कालमेघ (एगड्रोग्राफिस पैनीकुलैटा - Andrographis paniculata) एक किस्म का कड़वा टॉनिक है जिसका उपयोग बुखार, लिवर की समस्याओं, कीड़े, पेट की गैस और कब्ज आदि के इलाज के लिए किया जाता है। कालमेघ में एंटीप्रेट्रिक (बुखार कम करने वाले), जलन-सूजन कम करने वाले, एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, लिवर को सुरक्षा प्रदान करने वाले गुण होते हैं। इसका उपयोग लिवर और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।
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कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke Fayde
- बुखार के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke fayde bukhar dur karne ke liye
- स्वस्थ लिवर के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke labh rakhen liver ko surkshit
- कब्ज दूर करने के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke gunn karen kabj ko dur
- दस्त के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke upyog hain dast mein labhkari
- स्किन के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke aushdhiya gun rakhen tvcha ko swsth
- फ्लू के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ka sewan hai flu mein labhkari
- हृदय को स्वस्थ रखने के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh for heart in Hindi
- सूजन को कम करने के लिए कालमेघ के फायदे - Edema mein upyogi hai kalmegh
- डायबिटीज के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh hai diabetes mein upyogi
- कालमेघ के नुकसान - Kalmegh ke Nuksan
- सारांश
कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke Fayde
कालमेघ पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में उपयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पौधा है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी में किया जाता है। यह भारत में उत्तर प्रदेश से लेकर केरल तक और बांग्लादेश, पाकिस्तान और सभी दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में अपने-आप उगता है। इसे सजावटी पौधे के तौर पर उगाया जाता है। इस पौधे के सभी हिस्से बेहद कड़वे होते हैं जिसके कारण इस पौधे कड़वाहट का राजा भी कहा जाता है।
कालमेघ का उपयोग खून साफ करने वाली कड़वी जड़ी-बूटी के तौर पर होता है। इसमें मौजूद खून साफ करने के गुणों के कारण पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग कुष्ठ रोग, गोनोरिया, खरोंच, फोड़े, त्वचा विकार आदि के इलाज के लिए किया जाता है। इसका काढ़ा लिवर की बीमारियां और बुखार ठीक करने में उपयोगी है।
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लिवर, अपच, कब्ज, एनोरेक्सिया, पेट में गैस और दस्त आदि में इसके काढ़े का उपयोग किया जाता है। मासिक धर्म के दौरान खून के अधिक स्राव को रोकने के लिए इसकी ताजा पत्तियों के रस का सेवन बेहद लाभकारी होता है।
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बुखार के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke fayde bukhar dur karne ke liye
कालमेघ औषधीय गुणों से भरपूर छोटा सा पौधा है। इसका उपयोग मुख्य रूप से मधुमेह और डेंगू बुखार के इलाज के लिए किया जाता है। यह बूटी तमिलनाडु में बहुत प्रसिद्ध है जिसे वहां नीलवेंबू काषायम कहते हैं। इसका उपयोग डेंगू और चिकनगुनिया बुखार के इलाज के लिए किया जाता है।
कालमेघ पुराने बुखार के इलाज में बहुत लाभकारी है। वायरल बुखार में लिवर प्रभावित होता है, ऐसे में कालमेघ लिवर की सुरक्षा करता है और मरीज को तेजी से ठीक होने में मदद मिलती है।
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पुराने बुखार या सामान्य बुखार के इलाज के लिए कालमेघ का पौधा लें। इसे साफ कर छाया में सूखाएं। एक गिलास पानी में 3-4 ग्राम कालमेघ चूर्ण मिलकर काढ़ा बनाएं। पानी एक चौथाई रहने तक इसे उबालें। इस काढ़े को दिन में दो बार पीएं। इसका स्वाद कड़वा होता है इसलिए इसमें मिश्री मिलायी जा सकती है।
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स्वस्थ लिवर के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke labh rakhen liver ko surkshit
कालमेघ का सेवन लिवर की समस्याओं से छुटकारा पाने में उपयोगी है। कालमेघ लिवर और गुर्दे के इलाज में लाभकारी है।
पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में पीलिया दूर करने के लिए कालमेघ की पत्तियों का उपयोग किया जाता है। लिवर की समस्याओं को दूर करने के लिए एक मिलीलीटर पानी में 1 ग्राम कालमेघ, 1-2 ग्राम भुना हुआ आंवला चूर्ण, 2 ग्राम मुलेठी मिलाएं। इसे तब तक उबालें जब तक यह चौथाई कप न रह जाये। फिर इस काढ़े को छानकर इसका सेवन करें।
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कब्ज दूर करने के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke gunn karen kabj ko dur
कालमेघ कब्ज की अचूक दवा है। सदियों से इससे राहत पाने के लिए कालमेघ के चूर्ण का उपयोग किया जाता रहा है। इसका उपयोग निम्न तरीके से कर सकते हैं-
सामग्री -
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कालमेघ का इस्तेमाल कब्ज को दूर करने के लिए कैसे करें -
- कालमेघ, आंवला और मुलेठी चूर्ण पानी में डालें।
- अब इस पानी को तब तक उबालें जब तक पानी घटकर तकरीबन 100 मिलीलीटर न रह जाए।
- इसके बाद इस काढ़े को छाने और इसका सेवन करें।
ये उपाय कितनी बार करें -
- दिन में दो बार इस काढ़ें का सेवन करें।
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दस्त के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke upyog hain dast mein labhkari
कालमेघ की पत्तिया दस्त, गैस और लिवर की समस्याओं के लिए बहुत उपयोगी है। दस्त की समस्या से राहत पाने का इसकी गोली बेहद लाभकारी है। इसे निम्न तरीके से बना सकते हैं -
