रासनली, पेट और छाती की मासंपेशियों से संबंधित समस्याएं होने पर आपको छाती में दर्द हो सकता है। ये कारण हृदय से संबंधित नहीं होते, हालांकि इनके कारण होने वाले छाती के दर्द को भी लोग हार्ट अटैक समझ लेते हैं। हृदय से संबंधित समस्यायों के कारण होने वाले छाती के दर्द को “एनजाइना” (Angina) कहते हैं। काफी मामलों में छाती के दर्द का कारण मानसिक व शारीरिक तनाव होता है। इसके अलावा चिंता और पैनिक अटैक के कारण भी आपको छाती का दर्द हो सकता है। डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को भी छाती में दर्द की शिकायत होती है। छाती में दर्द के साथ आपको कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे छाती में जकड़न, मुंह का स्वाद कडवा होना, मतली, उलटी, चक्कर आना और सांस फूलना।
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छाती में दर्द होने पर आपको सीने के बीच में तेज दर्द हो सकता है और ऐसा महसूस हो सकता है जैसे कोई छाती को दबा रहा है। छाती में दर्द के इलाज के लिए होम्योपैथिक उपचार असरदार साबित हुआ है। होम्योपैथी में रोगी के लक्षणों के आधार पर उसे ऐसी दवा दी जाती है जो एक स्वस्थ व्यक्ति में ऐसे ही लक्षण पैदा कर सकती है। इस तरह, होम्योपैथी समस्या को जड़ से ठीक करती है। छाती में दर्द होने पर उपयोग की जाने वाली आम दवाएं हैं कैक्टस ग्रैन्डिफ्लोरस (Cactus grandiflorus), ब्रायोनिया एल्बा (Bryonia alba), नक्स वोमिका (Nux vomica), फॉस्फोरस (Phosphorus) और नाज़ा ट्रिपुदीयन (Naja tripudians)।
- होम्योपैथी में छाती में दर्द का इलाज कैसे होता है - Homeopathy me chest pain ka ilaaj kaise hota hai
- छाती में दर्द की होम्योपैथिक दवा - Chest pain ki homeopathic dawa
- होम्योपैथी में छाती में दर्द के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me chest pain ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
- छाती में दर्द के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Chest pain ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
- छाती में दर्द के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Chest pain ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
होम्योपैथी में छाती में दर्द का इलाज कैसे होता है - Homeopathy me chest pain ka ilaaj kaise hota hai
छाती में दर्द का कोई गंभीर व क्रोनिक कारण हो सकता है, जैसे हृदय की धमनियों में रुकावट, हार्ट फेलियर या हृदय के वाल्व को किसी प्रकार का नुकसान। होम्योपैथिक उपचार में रोगी की समस्या के कारण को जड़ से खत्म किया जाता है। होम्योपैथिक उपचार द्वारा व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है। इससे हृदय में खून की सप्लाई भी बेहतर होती है, जिससे छाती का दर्द ठीक होता है। हालांकि, समस्या को पूरी तरह ठीक करने के लिए डॉक्टर के लिए रोगी के लक्षण और उसकी समस्या को अच्छे से समझना व उनका अवलोकन करना महत्वपूर्ण होता है।
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होम्योपैथी के संस्थापक, डॉक्टर हैनिमन के अनुसार, रोगी का इलाज उसकी समस्या के कारण के आधार पर किया जाना जरुरी है। अगर समस्या की वजह का इलाज किया जाता है, तो रोगी को उस समस्या से स्थाई रूप से आराम मिलता है। खासकर, लंबी चलने वाली समस्याओं के मामलों में। इसीलिए अपनी समस्या से पूर्ण रूप से आराम पाने के लिए आपको एक योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर से सही उपचार लेना चाहिए।
