मेट्रोरहागिया को आमतौर पर इंटरमेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग कहा जाता है. असल में मासिक धर्म से अगल अनियमित अंतराल पर होने वाली ब्लीडिंग को ही मेट्रोरहागिया कहा जाता है. मेट्रोरहागिया के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से कुछ हानिरहित हैं. वहीं, कुछ मामलों में गंभीर कारणों की वजह से भी मेट्रोरहागिया की समस्या हो सकती है, जैसे गर्भाशय की सूजन, पेल्विक एरिया में आई सूजन या फिर यौन संचारित संक्रमण. इसके अलावा, योनि कैंसर व अंडाशय का कैंसर आदि भी मेट्रोरहागिया का कारण बन सकता है.
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आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि मेट्रोरहागिया के लक्षण, कारण व इलाज क्या हैं -
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मेट्रोरहागिया के लक्षण
जिन महिलाओं के मासिक धर्म नियमित होते हैं, उन्हें कई बार हल्की ब्लीडिंग या ब्लड क्लॉट का अनुभव हो सकता है और ऐसा आमतौर पर ओव्यूलेशन के समय होता है. ऐसे में इस तरह की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग सामान्य मानी गई है. इस समस्या के अन्य लक्षण निम्न प्रकार से हो सकते हैं -
- कभी-कभी ब्लीडिंग एक पैटर्न में होती है और ऐसा लगता है कि सामान्य पीरियड्स के बीच में दूसरा पीरियड सर्कल शुरू हो गया है.
- कुछ मामलों में रक्तस्राव बिना दर्द के होता है, जबकि कुछ केस में ऐंठन व ब्लॉटिंग जैसी समस्या होती है.
- अगर इंटरमेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग हल्की से लेकर ज्यादा तक हो सकती है. कुछ मामलों में ब्लीडिंग नियमित माहवारी से भी ज्यादा हो सकती है.
- रक्त का रंग गहरे भूरे से लाल से हल्का गुलाबी तक हो सकता है. कुछ को अंडरगार्मेंट पर क्लॉट या म्यूकस दिखाई दे सकते हैं.
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महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।
मेट्रोरहागिया के कारण
मेट्रोरहागिया के कई संभावित कारण होते हैं, जिनमें से प्रमुख कारणाें के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -
रजोनिवृत्ति
जब किसी को मासिक धर्म पहली बार शुरू होते हैं, तो पीरियड्स साइकिल के बीच कई बार स्पॉटिंग हो सकती है. वहीं, जैसे-जैसे किशोरावस्था बढ़ती है और हार्मोन स्थिर होते जाते हैं, यह समस्या ठीक होती जाती है. इसके अलावा, रजोनिवृत्ति के चलते भी अनियमित ब्लीडिंग हो सकती है.
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तनाव
तनाव के चलते मासिक धर्म चक्र में रुकावट आ सकती है, जिससे मेट्रोरहागिया यानी अनियमित ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है.
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बर्थ कंट्रोल पिल्स
हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना शुरू करने या बंद करने से भी इस तरह की ब्लीडिंग हो सकती है. हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों का अनियमित उपयोग भी असामान्य रक्तस्राव पैटर्न का कारण बन सकता है, जिसे कभी-कभी "ब्रेकथ्रू ब्लीडिंग" कहा जाता है.
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कुपोषण
अगर कोई महिला कुपोषण का शिकार है या वजन कम है, तो अनियमित ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है या फिर मासिक धर्म बंद हो सकते हैं.
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बांझपन का इलाज
जिस महिला का बांझपन से संबंधित इलाज चल रहा होता है, वो अक्सर मासिक धर्म से संबंधित लक्षणों का अनुभव करती हैं, जिसमें असमय रक्तस्राव का होना भी शामिल है.
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कुछ स्वास्थ्य समस्याएं
कुछ मेडिकल कंडिशन के चलते भी मेट्रोरहागिया की समस्या हो सकती है. इसमें से कुछ मेडिकल कंडिशन सामान्य होती हैं, तो कुछ गंभीर. निम्न समस्याओं से ग्रस्त महिलाओं को मेट्रोरहागिया की समस्या हो सकती है -
- गर्भाशय की सूजन
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज
- यौन संचारित संक्रमण
- एंडोमेट्रियोसिस
- पीसीओएस
- गर्भाशय फाइब्रॉएड या पॉलीप्स
- मोटापा
कैंसर के कुछ प्रकार भी मेट्रोरहागिया का कारण बन सकते हैं -
- सर्वाइकल कैंसर
- योनि का कैंसर
- प्राइमरी फैलोपियन ट्यूब कैंसर
- ओवेरियन कैंसर
- एंडोमेट्रियल कैंसर
- यूटरिन कैंसर
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मेट्रोरहागिया का इलाज
मेट्रोरहागिया की समस्या होने पर निम्न प्रकार के इलाज से महिला को फायदा हो सकता है -
जीवनशैली में बदलाव
लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाकर इस समस्या को कम किया जा सकता है. इसके लिए तनाव को कम करने का प्रयास करें. साथ ही हेल्दी लाइफ को जिएं यानी रोज हल्की एक्सरसाइज, योग व मेडिटेशन करें. इसके अलावा, अच्छी डाइट लें और तय समय पर सोएं. इसके अलावा, वेट मैनेजमेंट पर भी काम करने की जरूरत है.
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हार्मोनल थेरेपी
कुछ प्रकार की हार्मोनल थेरेपी से भी असामान्य रक्तस्राव का इलाज किया जा सकता है. इसके तहत विशेष रूप से प्रोजेस्टिन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा, गर्भनिरोधक गोलियां, आईयूडी, एस्ट्रोजन पैच और अन्य विकल्प भी शामिल हैं. गोनाडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (GnRH) का भी सहारा लिया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग सिर्फ थोड़े समय के लिए ही किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
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डाइलेशन और क्यूरेटेज
अगर भारी रक्तस्राव के चलते एनीमिया जैसी समस्या होती है, तो डाइलेशन और क्यूरेटेज (डीएंडसी) जैसी प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है. इस प्रक्रिया के तहत कुछ एंडोमेट्रियल टिश्यू को हटाया जाता है.
पीसीओएस का आयुर्वेदिक इलाज जानने के लिए कृपया यहां दिए लिंक पर क्लिक करें.
स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज
अगर मेट्रोरहोगिया की समस्या किसी मेडिकल कंडिशन के कारण हुई है, तो उसका ठीक से इलाज किया जाना जरूरी है. उदाहरण के लिए यौन संचारित संक्रमण को एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए ठीक किया जाता है. अगर किसी गंभीर बीमारी के चलते यह समस्या हो रही है, तो इसे लंबे उपचार के जरिए ठीक किया जाता है. कुछ मामलों में सर्जरी तक की जरूरत पड़ सकती है.
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सारांश
मेट्रोरहागिया को इंटरमेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग, असामान्य योनि रक्तस्राव या डिसफंक्शनल यूट्रेन ब्लीडिंग भी कहा जाता है. यह ब्लीडिंग सामान्य मासिक धर्म में होने वाली ब्लीडिंग से अलग होती है. यह समस्या तनाव, वजन कम होने या जीवनशैली में बदलाव के चलते हो सकती है. ऐसे में हार्मोनल थेरेपी व स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज कर इसे ठीक किया जा सकता है.
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मेट्रोरहागिया - लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

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