यूरिक एसिड शरीर का एक अपशिष्ट उत्पाद हैं जो शरीर मे प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है। इस प्रक्रिया मे किडनी के अंदर यूरिक एसिड छन कर खत्म हो जाता हैं। हालांकि, किडनी खराब होने या फिर शरीर में यूरिक एसिड साफ करने की असमर्थता के कारण हाइपरयूरिसीमिया की संभावना भी हो सकती हैं। प्यूरिन से समृद्ध खाद्य पदार्थ, सीफूड, रेड मीट, फ्रुक्टोज से भरपूर खाद्य पदार्थ और मादक पेय पदार्थ (मुख्य रूप से बीयर) भी यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकते हैं।

(और पढ़ें - यूरिक एसिड में क्या नहीं खाना चाहिए)

शरीर में यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा होने से जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल का गठन होने लग जाता है, जो गठिया के एक दर्दनाक रूप गाउट का कारण बनता है। गाउट आमतौर पर जोड़ों में लालिमा, सूजन और भयंकर दर्द जैसे लक्षणों के साथ होता है, अक्सर अंगूठे में यह समस्या देखी जाती है। यदि इसका इलाज पूर्ण रूप से ना किया जाए, तो यह किडनी को भी प्रभावित कर सकता है। 

(और पढ़ें - यूरिक एसिड के घरेलू उपाय)

खून की जांच से शरीर में यूरिक एसिड के स्तर का पता करने में मदद मिलती हैं। अर्निका मोंटाना, ब्रायोनिया अल्बा, कोलचिकम आटमनेल, रस टाक्सिकोडेन्ड्रन, लेडम पल्स्ट्रे, बेलाडोना और बरबेरिस वल्गेरिस जैसी होम्योपैथिक दवाओं से गाउट और यूरिक एसिड के उच्च स्तर की समस्या में काफी मदद मिल सकती हैं।

(और पढ़ें - यूरिक एसिड टेस्ट क्या है)

  1. होम्योपैथी में यूरिक एसिड का इलाज कैसे होता है? - Homeopathy me High uric acid ka upchar kaise hota hai?
  2. यूरिक एसिड की होम्योपैथिक दवा - High uric acid ki homeopathic medicine
  3. होम्योपैथी में यूरिक एसिड के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me High uric acid ke liye khan pan aur jeevan shaili ke badlav
  4. यूरिक एसिड के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - High uric acid ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
  5. यूरिक एसिड के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - High uric acid ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
यूरिक एसिड की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

एक क्लीनिकल अध्ययन में, होम्योपैथिक उपचार करवाने वाले गाउट के रोगियों को जोड़ों के दर्द और सूजन जैसे लक्षणों से लगभग 50% तक राहत मिली थी। होम्योपैथिक उपचार यूरिक एसिड मेटाबॉलिज्म में परिवर्तन करके, अतिरिक्त यूरिक एसिड के गठन और क्रिस्टलीकरण को कम करता है, जिससे सूजन को रोका जा सकता है।

कई होम्योपैथिक दवाओं जैसे कि बरबेरिस वल्गेरिस, लाइकोपोडियम, कोलचिकम, यूरिकम एसिडम, लिथियम कार्बोनिका, गुआएकिम और बेंजोइक एसिडम आदि का गहराई से अध्ययन किया गया है और इनसे गाउट तथा हाइपरयूरिसीमिया के उपचार में अच्छे परिणाम सामने आए हैं।

लाइकोपोडियम अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जानी जाती है। गुआएकिम अकड़न से राहत के लिए जानी जाती है। बरबेरिस वल्गेरिस यूरोलिथियासिस (मूत्र प्रणाली के अंगों में पथरी) के लिए एक अच्छा विकल्प है और यह जोड़ों में बनी गांठों को घोलने में भी सहायक है। यूरिकम एसिडम जैसी दवा एक्जिमा जैसे त्वचा के लक्षणों से संबंधित गाउट का इलाज करने में मदद करती है। 

(और पढ़ें - एक्जिमा के घरेलू उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर, हाई यूरिक एसिड के उपचार के लिए निम्नलिखित दवाओं में से कोई दवा दी जा सकती है:

  • कोलचिकम आटमनेल (Colchicum Autumnale)
    सामान्य नाम:
    मीडो सैफरन (Meadow Saffron)
    लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों में इस दवा से लाभ होता है:

  • यूरिकम एसिडम (Uricum Acidum)
    सामान्य नाम: लिथिक एसिड (Lithic acid)
    लक्षण: इस दवा से व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षणों में लाभ हो सकता है:

    • गाउट के साथ जुड़ा हुआ एक्जिमा
    • लिपोमा (वसा का जमाव) और यूरिक एसिड के जमाव की प्रवृत्ति
    • लगातार गाउट वाला जमाव
    • शरीर के गाउट बने रहने वाले क्षेत्रों पर खुजली वाली सुखी त्वचा (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)
       