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छाती में दर्द की होम्योपैथिक दवा - Chest pain ki homeopathic dawa
होम्योपैथी में छाती के दर्द के इलाज के लिए बहुत सी दवाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, हर दवा के अपने अलग लक्षण होते हैं जिनके अनुसार दवा का उपयोग किया जाता है। छाती के दर्द के लिए आमतौर पर उपयोग होने वाली कुछ मुख्य दवाएं निम्नलिखित हैं:
- अर्निका मोंटाना (Arnica Montana)
सामान्य नाम: लेपर्ड्स बेन (Leopard’s bane)
लक्षण: नीचे दिए गए लक्षण या स्थितियों में आपको इस दवा की आवश्यकता होती है:- चोट, गिरने या छाती पर कुछ लगने के कारण दर्द। (और पढ़ें - चोट लगने पर क्या करें)
- अकड़न या नील के साथ छाती में दर्द।
- नसों में दर्द। (और पढ़ें - नसों में दर्द के घरेलू उपाय)
- किसी अंग के ज्यादा इस्तेमाल होने या मोच के कारण दर्द होना। (और पढ़ें - मोच आने पर क्या लगाएं)
- हड्डियों और कार्टिलेज को प्रभावित करने वाली समस्याएं।
- छाती का दर्द जो कोहनी तक फैलता है, एनजाइना की तरह।
- हृदय के क्षेत्र में तेज दर्द होना।
- नील पड़ने के कारण त्वचा नीली होना। आसानी से खून निकलने की प्रवृत्ति और कंधों व पीठ में दर्द। (और पढ़ें - पीठ दर्द के घरेलू उपाय)
- हल्का सा छूने पर भी दर्द होना और लेटने पर दर्द का बेहतर होना।
- हृदय से संबंधित लक्षणों के साथ-साथ सांस लेने में दिक्कत।
- ब्रायोनिया एल्बा (Bryonia Alba)
सामान्य नाम: वाइल्ड हॉप्स (Wild Hops)
लक्षण: जिन लोगों को निम्नलिखित लक्षण अनुभव होते हैं, उन्हें ये दवा दी जाती है:- तेज दर्द, जैसे मांसपेशियां या अंग फट रहे हैं।
- चिड़चिड़ापन।
- हल्का सा भी हिलने-डुलने पर दर्द का बढ़ना।
- छाती में दबाव महसूस होना।
- दर्द के साथ-साथ बहुत ज्यादा होंठ व मुंह सूखना और ज्यादा प्यास लगना। (और पढ़ें - पानी कैसे पीना चाहिए)
- कब्ज के साथ सख्त मल आना। पेट में बहुत ज्यादा भारीपन होना, जिसके कारण व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे कि उसके पेट में स्टोन है। (और पढ़ें - कब्ज दूर करने के घरेलू उपाय)
- ब्रोंकाइटिस के साथ खांसी व बलगम में ब्राउन रंग आना।
- बहुत ज्यादा खांसी होने के कारण ऐसा महसूस होना जैसे छाती फटने वाली है। (और पढ़ें - खांसी के लिए घरेलू उपाय)
- तेज सिरदर्द होना, जैसे सिर फट रहा हो। (और पढ़ें - सिर दर्द के लिए योग)
- बार-बार गहरी सांस लेने की इच्छा होना ताकि फेफड़े पूरी तरह से खुल सके।
- काली कार्बोनिकम (Kali Carbonicum)
सामान्य नाम: कार्बोनेट ऑफ़ पोटैशियम (Carbonate of potassium)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:- कमजोरी। (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के उपाय)
- डिप्रेशन। (और पढ़ें - डिप्रेशन के घरेलू उपाय)
- छाती में अलग-अलग तरह के दर्द महसूस होना।
- घूमने पर दर्द बेहतर होना।
- ब्रोंकाइटिस।
- सूखी खांसी और सांस फूलना, जो रात को 2 से 3 बजे के बीच में अधिक होती है। (और पढ़ें - सांस फूलने के उपाय)
- सांस लेते समय आवाज आना। व्यक्ति को बैठने और झुकने में आराम महसूस होता है। (और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करें)
- चिंता और धड़कन तेज होना।
- सीने में जलन। (और पढ़ें - सीने में जलन के लिए क्या करें)
- कमजोरी और अकड़न के साथ पीठ में दर्द।
