प्रोटीन पाउडर एक समृद्ध प्रोटीन स्रोत होता है जो अधिकतर शारीरिक प्रशिक्षण करने वालों के द्वारा उपयोग किया जाता है ताकि उन्हें मांसपेशियों के निर्माण और ताकत को बढ़ाने में सहायता मिल सके। शोध में यह भी पाया गया है कि कुछ प्रोटीन से मांसपेशियों के निर्माण और ताकत में वृद्धि हुई है जैसे कि व्हे (whey) जो कि बाजार में बड़े पैमाने पर बेचा और इस्तेमाल किया जाता है। व्हे प्रोटीन में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, एंटीहाइपरेटिव, एंटीऑक्सिडेंट, हाइपोलिपिडेमिक गुण होते हैं, यहां तक कि इसमें एंटीट्यूमर गुण भी होते हैं। दुर्भाग्य से प्रोटीन पाउडर के भी कुछ साइड इफेक्ट होते हैं। विभिन्न प्रकार के प्रोटीन पाउडर के साइड इफेक्ट्स को जानने से आप संभावित समस्याओं को कम कर सकते हैं।

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ये भी याद रखें, बहुत अधिक प्रोटीन पाउडर के सेवन से आपके लिए समस्याएं हो सकती है। इसलिए इनका सेवन निर्धारित मात्रा में ही करें और सेवन के लिए बताए गये निर्देशों का ठीक से पालन करें। एक दिन में दो स्कूप लेना आमतौर पर उन लोगों के लिए ठीक है जो खेल या शारीरिक प्रशिक्षण में लगे हुए हैं। अगर आप जरूरत से ज्यादा प्रोटीन लेंगे तो मतली, ऐंठन और दस्त का अनुभव कर सकते हैं। आइए जाने प्रोटीन पाउडर से संबंधित दुष्प्रभावों के बारे में -

  1. पेट के लिए प्रोटीन पाउडर के नुकसान - Stomach Upset Due to Protein Powder in Hindi
  2. गैस और आंतों के लिए प्रोटीन पाउडर के नुकसान - Pea Protein Powder Causes Gas in Hindi
  3. हार्मोनल असंतुलन के लिए प्रोटीन पाउडर के नुकसान - Soy Affecting Hormone Levels in Hindi
  4. प्रोटीन पाउडर में मौजूद आइसोलेटेड फ्रुक्टोज के नुकसान - Sugar in Protein Powder Bad for Health in Hindi
  5. शरीर में विषैले पदार्थों के लिए प्रोटीन पाउडर के नुकसान - Toxic Waste Buildup in Body Due To Excess Protein in Hindi
  6. प्रोटीन पाउडर में मौजूद धातुओं के नुकसान - Protein Powder Contains Heavy Metals in Hindi
  7. प्रोटीन पाउडर लेने से कैंसर होने के नुकसान - Protein Powder Causes Cancer in Hindi
  8. सारांश
प्रोटीन पाउडर के नुकसान के डॉक्टर

लैक्टोज दूध उत्पादों और दूध में पाए जाने वाली चीनी है जो व्हे आधारित प्रोटीन पाउडर में भी मौजूद होती है। यदि आपको लैक्टोज से एलर्जी है और लैक्टोज युक्त प्रोटीन पाउडर का उपभोग किया है तो इससे आपको पाचन से संबंधित समस्याओं का अनुभव होने की संभावना रहती है। आप सूजन या ब्लोटिंग महसूस कर सकते हैं या दस्त का सामना कर सकते हैं। पेट में दर्द और मतली भी आपको प्रभावित कर सकती है। यदि आपको लैक्टोज से एलर्जी है तो आपको इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए लैक्टोज-मुक्त प्रोटीन पाउडर का सेवन करने की कोशिश करनी चाहिए। 

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यदि आपको लैक्टोज से एलर्जी हैं तो आपको मटर आधारित प्रोटीन पाउडर लेना चाहिए। लेकिन बहुत ही दुर्लभ मामलों में मटर आधारित प्रोटीन के प्रति भी संवेदनशील होना संभव रहता है। पी प्रोटीन (Pea Protein) के अर्क में ओलिगोसेकेराइड कार्बोहाइड्रेट के अणुओं (oligosaccharides carbohydrate molecules) को पाया जाता है जिससे पेट में गैस और आंतों में परेशानी पैदा होती है।

सोया प्रोटीन में पाए जाने वाले आइसोफ्लावांस (isoflavones) की तरह फाइटोस्टेग्रन्स (Phytoestrogens) शरीर में हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकते हैं। ये एस्ट्रोजेन गतिविधि को कम करके शरीर में वास्तविक एस्ट्रोजन को ब्लॉक कर सकते हैं या ये एस्ट्रोजेन गतिविधि में वृद्धि का कारण हो सकते हैं जब सोया प्रोटीन में मौजूद आइसोफ्लावांस आपके शरीर के रिसेप्टर्स को सक्रिय करते हैं। यह भी पता चला है कि सोया प्रोटीन प्रजनन समस्याओं का कारण हो सकता है, विशेषकर महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। 