  • लिडम पैलस्टर (Ledum palustre)
    सामान्य नाम: मर्श टी (Marsh Tea)
    लक्षण: यह दवा उन लोगों को सूट करती है जिनके शरीर में आंतरिक गर्मी की कमी है। इस दवा से लाभ उठाने वाले व्यक्तियों में निम्नलिखित कुछ लक्षण हैं:

    • गाउट वाला दर्द जो पंजे से टांग तक होता है
    • छोटे जोड़ों का अधिक हस्तक्षेप
    • जोड़ों में सूजन
    • दाहिने कंधे में तेज दर्द (और पढ़ें - कंधे के दर्द के घरेलू उपाय)
    • जोड़ों में कड़कड़ाट
    • चलने फिरने या हिलने डुलने से दर्द का बढ़ जाना  
    • वात रोग संबंधी ग्रंथियां
    • अंगूठे में सूजन
    • निचले अंगों से शुरू होते हुए ऊपर की ओर बढ़ने वाले लक्षण
    • सूजे हुए और दर्दनाक तलवे तथा एड़िया, जिससे पैर नीचे रखना मुश्किल हो जाता हैं
    • पैर की एड़ी में मोच (और पढ़ें - एड़ी में दर्द के घरेलू उपाय)
    • तेज उपकरण या काटने से चोट लगने जैसे घाव (और पढ़ें - घाव ठीक करने के घरेलू उपाय)
    • गर्मी से लक्षण बढ़ना और ठंडे पानी में पैर डालने से बेहतर महसूस होना
       
  • एसिडम बेंजोइकम (Acidum Benzoicum)
    सामान्य नाम: बेंजोइक एसिड (Benzoic acid)
    लक्षण: व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षणों में इस दवा से लाभ हो सकता है:

    • बहुत दर्दनाक गांठों के साथ गाउट
    • जोड़ों में गाउट वाला जमाव
    • गैंग्लियन (कलाई में गांठ)
    • घुटनों में दर्द और सूजन (और पढ़ें - घुटनों में दर्द के घरेलू उपाय)
    • अंगूठे में दर्द
    • जोड़ों के हिलने से उनमें दर्द
    • पिण्डिका-कण्डरा (टेंडन जो पैर से एड़ी तक मांसपेशियों को जोड़ता है) में दर्द
    • जब प्रभावित हिस्सों को खुला छोड़ दिया जाए तो लक्षण बिगड़ने की सम्भावना
    • अंगूठे में सूजन
    • यूरिक एसिड क्रिस्टल का जमाव, मुख्य रूप से किडनी या ब्लैडर में
    • अंधेरा और अचानक मूत्र आ जाना 
    • किडनी की कार्यक्षमता में कमी (और पढ़ें - किडनी खराब होने के कारण
       
  • गुआएकम​ (Guaiacum)
    सामान्य नाम:
    गम रेसिन ऑफ लिंगम सैंक्टम (Gum resin of lignum sanctum)
    लक्षण: इस दवा से लाभ उठाने वाले व्यक्ति निम्नलिखित लक्षणों में से कुछ का अनुभव करते हैं:

  • लिथियम कार्बोनिकम (Lithium Carbonicum)
    सामान्य नाम:
    लिथियम का कार्बोनेट
    लक्षण: जो व्यक्ति निम्नलिखित लक्षण अनुभव करते हैं, वे इस दवा से लाभान्वित हो सकते हैं:

    • पैर की उंगलियों और अन्य छोटे जोड़ों की गांठदार सूजन
    • पैर की उंगलियों और छोटे जोड़ों की कोमलता
    • कंधे के जोड़, हाथ और उंगलियों में दर्द (और पढ़ें - हाथ में दर्द का इलाज)
    • पैर में अजीबोगरीब दर्द
    • हाथ पैरों में लकवा जैसी अकड़न
    • जोड़ों में खुजली (और पढ़ें - खुजली का आयुर्वेदिक इलाज)
    • गर्म पानी से सूजन सहित अन्य लक्षण बेहतर होते हैं
    • एड़ियों में दर्द जो चलने पर बढ़ जाता है
    • ज्यादा तर लक्षण सुबह के वक़्त दर्द देते हैं 
       
  • लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum)
    सामान्य नाम:
    क्लब मॉस (Club moss)
    लक्षण: यह दवा मुख्य रूप से सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है। यह उन व्यक्तियों को सूट करती है जो शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से कमजोर हैं। निम्नलिखित लक्षणों वाले व्यक्तियों को इस दवा से लाभ होते हैं:

    • जोड़ों में दर्द और अकड़न
    • जोड़ों में फटने जैसा दर्द होना, जो रात में बढ़ जाता हैं
    • बाहों में भारीपन
    • एक पैर गर्म और दूसरा ठंडा
    • पुराना गाउट रोग
    • पैरों में पसीना आना (और पढ़ें - ज्यादा पसीना आना रोकने के घरेलू उपाय)
    • एड़ी पर दर्द इस तरह फैलता है जैसे किसी कंकड़ से दबाव डाला जा रहा हो
    • तलवों पर दर्दनाक कैलस का गठन होना
    • प्रभावित साइड की तरफ लेटने से दर्द
    • रात में पिंडलियों और पैर की उंगलियों में ऐंठन
    • अंगों में अकड़ना
    • मुख्य रूप से दाई तरफ लक्षण दिखना
    • शाम 4 बजे से 8 बजे के बीच लक्षण बदतर हो जाना 
    • गर्मी से दर्द बढ़ जाना
       