- फॉस्फोरस (Phosphorus)
सामान्य नाम: फॉस्फोरस (Phosphorus)
लक्षण: ये दवा उन लोगों को ज्यादा सूट करती है जो लंबे व पतले हैं और जिनकी छाती कम चौड़ी है। ऐसे लोग रौशनी, आवाज़, महक या मौसम के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं। नीचे दिए गए लक्षणों में इस दवा की आवश्यकता होती है:- श्वसन तंत्र में सूजन। (और पढ़ें - ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण के लक्षण)
- अचानक लक्षण अनुभव होने लगना।
- बहुत ज्यादा खांसी आना और फेफडे भरे हुए महसूस होना। (और पढ़ें - फेफड़ों में पानी भरने के लक्षण)
- छाती में हृदय के क्षेत्र में घबराहट महसूस होना और धड़कन तेज हो जाना। (और पढ़ें - घबराहट कम करने के उपाय)
- दिल का बढ़ना, चौड़ा होना या फैल जाना।
- ठंडा पानी पीने की इच्छा होना। (और पढ़ें - ठंडा पानी पीने के फायदे)
- नक्स वॉमिका (Nux Vomica)
सामान्य नाम: पाइजन नट (Poison nut)
लक्षण: ये दवा आजकल की जीवनशैली के लिए बहुत असरदार है जहां लोग अपनी ज़िंदगी में बहुत व्यस्त व चिंतित रहते हैं और उन्हें सिगरेट, शराब जैसे नशे की आदत है। ऐसे लोग आवाज़, तेज गंध और रौशनी के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होते हैं। ये दवा अधिकतर पुरुषों को दी जाती है क्योंकि उनके लिए ये अधिक असरदार साबित हुई है। हालांकि, ये महिलाओं को भी दी जा सकती है। नीचे दिए लक्षणों में इस दवा का उपयोग होता है:- पेट से शुरू होने वाला छाती का दर्द, गर्ड और गैस पास करने में दिक्कत। (और पढ़ें - पेट की गैस दूर करने के उपाय)
- कुछ-कुछ समय बाद छाती में खिंचाव महसूस होना। (और पढ़ें - छाती में दर्द होने पर क्या करें)
- पेट फूलने या भरने के कारण अस्थमा होना। (और पढ़ें - अस्थमा अटैक आने पर क्या करें)
- सांस फूलना या बहुत हलकी सांस लेना।
- पल्सेटिला प्रैटेंसिस (Pulsatilla pratensis)
सामान्य नाम: विंडफ्लॉवर (Windflower)
लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए अधिक प्रभावी है जो नर्म व सुशील स्वभाव के होते हैं। ऐसे लोग बहुत नाजुक स्वभाव के होते हैं और जल्दी से रोने लगते हैं। ये लोग बहुत अस्थिर भी होते हैं और उन्हें हमेशा खुली हवा में रहना पसंद होता है। ये महिलाओं के लिए एक अच्छी दवा है, बहुत ही कम मामलों में पुरुषों को दी जाती है। नीचे दिए गए लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:- छाती में तेज खिंचाव के जैसा दर्द होना, जो खासतौर पर खांसी के कारण होता है। सुबह के समय बलगम वाली खांसी आना। (और पढ़ें - बलगम में खून आने के कारण)
- छाती के दर्द के साथ पेट के ऊपरी भाग में भी दर्द होना। (और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)
- छाती में दर्द के कारण ऐसा महसूस होना जैसे अल्सर का दर्द हो। (और पढ़ें - पेट में अल्सर के घरेलू उपाय)
- धड़कन तेज और चिंता होना, खासकर बंद कमरे में या दाहिंनी तरफ लेटने पर।
- नाजा ट्रिपुडियंस (Naja Tripudians)
सामान्य नाम: वेनम ऑफ़ दि कोबरा (Venom of the cobra)
लक्षण: ये दवा उन लोगों को सूट करती हैं जो सीने में दर्द के साथ दुखी व डिप्रेस होते हैं और उन्हें ख़ुदकुशी करने के ख्याल आते हैं। नीचे दिए गए लक्षण अनुभव करने पर आपको ये दवा दी जा सकती है:- दिल के क्षेत्र में दर्द और भारीपन।
- छाती के दर्द का गर्दन और दाहिंने कंधे की तरफ फैलना। (और पढ़ें - कंधे में दर्द का इलाज)
- मौत से अत्यधिक डर लगना और चिंतित होना।
