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हस्तमैथुन किसे कहते हैं?
हस्तमैथुन करना प्राकृतिक है। शरीर को आनंद महसूस करवाने, सेक्सुअल तनाव को दूर करने और अपने शरीर को जानने के लिए ये एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीक़ा है। हस्तमैथुन सभी लिंग और जाति के लोग करते हैं। मिथको के बावजूद, वास्तव में हस्तमैथुन से शरीर को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं होता है। हालांकि, अत्यधिक हस्तमैथुन आपके संबंधों और दैनिक जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, हस्तमैथुन एक मज़ेदार, सामान्य और स्वस्थ कार्य है। इसलिए हम आपको आज बताएंगे कि हस्तमैथुन फायदे और नुकसान - 

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  1. हस्तमैथुन से संबंधित स्टडी
  2. हस्तमैथुन के फायदे - Benefits of masturbation in Hindi
  3. क्या मास्टरबेशन से कमजोरी होती है?
  4. हस्तमैथुन से होने वाली कमजोरी को कैसे दूर करें?
  5. डेली मास्टरबेशन करने से क्या होगा?
  6. क्या लड़कों के लिए मास्टरबेशन जरूरी है?
  7. मास्टरबेशन ना करे तो क्या होगा?
  8. मास्टरबेशन के बिना कब तक रह सकते हैं?
  9. 1 महीने तक मास्टरबेशन न करने से क्या होता है?
  10. हस्तमैथुन करने के बाद क्या खाएं?
  11. हस्तमैथुन करने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?
  12. हस्तमैथुन करने से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं?
  13. हस्तमैथुन का इलाज कैसे करें?
  14. हस्तमैथुन को कैसे रोकें?
  15. हस्तमैथुन से होने वाली बीमारियां
  16. हस्तमैथुन छोड़ने के उपाय - Remedies to quit masturbation in Hindi
  17. क्या प्रेग्नन्सी के दौरान हस्तमैथुन कर सकते है?
  18. हस्तमैथुन के नुकसान - Side effect of masturbation in Hindi
  19. क्या हस्तमैथुन करने से यौन उत्तेजना कम होती है?
  20. सारांश
हस्तमैथुन के फायदे, नुकसान और छोड़ने के उपाय के डॉक्टर

हस्तमैथुन सभी उम्र के लोगों में आम है और स्वस्थ यौन जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शोध में पाया गया है कि 30 वर्ष से कम आयु के लगभग 95% पुरुष और 78% महिलाएँ हस्तमैथुन करती हैं। हालाँकि उम्र के साथ हस्तमैथुन कम होता जाता है, लेकिन 70 से 79 वर्ष की आयु के 57% पुरुष और 41% महिलाएँ भी हस्तमैथुन करती हैं।

 

हस्तमैथुन करना यौन अभिव्यक्ति का एक सामान्य रूप है, जिसमें गर्भावस्था , यौन संचारित संक्रमण, साथी की उपलब्धता या रुचि की परवाह किसी कि चिंता नहीं करनी पड़ती। हस्तमैथुन लोगों को अपनी कामुकता का पता लगाने, आनंद का अनुभव करने और अपने शारीरिक प्रतिक्रियाओं के बारे में जानने में मदद कर सकता है, जो स्वस्थ सेक्शुअल डेवलपमेंट और आत्म-सम्मान बढ़ाने के लिए जरूरी है। वास्तव में, हस्तमैथुन को अक्सर यौन समस्याओं , जैसे कि शीघ्रपतन और एनोर्गैस्मिया के ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है। 

हस्तमैथुन दुनिया भर के देशों में प्रचलित है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, चीन, क्रोएशिया, डेनमार्क, फ़िनलैंड, जर्मनी, यूके और यूएसए शामिल हैं। पुरुष महिलाओं की तुलना में अधिक बार हस्तमैथुन करने की रिपोर्ट करते हैं। 2009 के नेशनल सर्वे ऑफ सेक्सुअल हेल्थ बिहेवियर (NSSHB) में, 14-94 वर्ष की आयु के 5865 पुरुषों और महिलाओं के एक अमेरिकी राष्ट्रीय प्रतिनिधि सर्वेक्षण में, 70+ आयु के 28% पुरुषों, 14-15 और 60-69 वर्ष की आयु के 43% पुरुषों और 16-59 वर्ष की आयु के आधे से अधिक पुरुषों ने हस्तमैथुन करने की रिपोर्ट की। 

