कई बार शरीर में ऐसी समस्याएं या परेशानियां पैदा होने लगती हैं जिनका पता तक नहीं चल पाता है। कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जो खासतौर पर पुरुषों या महिलाओं में ही देखी जाती हैं। इनमें से एक थायराइड भी है जो अकसर महिलाओं में ही देखा जाता है।
थायराइड की बीमारी से महिलाएं ज्यादा ग्रस्त होती हैं लेकिन किसी ना किसी कारणवश महिलाएं इसे नज़रअंदाज कर देती हैं। महिलाओं में थायराइड ग्रंथि बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि ये शरीर के अधिकतर हार्मोंस को नियंत्रित करती है। थायराइड ग्रंथि में किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर हार्मोन असंतुलन हो सकता है इसलिए महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है कि वो थायराइड की समस्या को अनदेखा ना करें।
थायराइड ग्लैंड गले के बीचो-बीच एक ऑर्गन होता है। इसका काम थायराइड हार्मोन पैदा करना है। थायराइड हार्मोन बहुत जरूरी हार्मोन होता है। यह दिल, दिमाग, त्वचा, बालों और मांसपेशियों को अत्यधिक प्रभावित करता है। इसलिए अगर किसी कारणवश थायराइड ग्लैंड काम करना बंद कर दे या काम ज्यादा करने लगे तो दोनों ही स्थिति में थायराइड प्रॉब्लम का शिकार हो सकते हैं। कई बार थायराइड ग्लैंड द्वारा थायराइड हार्मोन ज्यादा उत्पादित होने लगता है जिसे हाइपरथायराइडिज्म कहते हैं। अगर थायराइड ग्रंंथि कम मात्रा में इस हार्मोन का उत्पादन करने लगे तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं।
हाइपोथायराइडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म, दोनों थायराइड के ही प्रकार हैं लेकिन महिलाएं हाइपोथायराइडिज्म से ज्यादा ग्रस्त होती हैं। इसलिए आज इस लेख के ज़रिए हम आपको महिलाओं में होने वाले हाइपोथायराइडिज्म के बारे में बताने जा रहे हैं।
(और पढ़ें - थायराइड का होम्योपैथिक इलाज)