चिकन पॉक्स एक वायरल रोग है, जिसमें पूरे शरीर पर रैश हो जाते हैं और ये चकत्ते जैसे नजर आते हैं. शुरुआत में ये रैश चेहरे पर आते हैं और धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैं. इसलिए, यह जरूरी है कि इसकी वैक्सीन ले ली जाए. हालांकि, चिकन पॉक्स कोई जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बार गंभीर रूप ले लेती है. इसे ठीक होने में कम से कम 5 से 10 दिन लग ही जाते हैं. इसके इलाज के लिए ऐसिक्लोविर, लोराटाडाइन, टेकोविरिमैट जैसी एलोपैथिक दवाएं उपलब्ध हैं. आज इस लेख में आप चिकन पॉक्स की इंग्लिश मेडिसिन के बारे में जानेंगे -
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चिकन पॉक्स के लिए एलोपैथिक दवाएं
चिकन पॉक्स को ठीक होने में अमूमन 5 से 10 दिन लग जाते हैं, लेकिन यदि रैश के साथ खुजली भी बहुत ज्यादा हो, तो थोड़ा ज्यादा समय भी लग सकता है. चिकन पॉक्स के लक्षण कम करने में ऐसिक्लोविर, लोराटाडाइन व टेकोविरिमैट जैसी एलोपैथिक दवाएं मददगार साबित हो सकती हैं. आइए, चिकन पॉक्स की एलोपैथिक दवाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं -
ऐसिक्लोविर - Acyclovir
ऐसिक्लोविर एक एंटीवायरल मेडिसिन है, जिसका इस्तेमाल अमूमन चिकन पॉक्स की वजह से मुंह में होने वाले छाले को ठीक करने के लिए किया जाता है. इसके सेवन से रोगी को कुछ एलर्जिक रिएक्शन, बुखार, सिर दर्द, नींद आने में दिक्कत, हाथ-पैरों में सूजन जैसे साइड इफेक्ट होने के डर बना रहता है. साथ ही, इसके सेवन से पेट गड़बड़ होने, डायरिया व उल्टी होने की भी आशंका रहती है.
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लोराटाडाइन - Loratadine
लोराटाडाइन एक एंटीहिस्टामाइन (antihistamine) है, जो एलर्जी से निजात पाने में मदद करती है. यह हिस्टामाइन एक्शन को रोकती है, जिससे एलर्जी के लक्षणों को दूर करने में मदद मिल सकती है. हालांकि, इसके सेवन से रोगी को थकान, मुंह का सूखना, सिरदर्द व उल्टी जैसी समस्या हो सकती है. शरीर में सूजन, कमजोरी, असामान्य ब्लड प्रेशर, भूख न लगना, स्वाद महसूस न होना जैसे साइड इफेक्ट्स भी देखे गए हैं.
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टेकोविरिमैट - Tecovirimat
बड़ों और 13 किलो तक के वजन वाले बच्चों में स्मॉल पॉक्स होने की स्थिति में टेकोविरिमैट लेने की सलाह दी जाती है. यह कैप्सूल और इंजेक्शन फॉर्म में उपलब्ध है. इसके साइड इफेक्ट्स में सिरदर्द, उल्टी व पेट में दर्द शामिल है.
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टाइलेनॉल - Tylenol
चिकन पॉक्स होने पर टाइलेनॉल लेने पर तेज बुखार और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है. यह बच्चों और बड़ों दोनों के इलाज में मदद कर सकती है. इसके सेवन से स्किन और मुंह में जो रैश हो जाते हैं, उसे ठीक होने में भी सहायता मिलती है. इसे 2 माह से अधिक आयु के बच्चों के लिए भी सुरक्षित माना गया है.
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सारांश
चिकन पॉक्स ऐसी बीमारी है, जिसमें पूरे शरीर पर रैश हो जाते हैं, साथ ही तेज बुखार भी आ सकता है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाना सबसे पहले जरूरी है. चिकन पॉक्स की इंग्लिश मेडिसिन में टाइलेनॉल, ऐसिक्लोविर व लोराटाडाइन उपलब्ध है, लेकिन अपने आप इसके सेवन से बचना चाहिए. इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी हैं. इसलिए, चिकन पॉक्स होने की स्थिति में सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही इन दवाओं का सेवन करना चाहिए.
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