चिकन पॉक्स, वेरिसेला जोस्टर (Varicella zoster) नामक वायरस के कारण होने वाला एक इन्फेक्शन है। ये ज्यादातर एक हल्का संक्रमण होता है, जिसमें खुजली, थकान, बुखार के साथ चेहरे, पीठ, हाथ और पैर में चकत्ते हो जाते हैं जो बाद में फफोले बन जाते हैं। कुछ लोगों को चिकनपॉक्स में सिरदर्द भी महसूस होता है। चिकनपॉक्स के फफोले 4 से 5 दिनों में सूखकर अपने आप झड़ जाते हैं, हालांकि रोगी को पूरी तरह से ठीक होने में 10 दिन से 3 हफ़्तों तक का समय लग सकता है।
ये इन्फेक्शन ज्यादातर बच्चों को ही होता है और ये बहुत ही आसानी से फैल जाता है। चिकनपॉक्स संक्रमित व्यक्ति को छूने से या उसके छींकने व खांसने से भी फैल जाता है। कुछ गंभीर मामलों में, अगर खराब रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण चिकनपॉक्स ठीक न हो, तो इसमें व्यक्ति को फफोले, निमोनिया और दिमाग की सूजन जैसी जटिलताएं भी अनुभव हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में रोगी को तुरंत अस्पताल ले जाने की आवश्यकता होती है।
सामान्य तौर पर, चिकनपॉक्स से बचाने के लिए बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। होम्योपैथी में, कुछ बहुत असरदार दवाएं हैं, जो चिकनपॉक्स के लक्षणों को बिना किसी जटिलताओं के ठीक करती हैं। चिकनपॉक्स के इलाज के लिए ऐकोनाइट (Aconite), एंटीमोनियम क्रूडम (Antimonium crudum), बेलाडोना (Belladonna), पल्सेटिला (Pulsatilla) और सल्फर (Sulphur) जैसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
(और पढ़ें - चिकन पॉक्स वैक्सीन क्या है)
- होम्योपैथी में चिकन पॉक्स का इलाज कैसे होता है - Homeopathy me chicken pox ka ilaj kaise hota hai
- चिकन पॉक्स की होम्योपैथिक दवा - Chicken pox ki homeopathic dawa
- होम्योपैथी में चिकन पॉक्स के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me chicken pox ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
- चिकन पॉक्स के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Chicken pox ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
- चिकन पॉक्स के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Chicken pox ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
होम्योपैथी में चिकन पॉक्स का इलाज कैसे होता है - Homeopathy me chicken pox ka ilaj kaise hota hai
चिकनपॉक्स, गतिविधियों और क्षमता को सीमित कर देने वाली एक बीमारी है, लेकिन लक्षणों से आराम के लिए होम्योपैथिक उपचार लिया जा सकता है, जिससे रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता सुधरेगी। कई बच्चों को चिकनपॉक्स से बचाव के लिए टीका लगाया जाता है। हालांकि, एक अध्ययन के अनुसार, इस टीके के कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं। इसीलिए, टीका लगवाने से बेहतर होम्योपैथिक उपचार है, क्योंकि इससे कुछ समय के लिए व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, खासकर महामारी के समय। (और पढ़े - एमएमआर टीका क्या है)
होम्योपैथिक दवाओं को बीमारी होने से पहले दिया जा सकता है जैसे वायरस के लिए उसके प्रतिजन वाला टीका बीमारी होने से पहले दिया जाता है। व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर, रोगी और उसके परिवार के सदस्यों को ये दवाएं दी जा सकती हैं। अगर होम्योपैथिक दवाओं को संक्रमण होने से पहले दिया जाता है, तो ये लक्षणों को आरंभ होने से रोकने के लिए व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं। संक्रमण होने के बाद, लक्षणों के आधार पर व्यक्ति को एकोनाइट, बेलाडोना, पल्सेटिला और वैरियोलाइनम जैसी होम्योपैथिक दवाएं दी जा सकती हैं।
(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)
चिकन पॉक्स की होम्योपैथिक दवा - Chicken pox ki homeopathic dawa