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अधिकांश प्रोटीन पाउडर में उन्हें कुछ ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए मीठा मिलाया जाता है। हमेशा जांचें कि किस प्रकार की चीनी या स्वीटनर आपके प्रोटीन पाउडर में उपयोग किया जाता है। शुगर अल्कोहल जैसे माल्टाइटोल और सोर्बिटोल साथ ही आइसोलेटेड फ्रुक्टोज पेट की परेशानी का कारण बन सकते हैं। सोर्बिटोल की अत्यधिक खपत एक लॅक्सेटिव (रेचक) प्रभाव पैदा करने के लिए जानी जाती है और दस्त का कारण बन सकती है। नियमित रूप से बहुत अधिक मीठा प्रोटीन पाउडर लेने से आँतो का संतुलन गड़बड़ हो सकता है। जिससे आपकी प्रतिरक्षा पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए आप शुगर फ्री प्रोटीन पाउडर में स्वाद को बढ़ाने के लिए शहद भी मिला सकते हैं। 

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लिवर क्षतिग्रस्त हो जाने पर स्वास्थ्य पेशेवरों के द्वारा प्रोटीन लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्षतिग्रस्त लिवर के साथ, शरीर में प्रोटीन ठीक से संसाधित (Processed) नहीं होता है। इसका अर्थ है कि हानिकारक विषाक्त अपशिष्ट उत्पाद आपके शरीर में बन सकते हैं। इसलिए आपको प्रोटीन पाउडर का सेवन सीमित मतरा में करना है या नहीं करना है, यह आपके मेडिकल इतिहास पर निर्भरकरेगा और सर्वोत्तम निर्णय के लिए आप अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

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विभिन्न ब्रांड प्रोटीन पाउडर के नमूनों की जांच से प्रोटीन पाउडर की सभी किस्मों में विषैली भारी धातुओं का पता चला था। इन भारी धातुओं में सीसा, पारा, आर्सेनिक और कैडमियम शामिल थे। ये सभी कब्जथकान, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द साथ ही साथ सिरदर्द सहित कई दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं। इन संभावित विषैली धातुओं की मात्रा हालांकि आदर्श नहीं है। इसलिए इस प्रकार के प्रोटीन पाउडर का सेवन आपके लिए घातक हो सकता है।

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सोया प्रोटीन पाउडर में फाइटोस्टास्ट्रनों का उच्च सेवन स्तन कैंसर के बढ़ते जोखिम से जोड़ा जा सकता है। पशु अध्ययनों से पता चला है कि सोया आइसोवाल्वोन ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर का विकास कर सकते हैं। लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई निर्णायक अध्ययन नहीं हुए है इसलिए आप सावधानी के तौर पर सोया प्रोटीन की खपत में कटौती कर सकते हैं या वैकल्पिक स्रोत से बने प्रोटीन पाउडर का उपयोग कर सकते हैं। 

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कुछ शोध बताते हैं कि दूध प्रोटीन टाइप 1 मधुमेह होने में योगदान कर सकते हैं। इसके अलावा, क्योंकि इन पाउडर में संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल होते हैं तो ये हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से भी जुड़े हो सकते हैं। इस संदर्भ में इन पाउडर के उपयोग या इनसे बचाने से पहले और शोध की आवश्यकता है। लेकिन पाउडर की संरचना और वसा और दूध प्रोटीन से संभावित मुद्दों पर विचार करते हुए, आप बताई गई किसी भी बीमारी की स्थिति के खतरे में सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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लेकिन अगर आप सीमित मात्रा में प्रोटीन पाउडर का सेवन करेंगे तो इन सभी नुक़सानो से बचा जा सकता है।

प्रोटीन पाउडर का उपयोग आमतौर पर मांसपेशियों को मजबूत करने और फिटनेस को बढ़ाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसके कुछ संभावित नुकसान भी हो सकते हैं। लंबे समय तक अधिक मात्रा में प्रोटीन पाउडर का सेवन करने से किडनी और लिवर पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे इन अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद कृत्रिम स्वाद, शक्कर, और प्रिज़र्वेटिव्स पाचन समस्याएं या एलर्जी का कारण बन सकते हैं। यदि इसे संतुलित आहार के विकल्प के रूप में लिया जाए, तो पोषण की कमी हो सकती है। इसलिए, प्रोटीन पाउडर का उपयोग करने से पहले डॉक्टर या डाइटिशियन से परामर्श करना आवश्यक है।

Dr. Dhanamjaya D

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