  • रोडोडेंड्रोन फेरुगाइनम (Rhododendron Ferrugineum)
    सामान्य नाम: स्नो रोज (Snow rose)
    लक्षण: जिस व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण होते हैं उसे इस दवा से लाभ हो सकता है:

होम्योपैथी के अनुसार अधिक यूरिक एसिड वाले रोगी के आहार और जीवन शैली में निम्नलिखित परिवर्तन किए जा सकते हैं:

क्या करें

  • अचानक होने वाली बीमारियों में, देखभाल करने वाले को यह निर्देश देना आवश्यक है कि रोगी जो कुछ भी मांग करे, वह उसे दे। व्यक्ति को खाने और पानी की आवश्यकता होती है जो उसके आराम को पूरा करता है और राहत मिलती है।
  • यह आवश्यक है कि व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से आराम करे।

क्या न करें

  • किसी भी पदार्थ का उपयोग न करें जो होम्योपैथिक दवाओं के साथ साइड इफ़ेक्ट कर सकता है, क्योंकि दवा अपने न्यूनतम खुराक में दी जाती हैं। निम्नलिखित बातें इन दवाओं की प्रभावकारिता को प्रभावित कर सकती हैं:
  • व्यक्ति को किसी भी मानसिक तनाव या रोमांचक भावनाओं के अधीन न होने दें।

(और पढ़ें - तनाव दूर करने के घरेलू उपाय)

होम्योपैथिक दवाएं सुरक्षित हैं और बीमारियों को जड़ से ठीक करती हैं। हालांकि, केवल तभी जब उन्हें एक योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से उचित खुराक में लिया जाये। होम्योपैथिक उपचार के कोई भी दुष्प्रभाव नहीं हुए हैं, लेकिन रोग के लक्षणों और व्यक्तिगत मिआस्म के आधार पर सही उपाय जानने के लिए डॉक्टर से पूछना चाहिए। इससे न केवल दुष्प्रभाव की आशंका कम होती है, बल्कि एक उचित, तेज और स्थायी इलाज भी सुनिश्चित होता है।

(और पढ़ें - गठिया का होम्योपैथिक इलाज)

यहां समान श्रेणी की दवाएं देखें

हाई यूरिक एसिड का स्तर या हाइपरयूरिसीमिया एक ऐसी स्थिति है जो यूरिक एसिड मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी के कारण होती है। शरीर में अतिरिक्त यूरिक एसिड का क्रिस्टलीकरण और संचय मुख्य रूप से जोड़ों को प्रभावित करता है, जिससे गाउट होता है। हालांकि, यह किडनी को भी प्रभावित कर सकता है और किडनी में पथरी या किडनी के नुकसान का कारण बन सकता है। शराब या प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन यूरिक एसिड के स्तर को अधिक बढ़ा सकता है। 

(और पढ़ें - पथरी के घरेलू उपाय)

होम्योपैथिक उपचार यूरिक एसिड के संचय और हाइपरयूरिसीमिया के मामले में इसे कम करने में सहायता करती हैं। होम्योपैथिक चिकित्सक सही दवा बताता है जो कि व्यक्ति के लक्षण और शामिल ऊतक पर आधारित होती है। उदाहरण के लिए, बेंजोइक एसिड तब देते हैं जब किडनी और मूत्राशय प्रभावित होते हैं, तो यूरिकम एसिडम दी जाती है जब त्वचा पर भी असर होता है, लाइकोपोडियम अत्यधिक सूजन के मामले में और पैर का अंगूठा प्रभावित होने के मामले में दी जाती है। सुरक्षित और प्रभावी उपचार के लिए, कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।

(और पढ़ें - पथरी में क्या खाएं)

Dr. Anmol Sharma

Dr. Anmol Sharma

होमियोपैथ
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Sarita jaiman

Dr. Sarita jaiman

होमियोपैथ
11 वर्षों का अनुभव

Dr.Gunjan Rai

Dr.Gunjan Rai

होमियोपैथ
11 वर्षों का अनुभव

DR. JITENDRA SHUKLA

DR. JITENDRA SHUKLA

होमियोपैथ
24 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. Cleveland Clinic. [Internet]. Euclid Avenue, Cleveland, Ohio, United States; High Uric Acid Level.
  2. Jyothilakshmi V. Preliminary investigation on ultra high diluted B. vulgaris in experimental urolithiasis.. Homeopathy. 2013 Jul;102(3):172-8. PMID: 23870376
  3. National Center for Homeopathy. [Internet]. Mount Laurel NJ. Uricum acidum.
  4. National Center for Homeopathy. [Internet]. Mount Laurel NJ. Guaiacum.
  5. William Boericke. MD. Homeopathic Materia Medica.. 9th edition;
ऐप पर पढ़ें