चिकनपॉक्स होने पर रोगी के लक्षणों के आधार पर उसे निम्नलिखित होम्योपैथिक दवाएं दी जाती हैं:
- एकोनिटम नेपेलस (Aconitum Napellus)
सामान्य नाम: मौंक्सहुड (Monkshood)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:- अचानक लक्षण अनुभव होना।
- अचानक डर लगना।
- शारीरिक व मानसिक समस्याओं के साथ बेचैनी होना। (और पढ़ें - मानसिक रोग का इलाज)
- बुखार महसूस होना। (और पढ़ें - तेज बुखार होने पर क्या करना चाहिए)
- त्वचा में जलन होना।
- पूरे शरीर पर लाल चकत्ते।
- बहुत ज्यादा खुजली होना। (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)
- जलन और खुजली के कारण नींद न आना।
- रात के समय रूखी और ठंडी हवा के कारण लक्षण बढ़ जाना।
- खुली हवा में लक्षण बेहतर हो जाना।
- बहुत ज्यादा प्यास लगना। (और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी के लक्षण)
- बुखार में पसीना आने पर शरीर का तापमान कम होना, जिससे रोगी को बेहतर महसूस होता है। (और पढ़ें - शरीर का तापमान कितना होना चाहिए)
- चेहरे पर ठंडक महसूस होने के साथ पूरे शरीर में जलन होना।
- बेलाडोना (Belladonna)
सामान्य नाम: डेडली नाइटशेड (Deadly nightshade)
लक्षण: नीचे दिए गए कुछ लक्षणों को अनुभव करने पर इस दवा से राहत मिलती है:- अचानक लक्षण महसूस होना।
- शरीर में जलन होना, खासकर त्वचा पर।
- चेहरे पर पस से भरे फोड़े फुंसी होना। (और पढ़ें - फोड़े फुंसी का घरेलू इलाज)
- ग्रंथियों और लिम्फ नोड्स में सूजन के साथ त्वचा पर फोड़े-फुंसी होना।
- त्वचा और गले की ग्रंथियों में सूजन और दर्द। (और पढ़ें - गले में सूजन के लक्षण)
- लाल रंग के फफोले होना।
- बुखार में प्यास न लगना। (और पढ़ें - वायरल बुखार का इलाज)
- शरीर में बुखार के साथ जलन होना, लेकिन पांव ठंडे रहना।
- बुखार में केवल माथे पर पसीना आना।
- हल्का सा हिलने-डुलने पर भी लक्षण बिगड़ जाना।
- बेचैनी होना। (और पढ़ें - बेचैनी कैसे दूर करे)
- बीमारी में बार-बार गुस्सा आना। (और पढ़ें - गुस्सा कैसे कम करें)
- चेहरे का लाल और सूजा हुआ हो जाना।
- ऊपर के होंठ की सूजन।
- गले का दर्द जो कानों तक फैलता है और कुछ पीने से बढ़ जाता है। (और पढ़ें - गले में सूजन का इलाज)
- एंटीमोनियम क्रूडम (Antimonium Crudum)
सामान्य नाम: ब्लैक सल्फाइड ऑफ़ एंटीमनी (Black sulphide of antimony)
लक्षण: नीचे दिए गए लक्षणों में इस दवा को उपयोग किया जाता है:- पस या स्पष्ट तरल पदार्थ से भरे फोड़े-फुंसियां।
- त्वचा का सूखापन और जलन। (और पढ़ें - रूखी त्वचा की देखभाल)
- त्वचा पर जलन और पपड़ी बनकर पस निकलना।
- खुजली, जो रात के समय बढ़ जाती है।
- पेट की समस्याओं के साथ सूखे चकत्ते। (और पढ़ें - पेट फूल जाए तो क्या करें)
- भूख न लगना।
- रात के समय, गर्मी से और पानी से लक्षण बढ़ जाना।
- खुली हवा में लक्षण बेहतर होना।
- व्यक्ति को देखने पर या छूने पर उसे अच्छा महसूस न होना।
- मर्क्यूरियस सोलुबिलिस (Mercurius Solubilis)
सामान्य नाम: क्विकसिलवर (Quicksilver)
लक्षण: नीचे दिए गए कुछ लक्षणों को अनुभव करने पर ये दवा दी जाती है:- त्वचा का नम रहना। (और पढ़ें - त्वचा की एलर्जी के लक्षण)
- लक्षण ठीक न होने के साथ बहुत ज्यादा पसीना आना। (और पढ़ें - ज्यादा पसीना आना रोकने के घरेलू उपाय)
- स्पष्ट तरल पदार्थ से भरे फोड़े-फुंसी होना। (और पढ़ें - बच्चों के फोड़े फुंसी का इलाज)
- खुजली वाले फोड़े-फुंसी और चकत्ते होना, ज्यादातर बेड की गर्मी के कारण।
- फोड़े-फुंसी सूखने पर पीले रंग की पपड़ी जमना।
- लिम्फ नोड्स और ग्रंथियों की सूजन।
- बड़े, संक्रमित फोड़े-फुंसी होना। (और पढ़ें - स्किन इन्फेक्शन से बचने के उपाय)
- मौसम में हल्का सा भी बदलाव आने पर और रात के समय लक्षण बढ़ जाना।
- बच्चों में बहुत ज्यादा लार टपकना।
- पल्सेटिला प्रेटेंसिस (Pulsatilla Pratensis)
सामान्य नाम: विंडफ्लॉवर (Windflower)