- छाती में दर्द और हृदय संबंधी लक्षणों के साथ माथे में भी दर्द होना।
- धड़कन तेज होना।
- छाती में ऐसा दर्द होना जैसे टांके लगाए गए हों। (और पढ़ें - टांकों की देखभाल कैसे की जाती है)
- सांस लेने में दिक्कत।
- अकेले रहने का डर लगातार बने रहना और बारिश का भी डर होना।
- ताजी हवा में बेहतर महसूस करना।
- कैक्टस ग्रैंडिफ्लोरस (Cactus Grandiflorus)
सामान्य नाम: नाइट ब्लूमिंग सिअरियस (Night blooming cereus)
लक्षण: नीचे दिए गए लक्षण अनुभव करने पर ये दवा दी जाती है:- छाती लगातार भारी महसूस होने के साथ-साथ सांस भी फूलना।
- छाती में संकुचन महसूस होना, जिसके कारण सांस लेने में मुश्किल होती है। (और पढ़ें - छाती में फ्रैक्चर के लक्षण)
- डायाफ्राम में सूजन होना।
- धड़कन तेज होना और दर्द का दाईं ओर फैलना।
- लगातार ऐसा महसूस होना जैसे छाती में लोहे का कोई बैंड बांध दिया गया हो।
- डर व चिंता के कारण पसीना आना। (और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय)
- ब्लड प्रेशर लो होना। (और पढ़ें - लो ब्लड प्रेशर के घरेलू उपाय)
- नब्ज धीरे चलना।
- इतना तेज दर्द होना कि व्यक्ति दर्द से चिल्ला उठे।
- दाहिंनी तरफ लेटने पर लक्षण का बढ़ जाना।
- सीपिया (Sepia)
सामान्य नाम: इंकी जूस ऑफ कटलफिश (Inky juice of cuttlefish)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षण अनुभव करने पर आपको ये दवा दी जा सकती है:- सांस लेने में दिक्कत, खासकर चलते समय।
- रात के समय लक्षण बिगड़ जाना।
- छाती की दाहिंनी तरफ, पीठ पर और कंधे की निचली तरफ टांके लगने जैसा चुभने वाला दर्द होना।
- छाती में बलगम जमने के कारण भारीपन महसूस होना।
- हिलने-डुलने पर छाती का दर्द बढ़ जाना। (और पढ़ें - छाती में दर्द के घरेलू उपाय)
- छाती में खुजली, गुदगुदी और ऐंठन महसूस होना। (और पढ़ें - मांसपेशियों में ऐंठन के लक्षण)
- सांस लेते समय छाती में चुभने वाला दर्द उठना।
- लगातार अनियमित दिल की धड़कन होना।
- लगातार ऐसा महसूस होना जैसे पेट में कोई गांठ मौजूद है।
- मतली और उलटी के लक्षण लगातार महसूस होना। (और पढ़ें - उल्टी को रोकने के घरेलू उपाय)
- व्यक्ति का दुखी, डिप्रेस और बेचैन महसूस करना। (और पढ़ें - बेचैनी कैसे दूर करें)
- अकेले रहने का डर और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता।
- आत्मविश्वास की कमी, जिसके कारण लिखने-बोलने में गलतियां होती हैं। (और पढ़ें - आत्मविश्वास बढ़ाने के तरीके)
होम्योपैथी में छाती में दर्द के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me chest pain ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
होम्योपैथिक दवाओं का उपचार लेने के साथ-साथ आपको कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है, जैसे -
क्या करें:
- इन दवाओं को लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि ऐसा कुछ न खाएं या पिएं जिनसे दवाओं के काम या प्रभाव पर असर पड़ सकता है। आपकी जीवनशैली भी इन दवाओं को प्रभावित कर सकती है।
- शारीरिक तौर पर फिट और मानसिक रूप से तनावमुक्त रहने के लिए नियमित तौर पर व्यायाम अवश्य करें। (और पढ़ें - दिमाग शांत करने के उपाय)
- अपने खाने-पीने की चीजों का ध्यान रखें और पौष्टिक आहार का ही सेवन करें।
- अगर आपकी समस्या लंबे समय से चल रही है, तो इसके सारे लक्षणों को कहीं लिख लें।
- किसी भी बीमारी में व्यक्ति के लिए पर्याप्त आराम करना बेहद जरुरी होता है।
