मदार या आक औषधीय पौधा है जो पूरे भारत में बंजर जमीन, खुले तथा शुष्क क्षेत्र में अपने-आप उगता है। आक दुनिया भर में गर्म जलवायु, शुष्क, क्षारीय और रेतीले मिट्टी वाले हिस्सों में भी पाया जाता है। मुख्य रूप से इसकी दो किस्में हैं - कैलोट्रोपिस प्रोसेरा (बैंगनी-फुल) और कैलोट्रोपिस जिगांटे (सफेद-फूल)।
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आक के फायदे - Aak ke Fayde
- आक के पत्ते के फायदे जोड़ों के दर्द में - Aak ke patte jodon ke dard mein faydemand
- आक का पेड़ के फायदे त्वचा के लिए - Skin ke liye aak ke labh
- आक के दूध के फायदे पाइल्स में - Aak ke patte ke labh piles mai
- आक के औषधीय गुण घाव भरने में - Madak ka dudh ghav bharne mein upyogi
- आक के पौधे के गुण दे दांत दर्द से छुटकारा - Madar ka doodh kis kaam aata hai Danat dard mai
- मदार के पत्ते के फायदे करे पांव के छाले दूर - Madar ke fayde paanv ke chhalon ke liye
- मदार के पत्ते के गुण हैजा में लाभदायक - Madar ke poudhe ke gun karen haija ko dur
- मदार के पत्ते के लाभ करे बांझपन दूर - Madar ke doodh ke fayde Banjhpan me
- आक के गुण कान की बीमारियों के लिए - aak ke patte ka upay kare kaan ki bimaariyon mai
- मदार आक के नुकसान - Aak ke nuksan in Hindi
आक के फायदे - Aak ke Fayde
औषधि के रूप में सफेद फूलों का उपयोग अधिक किया जाता है। इस पौधे के दूध में गर्भपात कारक, स्पाज्मोजेनिक और कारमेटिव, एंटी-डिसेन्ट्रिक, एंटी-सिफिलिटिक, एंटी-रूमेटिक, एंटीफंगल और डायफोरेटिक गुण होते हैं। इसके अलावा यह कुष्ठ रोग, ब्रोन्कियल अस्थमा और त्वचा रोगों के उपचार में भी उपयोगी है। इसकी जड़ की छाल के चूर्ण का उपयोग दस्त और पेचिश के इलाज में किया जाता है। इस पौधे की जड़ अपच में भी उपयोगी है।
आइये जानें इसके लाभ के बारे में -
आक के पत्ते के फायदे जोड़ों के दर्द में - Aak ke patte jodon ke dard mein faydemand
यदि आप जोड़ों की समस्याओं से परेशान रहते हैं तो प्रभावित जगह पर आक की पत्तियों को बांधें।
इसमें प्रदाह (जलन-सूजन) कम करने वाले गुण होते हैं जो गठिया और संधिशोथ (Rheumatism) जैसी प्रदाह सम्बन्धी बीमारियों के इलाज में उपयोगी हैं। तुरंत राहत पाने के लिए इसकी पत्तियों को गर्म कर जोड़ों पर लगाएं।
(और पढ़ें - जोड़ों में दर्द का इलाज)
आक का पेड़ के फायदे त्वचा के लिए - Skin ke liye aak ke labh
चेहरे के दाग धब्बों का इलाज करने के लिए, 3 ग्राम हल्दी को आक के पौधे के दूध के साथ मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इसके इससे खुजली से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। विभिन्न प्रकार के त्वचा रोगों का इलाज इससे हो सकता है।
(और पढ़ें - खुजली का इलाज)
आक के दूध के फायदे पाइल्स में - Aak ke patte ke labh piles mai
यदि आप बवासीर की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको आक का उपयोग करना चाहिए। बवासीर का इलाज करने के लिए, इस जड़ी बूटी का उपयोग बहुत ही लाभकारी होता है। इलाज के तौर पर बाहरी रूप से आक के दूध को बवासीर के ऊपर लगाएं।
(और पढ़ें - बवासीर का घरेलू उपाय)