सामग्री -
- कालमेघ की पत्तियां
- गुड़
- पानी
इसकी गोली बनाने की विधि -
- कालमेघ की पत्तियों को अच्छे से धोकर पानी में पकाएं।
- इसे गाढ़ा हो जाने तक पकने और फिर इसमें गुड़ डालें।
- ठंढा होने पर इस मिश्रण की छोटी-छोटी गोलियां बना लें।
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स्किन के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ke aushdhiya gun rakhen tvcha ko swsth
कालमेघ में बैक्टीरिया-रोधी और वायरस-रोधी गुण होते हैं। यह कई प्रकार के त्वचा रोगों का लोकप्रिय घरेलू उपचार है। कालमेघ पौधे को बारीक पीस लें। इस लेप का उपयोग त्वचा पर उभरे दानों (स्किन रैशज़) पर करें। इसके अलावा इस पौधे के काढ़े का उपयोग घावों को धोने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे घावों को जल्दी से ठीक करने में मदद मिलती है।
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कालमेघ में खून साफ करने के गुण होते हैं। यह खून से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए इसका उपयोग त्वचा रोगों से छुटकारा पाने के लिए निम्न प्रकार से किया जाता है -
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सामग्री -
- 3 ग्राम - कालमेघ पाउडर
- 2 ग्राम - आंवला
- पानी
कालमेघ का इस्तेमाल त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए कैसे करें -
- रात में एक गिलास पानी में कालमेघ और आंवला चूर्ण भिगो कर रख दें।
- सुबह इस पानी को छानकर पी लें।
- इस पानी के सेवन से त्वचा विकार दूर होते हैं।
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फ्लू के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh ka sewan hai flu mein labhkari
कुछ लोगों का दावा है कि इस जड़ी-बूटी के जरिये 1919 में भारत में फ्लू की महामारी जैसी स्थिति को रोका गया था। लेकिन यह अभी तक इसे साबित नहीं किया जा सका है। कालमेघ सामान्य सर्दी-जुकाम का लोकप्रिय उपचार है। एक अध्ययन के अनुसार कालमेघ से सर्दी-जुकाम से बचाव हो सकता है।
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हृदय को स्वस्थ रखने के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh for heart in Hindi
हृदय से जुड़ी बीमारियों से पूरी दुनिया में सबसे अधिक लोगों की मृत्यु होती है। भारतीय और चीनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में इस जड़ी-बूटी का उपयोग हृदय को स्वस्थ करने के लिए किया जाता है। धमनियों में वसा जमा होने से रक्त वाहिकाएं कठोर हो जाती हैं। एक अध्ययन के मुताबिक कालमेघ रक्त के थक्के बनने का समय बढ़ाने के साथ-साथ रक्त वाहिकाओं में संकुचन से बचाव करता है। इसके सेवन से दिल के दौरे से बचाव हो सकता है इस पौधे में रक्त जल्दी जमने से रोकने के गुण होते हैं।
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सूजन को कम करने के लिए कालमेघ के फायदे - Edema mein upyogi hai kalmegh
पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में पुराने एडीमा जड़ से खत्म करने के लिए कालमेघ और अदरक के मिश्रण का इस्तेमाल किया है। इसकी 10 से 15 ग्राम की खुराक से एडिमा के मरीजों को लाभ मिला है।
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डायबिटीज के लिए कालमेघ के फायदे - Kalmegh hai diabetes mein upyogi
कालमेघ में डायबिटीज नियंत्रित करने के भी गुण होते हैं। इनसे रक्त शर्करा (Blood Sugar) का स्तर कम करने में मदद मिलती है। इसमें दो तत्व होते हैं एंड्रोग्राफोलाइड (Andrographolide) और 14-डीऑक्सी- 11,12-डाइडिहाइड्रोएन्ड्रोग्राफोलाइड (12-didehydroandrographolide) जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
(और पढ़ें - डायबिटीज का आयुर्वेदिक उपचार)
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कालमेघ के नुकसान - Kalmegh ke Nuksan
निम्न परिस्थितियों में कालमेघ का सेवन वर्जित है:
- रक्त प्रवाह सम्बन्धी विकार, उच्च रक्तचाप, नपुंसकता, बाँझपन आदि की स्थिति।
- अल्सर, हाइपर एसिडिटी और एसोफेगल रिफ्लक्स (oesophageal reflux)।
- गर्भावस्था
किसी भी बिमारी से ग्रस्त होने की स्थिति में इसके उपयोग से पहले डॉक्टर या वैद्य से सलाह जरूर लें।
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सारांश
कालमेघ (Andrographis paniculata) एक औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसे "हरी चाय" या "भूनिम्ब" भी कहा जाता है। इसका उपयोग आयुर्वेद में कई रोगों के उपचार में किया जाता है। यह जड़ी-बूटी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, पाचन सुधारने, लिवर को डिटॉक्स करने और बुखार, सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं में राहत देने में सहायक है। इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन कम करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। कालमेघ को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में भी उपयोगी माना गया है।
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कालमेघ है
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- Usine StrongLiv Liver Protection & Regenerative Capsule - ₹180
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- Herbal Canada Udramrit Ras - ₹204
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- Baidyanath Liverex Tablet - ₹136
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- Dindayal Aushadhi Immuno Plus Tablet - ₹160
- Dindayal Aushadhi Livcare Syrup - ₹160
- Goelar Hepstome Syrup 200ml - ₹193
- Ultra Healthcare livorest - ₹160
- Anju Alive Syrup Large Pack - ₹180
- Maha Herbals Blood Detoxy Syrup - ₹138
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- Kerala Ayurveda Histantin - ₹545
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