मासिक धर्म में देरी होना कुछ महिलाओं के लिए काफी परेशान कर देने वाली स्थिति बन सकती है। खासतौर पर उन महिलाओं को अधिक परेशानी होती है जिनको पहले नियमित रूप से पीरियड आ रहे हों या फिर जो गर्भधारण नहीं करना चाहती हैं।
मासिक धर्म आमतौर पर 10 से 16 साल की उम्र में यानि प्यूबर्टी के दौरान शुरु होते हैं और 45 से 55 की उम्र (मेनोपोज) तक होते हैं। मासिक धर्म आने के बीच का समय आमतौर पर 28 दिन होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह थोड़ा कम या ज्यादा भी हो सकता है जो कि एक सामान्य स्थिति है। यदि किसी महिला को पीरियड्स आने में 35 दिन से अधिक समय लगता है, तो उस स्थिति को लेट पीरियड्स कहा जा सकता है।
मासिक धर्म देर से आना, ओलिगोमिनॉरिया नामक स्थिति का एक प्रकार है, जिसमें महिलाओं के मासिक धर्म अनियमित हो जाते हैं। यदि गर्भनिरोधक तरीकों में कुछ बदलाव किया है, महिला के हार्मोन में बदलाव हुआ है, मेनोपोज के समय के आसपास हार्मोन में बदलाव हुआ है या फिर कुछ प्रकार के व्यायाम भी हैं, जो ओलिगोमिनॉरिया का कारण बन सकते हैं।
यदि पीरियड्स देर से आने की समस्या प्यूबर्टी के दौरान या फिर मेनोपोज की उम्र के आस-पास हो रही है, तो उसका इलाज करवाने की जरूरत नहीं होती है। हालांकि अगर गर्भधारण की उम्र में मासिक धर्म में देरी हो रही है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।