आक के औषधीय गुण घाव भरने में - Madak ka dudh ghav bharne mein upyogi
इस पौधे के दूध को निकालें। अब इस दूध में हल्दी को मिक्स करें और त्वचा के प्रभावित क्षेत्र पर इस पेस्ट को लगाएं। इसके अलावा आप घावों पर मदार की पत्तियों को गरम करके लगाएं।
(और पढ़ें - घाव भरने का तरीका)
आक के पौधे के गुण दे दांत दर्द से छुटकारा - Madar ka doodh kis kaam aata hai Danat dard mai
यदि आप दांतों की किसी भी प्रकार की समस्या से परेशान हैं तो आपको आक उपयोग करना चाहिए। दांत दर्द से राहत पाने के लिए, आक के दूध को मसूड़ों पर लगाएं।
(और पढ़ें - दांत दर्द का घरेलू उपाय)
मदार के पत्ते के फायदे करे पांव के छाले दूर - Madar ke fayde paanv ke chhalon ke liye
यदि पैर में छाले हों तो आक के पौधे के रस का उपयोग करें। पैर के छालों को ठीक करने के करने लिए छालों के ऊपर आक का दूध लगाएं। इससे तुरंत राहत मिलेगी।
(और पढ़ें - डायबिटिक फुट अल्सर का इलाज)
मदार के पत्ते के गुण हैजा में लाभदायक - Madar ke poudhe ke gun karen haija ko dur
हैजा के इलाज के लिए इस पौधे की जड़ की छाल को अच्छे से साफ करें। इन्हें सुखाकर इसका चूर्ण तैयार करें। अब इसमें अदरक का रस और काली मिर्च का चूर्ण मिला करें। इस मिश्रण से मटर के आकार की गोलियों बनाएं। और हर दो घंटे बाद एक गोली, एक चम्मच पुदीने के रस के साथ लें। इससे बुखार भी ठीक होगा।
(और पढ़ें - हैजा का टीका)
मदार के पत्ते के लाभ करे बांझपन दूर - Madar ke doodh ke fayde Banjhpan me
महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में आक उपयोगी हो सकता है। इसके लिए सफेद फूल वाले आक की जड़ को छाया में सुखाकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें। एक गिलास गाय के दूध के साथ 1-2 ग्राम आक के पाउडर का सेवन करना लाभदायक हो सकता है।
(और पढ़ें - बांझपन का इलाज)
आक के गुण कान की बीमारियों के लिए - aak ke patte ka upay kare kaan ki bimaariyon mai
पीले रंग की आक की पत्तियों को अच्छी तरह धोकर सुखा लें और इसका चौथाई कप रस निकाल लें। अब इसमें एक चौथाई कप तिल का तेल मिलाएं। इसमें चौथाई चम्मच लहसुन, कैलामस, दालचीनी और हिंग भी मिलाएं। कम आंच पर अच्छे से पका लें। अब ठंडा होने के बाद एक बोतल में रख लें। अब इस मिश्रण की कुछ बूंदें कान में डालें। इससे कान की तकलीफ कम होने लगेगी।
इसके अलावा आक की पत्तियों पर घी लगाकर गरम करें। अब इसका रस निकालकर कान में डाल सकते हैं।
(और पढ़ें - कान दर्द का इलाज)
मदार आक के नुकसान - Aak ke nuksan in Hindi
आक का अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक है।
- इसमें कुछ ऐसे रसायन होते हैं जो हृदय को प्रभावित कर सकते हैं। (और पढ़ें - हृदय रोग का इलाज)
- इससे उल्टी आ सकती है या दस्त लग सकते हैं। (और पढ़ें - दस्त में क्या खाना चाहिए)
- हृदय की धड़कन धीमी हो सकती है, चक्कर आ सकता है और विशेष परिस्थितियों में मृत्यु तक हो सकती है।
- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान भी इसके सेवन से बचें।
(और पढ़ें - स्तनपान के फायदे)
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