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हस्तमैथुन एक स्वस्थ यौन गतिविधि है। इसके, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कई लाभ हैं। अध्ययन के मुताबिक हस्तमैथुन के सीमित लाभ हैं। लेकिन अध्ययन से इस बात का पता चलता है कि हस्तमैथुन के माध्यम से यौन उत्तेजना को बढ़ाया जा सकता है।

  • मानसिक तनाव से राहत दिलाने में
  • भरपूर नींद दिलाने में
  • मूड़ को बेहतर बनाने में
  • आराम महसूस करने में
  • ख़ुशी महसूस करवाने में
  • ऐंठन से राहत दिलाने में
  • यौन तनाव को दूर करने में
  • बेहतर सेक्स के लिए
  • अपनी इच्छाओं और जरूरतों को बेहतर ढंग से समझें में

शोध के मुताबिक नियमित रूप से वीर्यपात (ईजैक्यूलैशन) से कैंसर के ख़तरे की संभावना कम होती है। हांलाकि डॉक्टर इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं। 2015 में एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में ये देखा गया कि जिन परूषों में कैंसर का ख़तरा था। इस ख़तरे को लगभग 20 प्रतिशत तक कम पाया गया, जो व्यक्ति एक महीने में कम से कम 21 बार हस्तमैथुन करते थे। जोड़े (कपल्स) भी अपनी इच्छाओं का पता लगाने के लिए हस्तमैथुन कर सकते हैं। इससे वो गर्भावस्था से भी बच जाएंगी। हैस्तमैथुन आपको यौन संक्रमण से बचाने में भी मदद करता है।

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अगर नॉर्मल फ्रीक्वन्सी में मास्टरबेशन किया जाए तो ये कमजोरी का कारण नहीं है। लेकिन अगर दिन में कई बार किया जाए और इसके कारण थकान, चक्कर, या किसी काम में मन न लगना शुरू हो जाए, तब इसे "कमजोरी" माना जा सकता है। लेकिन ये  कमजोरी शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक होती है। इससे उबरने के लिए आदतों में सुधार, एक्सरसाइज और संतुलित जीवनशैली अपनाना ज़रूरी है।

हस्तमैथुन से कमजोरी सिर्फ तब होती है जब यह बहुत ज्यादा किया जाए। कमजोरी को ठीक करने के लिए सबसे पहले अपने मन पर कंट्रोल रखना जरूरी है। और इसके लिए नियमित रूप से संतुलित भोजन करना , पर्याप्त नींद लेना , व्यायाम और मेडिटेशन करना बहुत फायदेमंद हो सकता है। इस से मानसिक शांति के साथ ही शारीरिक ऊर्जा भी मिलती है। 

अगर कोई व्यक्ति हर दिन मास्टरबेशन कर रहा है, लेकिन उस की लाइफ नॉर्मल है मतलब इस से उसकी नींद, खान-पान, एनर्जी और रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ रहा, तो यह नॉर्मल है। लेकिन अगर रोज मास्टरबेशन करने के कारण काम या पढ़ाई पर ध्यान न लग पाए, तब यह समस्या बन जाती है। बहुत ज्यादा मास्टरबेट करने से ब्रेन का डोपामिन सिस्टम प्रभावित हो सकता है, जिससे असंतोष, चिड़चिड़ापन, और कभी-कभी डिप्रेशन भी हो सकता है। 

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मास्टरबेशन ज़रूरी नहीं है, लेकिन यह एक नॉर्मल प्रोसेस है जो यौन इच्छाओं को सुरक्षित और निजी तरीके से प्रकट करने का एक तरीका है। यह तनाव कम करने और अच्छी नींद लाने में सहायक हो सकता है। परंतु इसे "ज़रूरी" मानना गलत है क्योंकि कई पुरुष बिना हस्तमैथुन के भी नॉर्मल सेक्शुअल लाइफ जीते हैं। यह व्यक्ति की पसंद और जरूरत पर निर्भर करता है।

