धात रोग या धातु रोग ऐसी समस्या है जो एक प्रकार की सांस्कृतिक परंपराओं से संबंधित समस्या है। इसमें रात के समय अत्यधिक वीर्य निकल जाने के कारण व्यक्ति को बहुत चिंता और सोचने की समस्या होती है। मान्यताओं के कारण, व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वीर्य निकलना, खून निकलना के समान है, व्यक्ति की यह सोच उसके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए बिलकुल अच्छी नहीं है। लगातार चिंता होने के कारण व्यक्ति को कुछ अन्य लक्षण भी अनुभव होने लगते हैं, जैसे कमजोरी, थकान, डिप्रेशन, घबराहट और भूख न लगना। धात रोग के लक्षण तीन महीनों से लेकर कुछ मामलों में 20 साल तक रह सकते हैं।
(और पढ़ें - वीर्य गाढ़ा करने के उपाय)
धातु रोग से पीड़ित लोग अधिकतर छोटी उम्र के होते हैं, उनकी नई-नई शादी हुई होती है, वे निम्न वर्ग से होते हैं या ऐसे परिवार से होते हैं जिनकी सेक्स के प्रति रूढ़िवादी सोच है। धात रोग कुछ समस्याओं से संबंधित एक लक्षण भी हो सकता है, जैसे नपुंसकता, शीघ्रपतन और बीमारी के प्रति अत्यधिक चिंता होना।
धात रोग को नियंत्रित करने के लिए होम्योपैथिक उपचार बहुत असरदार भूमिका निभाता है। इसके लिए उपयोग की जाने वाली आम होम्योपैथिक दवाएं हैं, अग्नस कास्टस, कैलेडियम, जेल्सीमियम, लाइकोपोडियम, नक्स वोमिका, फास्फोरिक एसिड, सेलेनियम और स्टैफिसाग्रिया। एक उचित होम्योपैथिक दवा देने से पहले, व्यक्ति के लक्षणों के साथ उसके व्यक्तित्व और शारीरिक कारक को ध्यान में रखा जाता है।
- धातु रोग का होम्योपैथिक इलाज कैसे होता है - Dhat rog ka homeopathic ilaj kaise hota hai
- धातु रोग की होम्योपैथिक दवा - Dhatu rog ki homeopathic medicine
- होम्योपैथी में धातु रोग (धात रोग) के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me dhatu (dhaat) rog ke liye khan-pan aur jeevanshaili me badlav
- धात रोग के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Dhatu rog ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
- धातु रोग के लिए होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Dhat rog ke homeopathic ilaj se jude anya sujhav
धातु रोग का होम्योपैथिक इलाज कैसे होता है - Dhat rog ka homeopathic ilaj kaise hota hai
1843 में, डॉक्टर रैंकिंग ने एक विकार के बारे में लेख लिखा, जिसे सबसे पहले डॉक्टर लेलमेंड ने पहचाना था। उन्होंने ये बताया कि जननांग पर किसी भी प्रकार की प्राकृतिक या अप्राकृतिक चोट के कारण नींद में वीर्य रिसाव की समस्या होती है।
ज्यादा हस्तमैथुन करना इस समस्या का मुख्य कारण माना गया था। बाद में इस लेख में ये जोड़ा गया कि शुरूआती चरण में रिसाव के साथ लिंग भी उत्तेजित होता है, लेकिन धीरे-धीरे लिंग का उत्तेजित होना बंद हो जाता है और इसके बाद व्यक्ति को अलग-अलग शारीरिक व मानसिक लक्षण अनुभव होने लगते हैं।
धात रोग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आम उपचार में व्यक्ति को इस समस्या के बारे में समझाया जाता है, इससे जुड़े मिथक दूर किए जाते हैं, दिमाग शांत रखने के तरीकों के बारे में बताया जाता है और मनोचिकित्सा संबंधी दवाओं से चिंता व डिप्रेशन के लक्षणों को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि उचित शिक्षा और समझाने से एक बार धात रोग से जुड़े मिथक दूर हो जाएं, तो इस समस्या से राहत मिल सकती है।
