थायराइड ग्रंथी हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को प्रभावित करती है. यूं तो थायराइड डिसऑर्डर कई तरह के होते हैं, लेकिन सबसे आम थायराइड समस्या के तहत थायराइड हार्मोन का असंतुलित तरीके से निर्माण होना शामिल है. ज्यादा थायराइड हार्मोन के होने से हाइपरथाइरॉयडिज्म हो जाता है. वहीं, जब हार्मोन का निर्माण पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है, तो यह हाइपरथाइरॉयडिज्म की स्थिति में तब्दील होता है.

अच्छी बात यह है कि अधिकतर थायराइड समस्याओं को मैनेज किया जा सकता है. इसे मैनेज करने में हमारी डाइट और लाइफस्टाइल अहम भूमिका निभाती है. बात जब डाइट की आती है, तो लहसुन की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. हम सब जानते हैं कि लहसुन हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है, लेकिन हम से कम लोगों को ही शायद यह पता हो कि लहसुन में एंटीइंफ्लेमेटरी और डिटॉक्सिफाइंग एजेंट थायराइड को कंट्रोल करने में भी अहम भूमिका निभाता है.

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आइए इस लेख में हम जानते हैं कि थायराइड में लहसुन किस तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है-

  1. थायराइड में लहसुन के फायदे
  2. सारांश
थायराइड में लहसुन के फायदे के डॉक्टर

लहसुन के फायदे के बारे में अलग से बताने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सालों से इसका इस्तेमाल इन्फेक्शन को दूर करने के लिए किया जाता रहा है. थायराइड मैनेजमेंट में भी यह जरूरी भूमिका निभाता है, जिन्हें थायराइड ग्रंथी के ऑटो इम्यून डिजीज हाशिमोटो और ग्रेव डिजीज है, उन्हें एंटीइंफ्लेमेटरी डाइट लेने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में लहसुन अपने एंटीइंफ्लेमेटरी गुण की वजह से फायदा पहुंचाता है. आइए, हम विस्तार से थायराइड में लहसुन के फायदे के बारे में जानते हैं-

एंटीइंफ्लेमेटरी गुण के लिए लहसुन के फायदे

लहसुन में स्ट्रॉन्ग एंटीइंफ्लेमेटरी गुण हैं. एक अध्ययन के अनुसार लहसुन आईएल 17 साइटोकाइन के निर्माण को रोकता है. आईएल 17 एक तरह का प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकाइन है, जिसे कई ऑटोइम्यून रोगों से जोड़कर देखा जाता है. हाशिमोटो थायरायडिटिस से ग्रस्त लोगों के खून में आईएल 17 का लेवल बढ़ा हुआ रहता है. ऐसे में यदि हाशिमोटो का रोगी लहसुन का सेवन करता है, तो इससे उसके खून में आईएल 17 का लेवल कम हो सकता है.

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शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए लहसुन के फायदे

लहसुन में सल्फर युक्त कंपाउंड होते हैं, जो डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करते हैं. लहसुन की खास बात यह है कि यह लिवर में डिटॉक्सिफिकेशन के दोनों फेज को सपोर्ट करता है. लीड, मर्करी और आर्सेनिक और कैडमियम को डिटॉक्सिफाई करने में लहसुन सहायक साबित हो सकता है. हम जानते हैं कि हाशिमोटो पर्यावरण की वजह से बढ़ता है. इन दिनों तो खासकर हम टॉक्सिन वाली हवा में सांस ले रहे हैं, तो इस स्थिति में लहसुन को अपनी डाइट में शामिल करने से हमारी बॉडी डिटॉक्सिफाई होती है. साथ ही थाइरायड की समस्या में मदद मिलती है.

ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लिए लहसुन के फायदे

थायराइड की बीमारी से जूझ रहे लोगों को अमूमन हाई ब्लड प्रेशर और बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है. लहसुन ब्लड प्रेशर में सुधार लाने के साथ ही दिल की सुरक्षा भी करता है, क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. अध्ययन बताते हैं कि यह कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है.

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इंफेक्शन के लिए लहसुन के फायदे

सर्दियों के मौसम में लहसुन खाने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए ताकि सर्दी और जुकाम से सुरक्षित रहा जा सके. कई अध्ययन भी इसकी पुष्टि करते हैं. दरअसल, लहसुन में एलिसिन होता है, जिसका एंटीमाइक्रोबियल गुण इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है. यह हमारी इम्यूनिटी में सुधार लाकर वायरल इंफेक्शन को भी दूर रखता है. वायरल इंफेक्शन को ऑटोइम्यून डिजीज जैसे हाशिमोटो को बढ़ावा देने से जोड़कर देखा जाता है.

एंटीऑक्सीडेंट गुण के लिए लहसुन के फायदे

लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिसके सेवन से हमारे खून में एंटीऑक्सीडेंट लेवल भी बढ़ता है. एंटी ऑक्सीडेंट का काम फ्री रेडिकल्स से हमारे शरीर की सुरक्षा करना है. ये फ्री रेडिकल्स हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को खतरा पहुंचाकर ऑटोइम्यून डिजीज का कारण बन सकते हैं. इस तरह से लहसुन हाशिमोटो बीमारी में अपने एंटीऑक्सीडेंट गुण की वजह से लाभकारी हो सकता है.

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पेट के लिए लहसुन के फायदे

ऑटोइम्यून बीमारियों की शुरुआत गट से ही होती है. यदि हम अपने गट को हेल्दी रखेंगे, तो थायराइड जैसी बीमारियां अपने आप कंट्रोल में रहेंगी. लहसुन में इनुलिन और फ्रुक्टूलिगोसैकेराइड्स होते हैं, जो प्रीबायोटिक का बढ़िया स्रोत होने के साथ ही गुड गट माइक्रोबियोम में मदद करते हैं. इस तरह से लहसुन आपके शरीर के ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी है.

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आज के समय में थायराइड की बीमारी भले ही आम हो गई है, लेकिन आप इसे अपनी डाइट और लाइफ स्टाइल में बदलाव करके मैनेज कर सकते हैं. ऐसे में अगर आप लहसुन को अपनी डाइट में नियमित तौर पर शामिल करते हैं, तो यह अपने एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों की वजह से आपके थायराइड को मैनेज करने में मदद कर सकता है.

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