अगर कोई व्यक्ति मास्टरबेशन नहीं करता, तो शरीर में कोई खास नुकसान नहीं होता। सीमन अपने आप भी नाइटफॉल के रूप में निकल सकता है। यह ज़रूरी नहीं कि हर पुरुष को हस्तमैथुन करना ही पड़े। अगर व्यक्ति मानसिक रूप से संतुलित है और उसकी यौन इच्छा कंट्रोल में है, तो यह पूरी तरह से नॉर्मल है।

शरीर के लिए मास्टरबेशन जरूरी नहीं है, इसलिए कोई भी व्यक्ति बिना मास्टरबेशन के महीनों या वर्षों तक रह सकता है। कुछ लोगों को इससे आत्म-संतोष मिलता है, तो कुछ बिना इसके भी अच्छा महसूस करते हैं। यदि सेक्शुअल एनर्जी को सही दिशा में लगाया जाए , जैसे Meditation, creative work, or spiritual practice तो बिना मास्टरबेशन के भी व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ और संतुलित रह सकता है।

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अगर कोई व्यक्ति 1 महीने तक हस्तमैथुन नहीं करता, तो उसका अनुभव उस व्यक्ति पर निर्भर करता है। या हर किसी के लिए अलग अलग हो सकता है। कुछ लोगों को लंबे समय तक हस्तमैथुन न करने से बहुत ज्यादा एनर्जी , बेहतर फोकस और सेल्फ कंट्रोल महसूस होता है, जबकि कुछ को बेचैनी या बार-बार ऑर्गैज़म की समस्या हो सकती है। जिसके कारण शरीर नाइटफॉल के ज़रिए स्पर्म रिलीज कर सकता है, जो पूरी तरह नॉर्मल है। 

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हस्तमैथुन के बाद शरीर में कोई विशेष पोषक तत्व की कमी नहीं होती, लेकिन यदि आप इसे करते समय थकावट या कमजोरी महसूस करते हैं तो इसका मतलब है कि आपके शरीर को एनर्जी की ज़रूरत है। ऐसे में प्रोटीन और ऊर्जा से भरपूर आहार लेना फायदेमंद होता है। आप फल , ड्राई फ्रूट्स , दूध, अंडा, मूंगफली, या पनीर खा सकते हैं। साथ ही, शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने के लिए पानी या नींबू पानी पीना अच्छा रहता है। यदि आप कमजोरी या थकान महसूस नहीं करते, तो सामान्य संतुलित भोजन पर्याप्त है। 

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हस्तमैथुन के दौरान और उसके तुरंत बाद दिमाग में डोपामिन, ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज होते हैं जो व्यक्ति को सुख देकर और तनाव से राहत प्रदान करते हैं। इसी कारण यह प्रक्रिया कई लोगों को रिलैक्स और खुश महसूस कराती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति बार-बार इस प्रक्रिया को सिर्फ मानसिक सुकून के लिए करता है, तो दिमाग इस “रिवॉर्ड सिस्टम” का आदी बन सकता है। इससे असली जीवन में मिलने वाले सुख की अनुभूति कम हो सकती है। बहुत ज्यादा हस्तमैथुन करने से व्यक्ति की एकाग्रता, प्रेरणा और भावनात्मक संतुलन पर असर हो सकता है, खासकर तब जब यह आदत बन जाए। इसलिए सीमित और नियंत्रित मात्रा में हस्तमैथुन करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए अधिक उपयुक्त है।