लक्षण: ये दवा उन मामलों में इस्तेमाल की जाती है, जब संक्रमण आसानी से ठीक नहीं होता। ये उन बच्चों को ज्यादा सूट करती है जिन्हें प्यार-दुलार की आदत होती है और वे चाहते हैं उनपर ध्यान दिया जाए। नीचे दिए गए लक्षण अनुभव होने पर इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है:- बीमारी ठीक होने के बाद भी थोड़े लक्षण अनुभव होना, खासकर बच्चों में।
- पूरे शरीर पर लाल चकत्ते। (और पढ़ें - त्वचा पर चकत्तों के घरेलू उपाय)
- बच्चों में भावुकता और कमजोरी। (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के नुस्खे)
- नाक से गाढ़ा पीला रिसाव होना।
- प्यास न लगना।
- खुली हवा में लक्षण बेहतर हो जाना।
- संक्रमण ठीक होने के बाद भी कान में दर्द रहना। (और पढ़ें - कान के दर्द के लिए क्या करें)
- ज्यादातर भारी या ज्यादा खाना खाने के बाद लक्षण अनुभव करना।
- रस टोक्सिकॉडेंड्रन (Rhus Toxicodendron)
सामान्य नाम: पाइजन आइवी (Poison ivy)
लक्षण: ये दवा हर्पीस और अर्टिकेरिया जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए अच्छी है। निम्नलिखित समस्याओं में इस दवा का उपयोग किया जाता है:- त्वचा पर लाल, सूजे हुए फोड़े-फुंसी होना।
- बहुत ज्यादा खुजली होना। (और पढ़ें - खाज के लक्षण)
- त्वचा पर तरल पदार्थ से भरे फोड़े-फुंसी।
- ग्रंथियों की सूजन।
- पांव सूजना। (और पढ़ें - पैरों में सूजन के घरेलू उपाय)
- फोड़े-फुंसी में जलन के साथ पपड़ी जमना।
- बहुत प्यास लगना और ठंडा दूध पीने की इच्छा होना। (और पढ़ें - कच्चे दूध पीने के फायदे)
- बहुत ज्यादा थकान होने के कारण व्यक्ति का बेचैनी के साथ इधर-उधर घूमना।
- मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द। (और पढ़ें - जोड़ों में दर्द के उपाय)
- सब खाने की चीजें कड़वी लगना।
- रात को ठंड के कारण लक्षण बढ़ जाना।
- गर्म और रूखे मौसम में लक्षण बेहतर हो जाना।
- सल्फर (Sulphur)
सामान्य नाम: सब्लिमेटिड सल्फर (Sublimated sulphur)
लक्षण: ये दवा उन लोगों को सूट करती है जिन्हें पानी पसंद नहीं होता और खड़े रहने में असुविधाजनक महसूस करते हैं। ये दवा उन लोगों में ज्यादा असरदार तरीके से काम करती है जो सही से खाने के बाद भी पतले हैं। निम्नलिखित लक्षणों को इस दवा से ठीक किया जा सकता है:- बहुत ज्यादा खुजली होना जो नियंत्रित नहीं हो पाती।
- जलन वाला दर्द होना। (और पढ़ें - सीने में जलन के कारण)
- त्वचा का बहुत ज्यादा सूखापन।
- फोड़े-फुंसी होना, जो बाद में पपड़ी बन जाते हैं।
- हलकी सी चोट से भी पस बन जाना। (और पढ़ें - चोट लगने पर क्या करें)
- जलन और खुजली जो पानी से या खरोंचने से बढ़ जाती है।
- गर्मी से असहनीय खुजली होना। (और पढ़ें - सिर में खुजली के कारण)
- नम मौसम में लक्षण बढ़ जाना।
- त्वचा में बहुत ज्यादा जलन और खुजली होना।
- पसीने और मुंह से बदबू आना। (और पढ़ें - मुंह से बदबू आने पर क्या करें)
- वैरियोलाइनम (Variolinum)
सामान्य नाम: लिम्फ फ्रॉम ए स्मॉलपॉक्स पुसचयूल (Lymph from a smallpox pustule)
लक्षण: चिकनपॉक्स के अलावा, ये दवा हर्पीस जोस्टर संक्रमण के लिए भी अच्छी है। निम्नलिखित लक्षण अनुभव करने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:- त्वचा का गर्म व सूखा होना।
- स्पष्ट तरल पदार्थ या पस से भरे फोड़े-फुंसी होना। (और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज)
- गला बैठना, खांसी के साथ गाढ़ा बलगम आना और सांस लेने में दिक्कत।
- गले की दाईं तरफ गांठ महसूस होना। (और पढ़ें - गले में गांठ का इलाज)
- बहुत ज्यादा थकान और बेचैनी। (और पढ़ें - थकान दूर करने के लिए क्या खाएं)
- एपिस मेलिफिका (Apis Mellifica)
सामान्य नाम: हनी बी (Honey bee)
लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए अच्छी है जो उलझन में रहते हैं और चीज़ें इधर-उधर