(और पढ़ें - दिमाग शांत करने के उपाय)
इसके अलावा, होम्योपैथी में न केवल बीमारी को ठीक किया जाता है, बल्कि व्यक्ति को कोई बीमारी होने की संभावना भी कम की जाती है। व्यक्ति की हस्तमैथुन करने की आदत कम करके और उसकी चिंता, डिप्रेशन व अपने आप को दोषी समझने की समस्या को कम करके होम्योपैथिक दवाओं से उसके शारीरिक व मानसिक लक्षणों को ठीक किया जाता है। इन दवाओं से व्यक्ति को अधिक ऊर्जा महसूस होती है, नींद संबंधी विकार कम होते हैं, सोच बेहतर होती है और अगर कोई शारीरिक समस्या है, तो वह भी ठीक होती है।
धातु रोग की होम्योपैथिक दवा - Dhatu rog ki homeopathic medicine
नीचे दी गई होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग धात रोग के लिए किया जाता है:
- अग्नस कास्टस (Agnus Castus)
सामान्य नाम: चेस्ट ट्री (Chaste tree)
लक्षण: ये दवा कम उम्र के अविवाहित लोगों के लिए असरदार है, जो अधिक सेक्स क्रियाएं करते हैं। नीचे दिए लक्षणों में इस दवा से आराम आता है:- डिप्रेशन, घबराहट और मानसिक रूप से ध्यान भटकना।
- लिंग के उत्तेजित न होने के साथ नपुंसकता। (और पढ़ें - नपुंसकता के घरेलू उपाय)
- सेक्स पावर और कामेच्छा की कमी।
- स्पर्मेटिक कोर्ड में दर्द के साथ अंडकोष का सख्त होना और सूजना।
- जननांग में सूजन के साथ मूत्रमार्ग से पीला रिसाव होना। (और पढ़ें - लिंग में सूजन का इलाज)
- गोनोरिया (यौन संचारित रोग) होने की प्रवृत्ति।
- कैलेडियम सेगिनम (Caladium Seguinum)
सामान्य नाम: अमेरिकन एरुम (American arum)
लक्षण: नीचे दिये लक्षण अनुभव करने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:- नपुंसकता और फोरप्ले या सेक्स करने के बाद भी लिंग उत्तेजित न होना।
- जननांग में सूजन, लाली, खुजली और पसीना आना। (और पढ़ें - जननांग दाद का इलाज)
- आधी नींद में लिंग उत्तेजित होना, जो उठने पर वापस सामान्य हो जाता है।
- सेक्स करने की इच्छा होने के बाद भी लिंग उत्तेजित न होना।
- डिप्रेशन। (और पढ़ें - डिप्रेशन के लिए योग)
- तंबाकू खाने की इच्छा होना।
- जेल्सीमियम सेम्परवीरेंस (Gelsemium Sempervirens)
सामान्य नाम: येलो जैस्मिन (Yellow jasmine)
लक्षण: धात रोग के लिए जेल्सीमियम सेम्परवीरेंस बहुत असरदार दवा है। नीचे दिए लक्षणों में ये दवा काफी असरदार साबित हुई है:- लिंग उत्तेजित हुए बिना भी उसमें से रिसाव होना, जो मल करते समय भी होता है।
- थोड़ा सा फोरप्ले करने पर भी लिंग से रिसाव हो जाना।
- अंडकोषीय क्षेत्र में पसीना आना। (और पढ़ेंं - अंडकोष कैंसर के लक्षण)
- जननांगों का उत्तेजित न होना।
- गोनोरिया के पहले चरण के साथ थोड़ा रिसाव और लिंग के मुख पर हल्का दर्द व जलन। (और पढ़ें - लिंग के रोग के लक्षण)
- भावनात्मक रूप से उत्तेजित होने पर, समस्याओं के बारे में सोचने से, धूम्रपान से व बुरी खबर से लक्षण बदतर होना और अधिक पेशाब करने के बेहतर हो जाना। (और पढ़ें - सिगरेट पीना छोड़ने के घरेलू उपाय)
- मांसपेशियों की कमजोरी, थकान और मांसपेशियों में ताल-मेल न रहना।
- मानसिक मंदता, चक्कर आना, सुस्ती और उलझन।
- लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum)
सामान्य नाम: क्लब मॉस (Club moss) या वोल्फ्स फुट (Wolf’s foot)
लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए असरदार है जो बुद्धिमान हैं, लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर व दुर्बल हैं, खासकर शरीर के ऊपरी भाग में। नीचे दिए लक्षणों में ये दवा दी जाती है:- नपुंसकता, खासकर छोटी उम्र के पुरुषों में, जो सेक्स क्रियाओं में अधिक शामिल होते हैं।
- शीघ्रपतन की समस्या के साथ लिंग का उत्तेजित न होना। (और पढ़ें - शीघ्रपतन रोकने के घरेलू उपाय)
- बड़ी उम्र के मर्दों में सेक्स की इच्छा होने के बाद भी लिंग उत्तेजित न होना।
- सेक्स करते समय सो जाना। (और पढ़ें - सेक्स के बाद पुरुषों को नींद आने के कारण)
- जननांग में खुजली और सूजन।
- हस्तमैथुन या सेक्स के बाद कमजोरी।
- पेट और श्वसन से संबंधित समस्याएं होना।
- चीनी खाने की अत्यधिक इच्छा होना। (और पढ़ें - चीनी की लत कैसे हटाएं)
- अधिकतर दाईं तरफ लक्षण होना, जो शाम को 4 से 8 बजे के बीच बदतर हो जाते हैं।
- नक्स वोमिका (Nux Vomica)
सामान्य नाम: पाइजन नट (Poison nut)
लक्षण: ये उन लोगों के लिए असरदार दवा है, जो पतले व चिड़चिड़े हैं और उन्हें पेट की समस्याएं व बवासीर होने की प्रवृत्ति होती है। निम्नलिखित लक्षणों में इस दवा से आराम मिलता है:- धात रोग के साथ सेक्स संबंधी सपने आना, चिड़चिड़ापन, कमजोरी और पीठ में जलन। (और पढ़ें - सपने में सेक्स का मतलब)
- आसानी से यौन उत्तेजना होना।
- अत्यधिक सेक्स क्रियाओं और हस्तमैथुन के कारण लक्षण होना।
- अंडकोष में सूजन और जकड़न वाला दर्द।
- लिंग उत्तेजित होने पर दर्द, खासकर सुबह के समय और दिन में सोने के बाद।
- सेक्स के बाद लिंग का सही से उत्तेजित न होना।
- लिंग के मुख के पीछे की तरफ से अत्यधिक चिकना रिसाव।
- ज्यादा चाय, कॉफी, शराब, तंबाकू, तीखा खाना, नींद पूरी न होना, परिश्रम और ड्रग्स के कारण समस्याएं होना। (और पढ़ें - नींद की कमी के कारण)
- सेलेनियम मेटालिकम (Selenium Metallicum)
सामान्य नाम: दि एलिमेंट सेलेनियम (The element selenium)
लक्षण: ये दवा अधिकतर उन लोगों को दी जाती है जिनका रंग गोरा है और उनके हाथ-पैर, पांव और चेहरे में दुर्बलता है। ऐसे लोग अक्सर अपना काम भूल जाते हैं, लेकिन उसके सपने देखते हैं। नीचे दिए लक्षणों में ये दवा असरदार रूप से काम करती है:- अनैच्छिक रूप से वीर्य का रिसाव होना, खासकर बैठे हुए, सोते समय या मल करते समय।
- सेक्स करने की इच्छा और विचार में वृद्धि, लेकिन लिंग का धीरे-धीरे उत्तेजित होना।
- अंडाशय में खुजली और गुदगुदी।
- लिंग उत्तेजित होने में लगातार दर्द के साथ लिंग की ऊपरी त्वचा का आगे तक रहना।
- गोनोरिया इन्फेक्शन।
- यौन संबंध बनाने के बाद चिड़चिड़ापन और पीठ में कमजोरी। (और पढ़ें - पीठ दर्द के कारण)
- चेहरे, सिर और जननांग से बाल झड़ना। (और पढ़ें - बाल झड़ना रोकने के घरेलू उपाय)
- थोड़ा सा शारीरिक व मानसिक तनाव से भी कमजोरी और थकान हो जाना।
- फॉस्फोरिक एसिडम (Phosphoric Acidum)
सामान्य नाम: ग्लेशियल फॉस्फोरिक एसिड (Glacial phosphoric acid)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों के लिए ये दवा असरदार है:- अत्यधिक सेक्स क्रियाओं, एक्यूट इन्फेक्शन और शारीरिक व मानसिक तनाव के बाद कमजोरी और थकान महसूस होना। (और पढ़ें - थकान दूर करने के लिए क्या खाएं)