सामान्य मात्रा में और स्वच्छता का ध्यान रखकर किया गया हस्तमैथुन किसी बीमारी का कारण नहीं बनता। यह एक प्राकृतिक और सुरक्षित यौन क्रिया है। परंतु, अगर इसे अत्यधिक मात्रा में किया जाए तो मानसिक और शारीरिक असंतुलन हो सकता है। ज्यादा हस्तमैथुन से थकावट, आंखों में भारीपन, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, या यौन उत्तेजना की असामान्यता जैसी समस्याएं देखी जा सकती हैं। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति पॉर्न के साथ हस्तमैथुन करता है और वह लत बन जाए, तो यह सेक्स एडिक्शन, डिप्रेशन, और असामाजिक व्यवहार का कारण बन सकता है। स्वच्छता न रखने पर जननांगों में जलन, संक्रमण या फंगल इन्फेक्शन भी हो सकता है। हालांकि ये सब केवल अति करने पर होता है। संयमित और स्वच्छता से किया गया हस्तमैथुन सामान्यतः किसी बीमारी का कारण नहीं बनता।

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अगर आपको लगता है कि हस्तमैथुन की आदत आपके जीवन नकारात्मक रूप से अफेक्ट कर रही है, तो इसका इलाज Psychological approach से किया जाता है। CBT , मेडिटेशन , समय प्रबंधन, जीवनशैली में सुधार, पॉर्न से दूरी, और खुद के लक्ष्य तय करना ये सब प्रभावशाली उपाय हैं। अगर लत बहुत ज्यादा है, तो सेक्स थेरेपिस्ट या साइकोलॉजिस्ट की मदद लें। 

यदि आप मास्टरबेशन छोड़ना चाहते हैं तो पहला कदम है इसकी आदत के पीछे की वजह को समझना। क्या बोरियत, तनाव या अकेलेपन के कारण आप ऐसा कर रहे हैं? यदि हाँ, तो उसका विकल्प ढूंढ़ें जैसे – खेल खेलें , संगीत सुनें , ध्यान करें , सोशल एक्टिविटीज़ में शामिल हों आदि। पॉर्न से दूरी बनाना, स्क्रीन टाइम कम करना, और सोने से पहले रूटीन सेट करना आपके लिए हेल्पफुल होगा ।

हस्तमैथुन के प्रति हमारे समाज में कई प्रकार की ग़लत अवधारणाएं या मिथक हैं। जैसे हस्तमैथुन करने से बिमारी होती है, कमज़ोरी आती है अंधापन आ जाता है। इसलिए इन बातों से बिल्कुल भी परेशान न हों और इस बात को अपने दिमाग़ से निकाल दें की हस्तमैथुन करने से बीमारी होती है। 

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खाना, कपड़ा और मकान की तरह सेक्स भी इंसान की एक बुनियादी ज़रूरत है। हमारी सेक्स की ज़रूरत को पूरा करने का दूसरा प्राकृतिक तरीक़ा है हस्तमैथुन। 70 प्रतिशत अविवाहित पुरूष नियमित रूप से हस्तमैथुन करते हैं। इसलिए इस आदत को बिमारी न समझें और न ही हैस्तमैथुन करने पर बुरा महसूस करें।

यदि आप चिंतित हैं कि आप हस्तमैथुन की लत में पड़ चुके हैं, तो अपने डॉक्टर या काउन्सलर से बात करें और इसे कम करने के उपाय के बारे में पूछें। डॉक्टर की सलाह आपको हस्तमैथुन छुड़ाने में मदद करेगा। आप हस्तमैथुन की जगह उससे संबंधि अन्य गतिविधियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगली बार जब आपको हस्तमैथुन करने की इच्छा हो तो ज़रूर कोशिश करें।

  • रनिंग करने के लिए जाएं
  • कोई पत्र लिखें
  • दोस्तों के साथ समय बिताएं
  • टहलने के लिए निकल जाएं

गर्भावस्था के दौरान हार्मोन बदलता है क्योंकि कुछ गर्भवती महिलाएं इस दौरान अधिक यौन उत्तेजना महसूस करती हैं। हस्तमैथुन, गर्भावस्था के दौरान यौन तनाव को कम करने का एक बेहतर और सुरक्षित तरीका है। हस्तमैथुन करने से गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्या जैसे पीठ के निचले हिस्से में दर्द से भी राहत मिलती है। आप कामोत्तेजना के दौरान या कामोत्तेजना की चरमावस्था के बाद, नरमी और अनियमित ऐठन महसूस कर सकते हैं। हांलाकि कुछ देर आप अच्छा महसूस करने लगेंगे। यदि ऐसा नहीं होता है और दर्द बढ़ जाता है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। गर्भावस्था के दौरान अधिक जोखिम वाली महिलाओं के लिए हस्तमैथुन नुक़सानदायक भी हो सकता है क्योंकि इससे दर्द और बढ़ सकता है।