गिराते रहते हैं। निम्नलिखित मामलों में ये दवा असरदार है:- त्वचा पर जलन के साथ फोड़े-फुंसी होना।
- त्वचा की सूजन, खासकर किसी कीड़े के काटने के बाद।
- त्वचा पर जलन।
- गुलाबी रंग के फोड़े-फुंसी।
- बहुत ज्यादा बेचैनी होना। (और पढ़ें - घबराहट रोकने उपाय)
- बुखार के साथ ज्यादा प्यास लगना। (और पढ़ें - बुखार भगाने के घरेलू उपाय)
- गर्मी में जाने पर लक्षण बढ़ जाना।
- छूने और दबाव बनाने से दर्द बढ़ जाना।
- बहुत सुस्ती आना।
- दाईं तरफ लक्षण अधिक होना। (और पढ़ें - चेचक के लक्षण)
- खुली हवा में लक्षण बेहतर होना।
होम्योपैथी में चिकन पॉक्स के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me chicken pox ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
होम्योपैथिक दवाओं के साथ आपको खान-पान और जीवनशैली के कुछ बदलाव करना जरुरी होता है ताकि दवाओं के कार्य पर कोई बुरा प्रभाव न हो। इनके बारे में नीचे बताया गया है:
क्या करें:
- बीमार व्यक्ति की जरूरतों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर उन्हें कुछ खाने या पीने की इच्छा हो रही है, तो उन्हें वे चीज लाकर दें। ऐसा करने से उन्हें कुछ देर के लिए आराम मिलेगा और वे बेहतर महसूस करेंगे। (और पढ़ें - चिकन पॉक्स में क्या खाएं)
- कमरे का तापमान और उनके कपड़ों को रोगी की सुविधा के अनुसार रखें ताकि उन्हें कोई दिक्कत न हो।
- पर्याप्त आराम करें ताकि आप जल्दी ठीक हो पाएं।
- व्यक्ति की हालत में सुधार लाने के लिए, उसे स्वस्थ और पौष्टिक आहार देना जरुरी है। (और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)
क्या न करें:
- होम्योपैथिक दवाओं को ऐसी जगह न रखें जहां अन्य तेज सुगंध या प्रभाव वाली वस्तुएं हैं, जैसे परफ्यूम या धूप क्योंकि ये दवा के कार्य पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं।
- रोगी को किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव न दें और उन्हें आराम करने दें। (और पढ़ें - तनाव दूर करने के उपाय)
- व्यक्ति को अस्वस्थ आहार या चीजें न दें जो उनकी समस्या बढ़ा सकती हैं।
(और पढ़ें - एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार)
चिकन पॉक्स के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Chicken pox ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
आज तक होम्योपैथी और होम्योपैथिक दवाओं का कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है और न ही इससे जुड़े किसी जोखिम कारक का पता चला है। हालांकि, कोई भी दवा लेने से पहले किसी योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह लेनी बहुत आवश्यक है ताकि वे आपके लक्षणों को समझकर उचित दवा दे सकें।
(और पढ़ें - चिकन पॉक्स होने पर क्या करें)
चिकन पॉक्स के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Chicken pox ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
चिकनपॉक्स आपकी क्षमता को कम कर देने वाली एक बीमारी है। इसके लिए दी जाने वाली चिकन पॉक्स वैक्सीन के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। होम्योपैथिक दवाएं इन्फेक्शन के लक्षणों को ठीक करती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती हैं। अगर कई लोगों में सामान्य लक्षण देखे जा रहे हैं, तो होम्योपैथिक दवाओं को बीमारी से बचाव के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर दी गई उचित दवा लंबे समय तक फायदा दे सकती है।
(और पढ़ें - चिकन पॉक्स का घरेलू उपचार)
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संदर्भ
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- William Boericke. Homeopathic Materia Medica. Kessinger Publishing: Médi-T 1999, Volume 1
- Wenda Brewster O’really. Organon of Medical Art. 1st edition 2010 , 3rd impression 2017.