- रात के समय और मल त्याग के दौरान वीर्य का रिसाव।
- जननांग की कमजोरी के साथ-साथ कामेच्छा कम होना। (और पढ़ें - कामेच्छा बढ़ाने के उपाय)
- सेक्स करने की इच्छा न होने के बाद भी सुबह के समय बिस्तर में और खड़े होने पर लिंग उत्तेजित हो जाना।
- यौन संबंध बनाने के बाद कमजोरी।
- अंडाशय, स्पर्मेटिक कॉर्ड, लिंग के मुख और उसकी ऊपरी त्वचा की सूजन।
- अंडाशय पर एक्जिमा होना। (और पढ़ें - एक्जिमा के घरेलू नुस्खे)
- जननांग में हर्पीस और फोड़े।
- आंखों के आस-पास डार्क सर्कल होने के साथ बीमार लगना।
- जीवन के प्रति उत्साह न होना। ऐसे लोग उदासीन होते हैं और आसानी से रो पड़ते हैं।
- शारीरिक कमजोरी के बाद मानसिक रूप से दुर्बलता। (और पढ़ें - मानसिक रोग के लक्षण)
- स्टैफिसाग्रिया (Staphysagria)
सामान्य नाम: स्टेव्सेकर (Stavesacre)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों को अनुभव करने पर ये दवा सूट करती है:- अत्यधिक हस्तमैथुन, सेक्स, गुस्से को दबाने या अपच के बाद लक्षण अनुभव होना। (और पढ़ें - क्या हस्तमैथुन से लिंग छोटा होता है?)
- किसी के द्वारा यौन शोषण करने के बाद डिप्रेशन, बेपरवाही और उदासीन होना।
- लगातार सेक्स संबंधी बातों और यौन सुख के बारे में सोचते रहना। (और पढ़ें - यौन समस्या का समाधान)
- धात रोग के साथ पीठ में दर्द, कमजोरी और नसों की कमजोरी।
- सेक्स करने की इच्छा बढ़ने के साथ रात के समय बार-बार लिंग उत्तेजित होना।
- अंडाशय में खुजली, जिससे वीर्य का रिसाव होता है।
- सेक्स करने के बाद सांस फूलना।
- अंडाशय में दर्द और सूजन।
- जननांग पर फोड़े और उभार। (और पढ़ें - फोड़े फुंसी हटाने के घरेलू नुस्खे)
होम्योपैथी में धातु रोग (धात रोग) के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me dhatu (dhaat) rog ke liye khan-pan aur jeevanshaili me badlav
होम्योपैथिक दवाओं के साथ आपको कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है, जिनके बारे में नीचे दिया गया है:
क्या करें:
- होम्योपैथिक दवाओं को बहुत ही कम मात्रा व खुराक में दिया जाता है, इसीलिए इन्हें सुरक्षित रखने का प्रयास करें। खाने-पीने की ऐसी कोई भी चीज़ न लें, जिससे दवा के कार्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
- हर प्रकार के मौसम में ताज़ी हवा में जाकर थोड़ी सैर अवश्य करें। (और पढ़ें - सुबह सैर करने के फायदे)
- मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए हल्का-फुल्का शारीरिक काम अवश्य करें। आप ऐसे व्यायाम कर सकते हैं, जिनसे दिमाग को शांत करने में मदद मिलती है। (और पढ़ें - चिंता खत्म करने के लिए योगासन)
- स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें।
क्या न करें:
- खान-पान व कॉस्मेटिक का ऐसा कोई सामान न लें और न प्रयोग करें, जिससे दवा के कार्य पर दुष्प्रभाव हो सकता है, जैसे:
- कॉफी, हर्बल चाय, शराब, मसाले और चॉकलेट जैसे तेज गंध वाले व उत्तेजक पदार्थ।
- औषधीय गुण वाले टूथपेस्ट या माउथवाश।
- परफ्यूम या सुगंधित वस्तुएं।
- कमरे में फूल।
- तेज मसालों वाला खाना या सॉस। (और पढ़ें - मसालेदार खाने के नुकसान)