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हस्तमैथुन के वैसे तो कोई साइड इफ़ेक्ट्स नहीं होते हैं। लेकिन अगर किसी पुरुष की स्किन बहुत अधिक कठोर हो तो त्वचा में जलन हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाता है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति बार-बार हस्तमैथुन करते हैं, तो उन्हें लिंग में हल्की सूजन भी हो सकती है जिसे एडिमा कहा जाता है। यह सूजन आमतौर पर बिना किसी ट्रीटमेंट के ठीक हो जाती है। अन्य संभावित साइड इफ़ेक्ट्स में शामिल हैं:

हस्तमैथुन के प्रति ग़लत अवधारणा - सांस्कृतिक, आध्यात्मिक या धार्मिक विश्वासों के आधार पर कुछ लोग हस्तमैथुन को ग़लत मानते हैं। हस्तमैथुन न तो गलत है और न ही अनैतिक है। लेकिन आज भी इसके प्रति कुछ लोगों की धारणा गलत और खराब बनी हुई है। यदि आप हस्तेमैथुन को गलत मानते हैं, तो अपने भरोसेमंद दोस्त से इसके बारे में बात करें और अपनी परेशानियों को उससे साझा करें। इसके अलावा आप यौन स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।

हस्तमैथुन की लत पड़ना - कुछ लोग हस्तमैथुन करने के आदी हो जाते हैं। यदि आप हस्तमैथुन के लिए बहुत अधिक समय देते हैं, तो आपका दैनिक जीवन इससे प्रभावित हो सकता है। जैसे -

  • काम या दैनिक गतिविधियों को छोड़ देना
  • काम न करना या स्कूल न जाना
  • दोस्तों या परिवार के साथ समय न बिताना
  • महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यक्रमों शामिल न होना

हस्तमैथुन की लत पड़ने से आपके रिश्ते और दैनिक जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। बहुत अधिक हस्तमैथुन करना आपके काम या पढ़ाई में भी बाधा डाल सकता है, जिससे आपके तरक्क़ी में रूकावट आ सकती है। इससे अलावा इससे दोस्ती में भी खटास आ सकती है क्योंकि आप अपने दोस्त के साथ ज्यादा समय व्यतीत नहीं कर पाओगे।

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गिल्ट  - कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें हस्तमैथुन उनके धार्मिक, आध्यात्मिक या सांस्कृतिक विश्वासों से अलग लगता है, उन्हें गिल्ट भी हो सकता है। हालाँकि, हस्तमैथुन अनैतिक या गलत नहीं है, और सेक्शुअल सैटिस्फैक्शन शर्मनाक नहीं है। फिर भी अगर आप ऐसा महसूस करते हैं तो अपने किसी दोस्त या डॉक्टर से अपनी भावनाओं के बारे में बात करें। 

यौन संवेदनशीलता में कमी - यदि पुरुष बहुत आक्रामक तरीके से हस्तमैथुन करते हैं , अपने लिंग को बहुत कसकर पकड़ते हैं , तो लंबे समय में वक़्त के साथ कम सेन्सेशन फ़ील हो सकता है। लेकिन कोई पुरुष तकनीक में बदलाव करके समय के साथ इसे ठीक कर सकता है। 2024 के एक अध्ययन में, 18 से 80 वर्ष की आयु की महिलाओं ने 3 महीने तक वाइब्रेटर का उपयोग किया और सेक्शुअल हेल्थ और पेल्विक फ्लोर फ़ंक्शन का अच्छा अनुभव किया। अध्ययन की शुरुआत की तुलना में उनका स्ट्रेस भी कम होता गया। 

