सनाय का पौधा और पत्तियां
दुनिया के तमाम देशों में औषधीय लाभ के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले पौधों में से एक है- सनाय का पौधा। सनाय को सेना के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा फूलों से युक्त होता है और दाल और फलियों के परिवार से ताल्लुक रखता है। इस औषधीय पौधे की 50 से ज्यादा प्रजातियों की खेती दुनियाभर में की जाती है। इस पौधे की जंगली प्रजातियां तो 350 के आसपास हैं। इस चमत्कारी पौधे के वैसे तो कई हिस्सों को प्रयोग में लाया जाता है जिसमें सनाय की पत्तियों को विशेष लाभदायक माना जाता है।
सनाय के पौधे के बारे में सामान्य जानकारी
- वैज्ञानिक नाम: वैसे तो दुनिया भर में सनाय की अलग-अलग प्रजातियों के पौधों को प्रयोग में लाया जाता है। लेकिन औषधीय उपयोगों के आधार पर जिन 4 प्रकार के सनाय पौधों को सबसे ज्यादा प्रयोग में लाया जाता है वे हैं:
- कैसिया एंगुस्टिफोलिया: टिनेवली सेना या भारतीय सनाय
- कैसिया एलेक्जेंड्रिना: सेना एलेक्जेंड्रिना
- सेना टोरा
- कैसिया ओसिडेंटैलिस
- फैमिली: फबेसियाए
- सामान्य नाम: सेना, निला अवुराई, अवुरी, मारकंडिका, सेनाई
- संस्कृत नाम: स्वर्णपत्री।
- प्रयोग में लाए जाने वाले हिस्से: पत्तियां, फली और फूल
- भौगोलिक वितरण: यह पौधा भारत के कई हिस्सों में उगता है। दुनिया भर के कई अन्य हिस्सों, विशेषकर उत्तरी अफ्रीका में भी यह पौधा बहुतायत में पाया जाता है।
- दिलचस्प तथ्य: सनाय का पौधा विश्व स्वास्थ्य संगठन के आवश्यक दवाओं की मॉडल सूची 2019 में भी शामिल है।
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सनाय के पौधों में एंथ्राक्विनोन्स (जिसमें एलो-एमोडिन शामिल है) और सेनोसाइड्स नाम के प्लांट रसायन (फाइटोकेमिकल्स) होते हैं जो इसे एक असरदार लैक्सेटिव (मुलायम बनाने वाली दवा) बनाते हैं। यही कारण है कि कब्ज जैसी बीमारियों के इलाज के लिए इसे काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा भी सनाय के कई फायदे हैं।