- आइसक्रीम जैसे ठंडे व जमे पदार्थ।
- सूप व खाने में मौजूद कच्ची जड़ी बूटियां।
- अजवाइन, अजमोद, बासा चीज और मीट।
- सुस्त जीवनशैली बिलकुल न अपनाएं और दोपहर के समय ज्यादा देर तक सोने से आपको दिक्कत हो सकती है। (और पढ़ें - दिन में सोना अच्छा है या नहीं)
- स्वास्थय को बेहतर करने के लिए किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव से दूर रहना आवश्यक है।
धात रोग के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Dhatu rog ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
होम्योपैथिक दवाओं को बहुत अधिक घोलकर व अन्य पदार्थों में मिलाकर बनाया जाता है और ये दवाएं बहुत स्ट्रांग भी होती हैं। इसी कारण ये सुरक्षित होती हैं और इनके दुष्प्रभाव भी नहीं होते। हालांकि, ये बहुत जरुरी है कि एक योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर से उचित दवा ली जाए, ताकि रोगी को सही दवा व खुराक मिले।
(और पढ़ें - धात रोग के घरेलू उपाय)
धातु रोग के लिए होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Dhat rog ke homeopathic ilaj se jude anya sujhav
धातु रोग, सांस्कृतिक परंपराओं से संबंधित एक समस्या है, जिसमें अनैच्छिक रूप से वीर्य के रिसाव के कारण रोगी को चिंता, डिप्रेशन होने के साथ दोषी होने की भावना होती है। आमतौर पर किए जाने वाले उपचार में धात रोग को कोई बीमारी नहीं माना जाता है, इसीलिए इसके लिए कोई इलाज भी उपलब्ध नहीं है। होम्योपैथी एक बहुत ही सुरक्षित उपचार है, जिसके कोई दुष्प्रभाव अभी तक सामने नहीं आए हैं। मनोचिकित्सा के साथ नियमित रूप से होम्योपैथिक दवाएं लेने पर न केवल धात रोग के लक्षण सुधरते हैं, बल्कि इससे संबंधित चिंता व डिप्रेशन जैसे लक्षणों में भी आराम मिलता है।
शहर के होम्योपैथिक डॉक्टर खोजें
धातु रोग की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

Dr. Rutvik Nakrani
होमियोपैथ
6 वर्षों का अनुभव

Dr. Jyothi
होमियोपैथ
23 वर्षों का अनुभव

Dr. Urvashi Chaudhary
होमियोपैथ
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Anita Kumari
होमियोपैथ
12 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
- Yajuan Wang. Premature Ejaculation. 2009. [internet].
- Shivanand Kattimani, Vikas Menon, Manohar Kant Shrivastava. Is Semen Loss Syndrome a Psychological or Physical Illness? A Case for Conflict of Interest. Indian J Psychol Med. 2013 Oct-Dec; 35(4): 420–422., PMID: 24379511
- H.C. Allen Keynotes And Characteristics With Comparisons of some of the Leading Remedies of the Materia Medica. Homeopathe international. [internet].
- John Henry Clarke. A Dictionary of Practical Materia Medica. Homœopathic Publishing Company, 1900. [internet].
- William Boericke. Homoeopathic Materia Medica. Kessinger Publishing, 2004 580 pages. [internet]
- John Henry Clarke. A Dictionary of Practical Materia Medica. A Dictionary of Practical Materia Medica; Médi-T
- Wenda Brewster O’Reilly. Organon of the Medical art by Wenda Brewster O’Reilly. B jain Publishers New Delhi; [internet]