प्रोस्टेट कैंसर - अभी इस पर और अध्ययन चल रहा है कि हस्तमैथुन करने से प्रोस्टेट कैंसर होता है या नहीं। शोधकर्ताओं को निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले और अधिक अध्ययन करने की आवश्यकता है। 2023 के एक अध्ययन ने जीवन के अलग अलग स्टेज के दौरान स्खलन आवृत्ति और प्रोस्टेट कैंसर के बीच संबंध की जाँच की। अध्ययन में प्रोस्टेट कैंसर वाले 456 व्यक्ति और प्रोस्टेट कैंसर न होने वाले 427 व्यक्ति शामिल थे। परिणामों से पता चला कि अध्ययन से एक साल पहले कम बार स्खलन करने वाले पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा ज्यादा था। मूत्र संबंधी लक्षण और कम स्खलन आवृत्ति वाले पुरुषों में खतरा ज्यादा था।

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  • जिन महिलाओं को यौन रोग है, वो हस्तमैथुन के माध्यम से यौन इच्छा और संवेदनशीलता को बढ़ा सकते हैं। 2009 में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग हस्तमैथुन करते थे, उनकी कामोत्तेजना और यौन इच्छा अधिक थी। साथ ही हस्तमैथुन करने से महिलाओं में सेक्स के दौरान योनि में चिकनापन  बढ़ जाता है, जो बेहतर सेक्स के लिए उपयोगी है।
  • हस्तमैथुन करने का तरीक़ा, सेक्स के दौरान पुरूषों की संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकता है। शोध के अनुसार, लिंग को अधिक कस कर पकड़ के हस्तमैथुन करने से सेक्स के दौरान संवेदनशीतला कम हो सकती है। इसलिए यौन स्वास्थ्य विशेषज्ञ का मानना है कि हस्तमैथुन करने के तरीक़े में परिवर्तन लाकर सेक्स के दौरान संवेदनशीलता के स्तर को बढ़ाया जा सकता है।

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हस्तमैथुन एक स्वाभाविक और सामान्य यौन क्रिया है, जो तनाव कम करने और नींद सुधारने में मदद करती है। यह शरीर को नुकसान नहीं पहुँचाता, अगर इसे संतुलित रूप से किया जाए। परंतु जब यह आदत बन जाए और बार-बार की जाए, तब इसके नुकसान सामने आ सकते हैं जैसे – थकान, ध्यान की कमी, चिड़चिड़ापन, या रिश्तों में दूरी। कुछ लोगों में आत्मग्लानि या अवसाद भी महसूस हो सकता है, खासकर जब इसे नियंत्रित नहीं किया जा सके। यदि कोई व्यक्ति इसे छोड़ना चाहता है, तो सबसे ज़रूरी है इसकी आदत के पीछे की वजह को समझना। पॉर्न से दूरी और स्क्रीन टाइम कम करना भी मदद करता है। धीरे-धीरे आदत पर नियंत्रण संभव है, बस धैर्य और अच्छी दिनचर्या ज़रूरी है। अगर लत बहुत ज्यादा हो जाए तो , अपने डॉक्टर से बात करें। 

Dr. Hakeem Basit khan

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सेक्सोलोजी
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Zeeshan Khan

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सेक्सोलोजी
9 वर्षों का अनुभव

Dr. Nizamuddin

Dr. Nizamuddin

सेक्सोलोजी
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Tahir

Dr. Tahir

सेक्सोलोजी
20 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. Ashraf Tashakori, Atefeh Safavi and Sorour Neamatpour. Lessons learned from the study of masturbation and its comorbidity with psychiatric disorders in children: The first analytic study. 2017 Apr; 9(4): 4096–4100. PMID: 28607641
  2. Christine Elizabeth Kaestle, Katherine R Allen. The Role of Masturbation in Healthy Sexual Development: Perceptions of Young Adults. 40(5):983-94 · February 2011. DOI: 10.1007/s10508-010-9722-0
  3. Heitham K. Ajlouni, Azhar S. Daoud, Saleh F. Ajlouni, and Kamel M. Ajlouni. Infantile and early childhood masturbation: Sex hormones and clinical profile. 2010 Nov-Dec; 30(6): 471–474. PMID: 21060161
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