एक हेल्थ सर्वे के हवाले से शोधकर्ताओं ने कहा है कि स्मोकिंग करने वाले लोगों की अकाल मौत का खतरा नॉन-स्मोकर्स की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा होता है। उनके मुताबिक, युवा आयु में धूम्रपान करने वाले लोगों में यह खतरा विशेष रूप से अधिक होता है। खबर के मुताबिक, अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के तहत किए गए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 1997 से 2014 के बीच हुए नेशनल हेल्थ सर्वे में भाग लेने वाले करीब चार लाख लोगों के डेटा का विश्लेषण किया है। स्टडी में डेटा फॉलोअप से उन्हें पता चला है कि इन लोगों में से करीब 4,500 लोगों की हृदय रोग या स्ट्रोक के चलते 75 वर्ष से पहले मौत हो गई थी। इस समूह के करीब 40 प्रतिशत लोग सर्वे के समय स्मोकिंग कर रहे थे। वहीं, स्मोकिंग छोड़ चुके मृतकों की दर 27 प्रतिशत पाई गई है और 35 प्रतिशत मृतक ऐसे थे, जिन्होंने कभी भी धूम्रपान नहीं किया था।
अध्ययन से वैज्ञानिकों को पता चला है कि जिन लोगों ने दस वर्ष से भी कम उम्र में सिगरेट का सेवन करना शुरू कर दिया था, उनकी हृदय रोग से अकाल मृत्यु होने का खतरा उन लोगों से पांच गुना ज्यादा था, जिन्होंने कभी भी सिगरेट का सेवन नहीं किया था। 20 साल की उम्र के बाद स्मोकिंग शुरू करने पर यह खतरा नॉन-स्मोकर्स की तुलना में ढाई गुना ज्यादा पाया गया है। सबसे अहम बात यह पता चली है कि किसी भी उम्र में सिगरेट की लत छोड़ने से अकाल मृत्यु का खतरा कम हो जाता है। इसका सबसे ज्यादा फायदा तब है जब स्मोकिंग करने वाले जल्दी से जल्दी इस आदत को छोड़ दें।
अध्ययन से जुड़े परिणामों पर बात करते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के एपिडेमियोलॉजिस्ट ब्लेक थॉमस ने कहा है, 'आप किस उम्र में स्मोकिंग करना शुरू करते हैं यह एक जरूरी फैक्टर है, जिसे अक्सर अनदेखा किया जाता है। युवा उम्र में स्मोकिंग शुरू करने वाले लोगों पर हृदय रोग के कारण अकाल मृत्यु का ज्यादा खतरा होता है। हालांकि इसे छोड़ने से यह खतरा कम हो जाता है। उनके लिए यह खासतौर पर लाभकारी है, जो युवा आयु में ही धूम्रपान करना छोड़ देते हैं। लोगों की स्मोकिंग की आदत छुड़ाना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य प्राथमिकताओं में से एक बनी हुई है।'
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अध्ययन में शामिल डेटा से जुड़े प्रतिभागियों की उम्र 25 से 74 वर्ष थी। उनकी औसत आयु 47 वर्ष थी, जिनमें 56 प्रतिशत महिलाएं हैं। वैज्ञानिकों ने इन स्मोकर्स और नॉन-स्मोकर्स के मेडिकल इतिहास, जीवनशैली से जुड़ी आदतों और डेमोग्राफिक्स का विश्लेषण किया है। केवल खास मौकों पर स्मोकिंग करने वालों को स्टडी से हटा दिया गया था। बाकी स्मोकर्स को आयु के आधार पर अलग-अलग समूहों में वर्गीकृत किया गया है। फॉलोअप के दौरान पता चला कि 4,479 लोगों की 74 साल से पहले मौत हो गई थी। इन तमाम फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए जांच-पड़ताल कर जो परिणाम सामने आए वे इस प्रकार हैं-
- 58 प्रतिशत लोग कभी भी स्मोकर्स नहीं रहे; 23 प्रतिशत लोग कभी धूम्रपान करते थे; 19 प्रतिशत अभी भी (अध्ययन के समय) स्मोकिंग कर रहे थे
- वर्तमान स्मोकर्स में से दो प्रतिशत ऐसे थे, जिन्होंने दस वर्ष से कम उम्र में ही सिगरेट पीना शुरू कर दिया था; दस से 14 वर्ष की उम्र के बीच स्मोकिंग शुरू करने वाले लोगों की दर 19 प्रतिशत थी
- जिन लोगों ने 40 साल की आयु तक स्मोकिंग छोड़ दी थी, उनमें हृदय रोग के कारण अकाल मृत्यु होने का खतरा लगभग 90 प्रतिशत तक कम हो गया था
- 15 से 34 वर्ष के बीच स्मोकिंग छोड़ने वालों में हृदय रोग या स्ट्रोक से मरने का खतरा समान रूप से बना हुआ था
- 35 से 44 वर्ष के बीच धूम्रपान छोड़ने वाले लोगों में यह खतरा लगभग 20 प्रतिशत अधिक था
- 45 से 54 वर्ष के बीच धूम्रपान छोड़ने वाले लोगों में यह खतरा लगभग 60 प्रतिशत अधिक था
- 55 से 64 वर्ष के बीच धूम्रपान छोड़ने वाले लोगों में यह खतरा लगभग 70 प्रतिशत अधिक था
- जो लोग अभी भी स्मोकिंग करते हैं, उनमें हृदय रोग या स्ट्रोक से असामयिक मौत होने का खतरा तीन गुना ज्यादा था
मेडिकल पत्रिका जर्नल ऑफ अमेरिकन हर्ट एसोसिएशन में प्रकाशित इन परिणामों पर एसोसिएशन की मेडिकल ऑफिसर रोज मैरी रॉबर्ट्सन ने कहा है, 'यह अध्ययन इसका सबूत है कि युवा आयु में स्मोकिंग शुरू करने से हृदय रोग से होने वाली अकाल मृत्यु का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इससे अमेरिका हर्ट एसोसिएशन के इस रुख की भी पुष्टि होती है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है, जिसे दूर करने के लिए कई स्तर पर काउंसलिंग और मेडिकल थेरेपी करनी होंगी। सभी उम्र के लोगों के लिए स्मोकिंग छोड़ना एक तत्काल प्राथमिकता होनी चाहिए, विशेषकर युवाओं के लिए।'