क्या न करें:
- होम्योपैथिक दवाओं को सुरक्षित रखना बहुत जरुरी होता है। इन्हें सीधी धूप और तेज सुगंध वाले पदार्थों से दूर रखें क्योंकि ऐसे पदार्थ दवा के असर को प्रभावित कर सकते हैं।
- आपके खान-पान की काफी चीजें इन दवाओं के प्रभाव पर बुरा असर डाल सकती हैं, इसीलिए कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन न करें, जैसे:
- तेज गंध वाले खाद्य या पेय पदार्थ, जैसे कॉफी, जड़ी बूटी वाली चाय, शराब और फ्लेवर वाली चॉकलेट। (और पढ़ें - शराब की लत छुड़ाने के घरेलू उपाय)
- औषधि वाले टूथपेस्ट या माउथवाश।
- तेज मसाले वाला खाना या सॉस। (और पढ़ें - मसालेदार खाने के नुकसान)
- आइसक्रीम जैसे ठंडे व जमे खाद्य पदार्थ।
- सूप में कच्ची सब्जियां या खाने में जड़ी बूटियां। (और पढ़ें - पालक का सूप बनाने की विधि)
- अजवाइन, अजमोद, बासा चीज़ और मीट।
- सुस्ती व आलस वाली जीवनशैली न अपनाएं।
(और पढ़ें - संतुलित आहार के फायदे)
छाती में दर्द के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Chest pain ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
होम्योपैथिक दवाओं को बहुत ही कम मात्रा में दिया जाता है, इसीलिए आजतक उनका कोई दुष्प्रभाव या उन्हें लेने का कोई जोखिम कारक सामने नहीं आया है। हालांकि, ये दवाएं बिना डॉक्टर से बात किए नहीं ली जानी चाहिए क्योंकि होम्योपैथी में दवाओं को व्यक्ति के लक्षण के आधार पर चुना जाता है। इन दवाओं को देने से पहले डॉक्टर रोगी से जुड़े हर पहलू का अच्छे से निरिक्षण व अवलोकन करते हैं और उसी आधार पर रोगी को दवा दी जाती है।
(और पढ़ें - टाइफाइड बुखार की होम्योपैथिक दवा)
छाती में दर्द के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Chest pain ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
छाती के दर्द को ज्यादातर लोग दिल का दौरा समझ लेते हैं, क्योंकि हार्ट अटैक आने पर भी छाती में तेज दर्द उठता है। हालांकि, छाती के दर्द के और भी बहुत से कारण हो सकते हैं और इसकी सटीक वजह को जानने के लिए व्यक्ति की सही से जांच की जानी चाहिए। होम्योपैथिक डॉक्टर व्यक्ति के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए और उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए उससे और उसकी ज़िंदगी से जुड़े हर पहलू का अवलोकन करते हैं।
(और पढ़ें - हार्ट अटैक आने के बाद क्या करना चाहिए)
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संदर्भ
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- Cleveland Clinic. [Internet]. Cleveland, Ohio. GERD: Non-Cardiac Chest Pain.
- National Center for Homeopathy :[internet]. Mount Laurel NJ. Homeopathy for cardiac conditions.
- National Center for Homeopathy :[internet]. Mount Laurel NJ. https://www.homeopathycenter.org/homeopathy-today/thought-behind-action-miasms-psora-syphilis-sycosis.
- William Boericke. Homoeopathic Materia Medica. Kessinger Publishing, 2004 580 pages. [internet]
- John Henry Clarke. Sepia. A Dictionary of Practical Materia Medica; Médi-T
- Wenda Brewster O’Reilly. Organon of the Medical art by Wenda Brewster O’Reilly. B jain Publishers New Delhi; [internet]
- Thomas H. Lee, M.D., Lee Goldman. Evaluation of the Patient with Acute Chest Pain. The New England Journal of Medicine