उम्र के हर पड़ाव पर शरीर में बदलाव आते हैं। प्रत्येक बदलाव का अपना चक्र होता है। हर उम्र में शरीर के बाकी अंगों की तरह योनि में भी बदलाव आते हैं। क्या कभी इस ओर आपका ध्यान गया है कि 20, 30 या फिर 40 की उम्र और इसके बाद आपकी योनि में किस तरह के बदलाव आते हैं।  शायद नहीं। जबकि उम्र दर उम्र योनि में हुए बदलावों को समझना जरूरी है। तभी आप योनि से संबंधित समस्याओं से भी बची रह सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि उम्र के हर पड़ाव पर योनि में किस तरह के बदलाव आते हैं।

(और पढ़ें - योनि के बारे में जानकारी)

  1. 20 से 29 के बीच योनि में बदलाव
  2. 30 से 39 के बीच योनि में बदलाव
  3. 40 से 49 के बीच योनि में बदलाव
  4. 50 की उम्र के बाद योनि में बदलाव
  5. सारांश

20 साल की उम्र यानी जब आप किशोरावस्था से पूरी तरह युवावस्था में पहुंच चुकी हो। आपके सभी अंग विकसित हो चुके हैं। लेकिन योनि में अब भी लेबिया (योनि के होंठ) का विकसित होना बाकी है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे योनि में बदलाव होते जाते हैं। यही नहीं योनि के नीचे मौजूद चर्बी उम्र बढ़ने के साथ घटती जाती है।

कैसे करें देखभाल
20 से 29 साल की उम्र को कई मायनों में बेहतरीन उम्र माना जा सकता है। इस उम्र में पेल्विक फ्लोर (श्रोणी) बहुत अच्छी स्थिति में होता है और बच्चे के जन्म के लिए भी इस उम्र को सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन यदि आप कोई गर्भनिरोधक गोली लेती हैं तो इससे आपकी प्राकृतिक लुब्रिकेशन प्रभावित हो सकती है। अतः इस उम्र में योनि की खास देखभाल करें। किसी केमिकल या अन्य उत्पाद का इस्तेमाल योनि या इसके आसपास के हिस्से पर न करें।

(और पढ़ें - सेक्स लुब्रिकेंट क्या है)

Chandraprabha Vati
₹359  ₹400  10% छूट
खरीदें

अमूमन महिलाएं इस उम्र तक आते-आते शादी कर चुकी होती हैं और सेक्सुअली सक्रिय होती हैं। इसी के साथ ही उम्र के 30वे चरण में महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल्स भी लेती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बर्थ कंट्रोल पिल की वजह से महिलाओं की योनि में ड्राईनेस आ सकती है क्योंकि बर्थ कंट्रोल पिल ओवुलेशन को रोकती हैं, जिससे उस समय अवधि के बीच महिला की योनि में प्राकृतिक लुब्रिकेंट सीमित हो जाता है।

इसके अलावा एक और कारक है जो कि अपवादों और जटिलताओं से भरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ महिलाओं को बर्थ कंट्रोल पिल की वजह से योनि में ड्राईनेस बहुत ज्यादा आ जाती है क्योंकि ये दवाएं एंड्रोजन (मेल सेक्स हार्मोन) को ब्लाॅक कर देती हैं।

(और पढ़ें - एंड्रोजन असंवेदनशीलता सिंड्रोम के लक्षण)

गर्भावस्था का वल्वा और योनि पर गहरा असर पड़ता है। लेकिन कुछ बदलाव सामान्य तो कुछ आश्चर्यजनक होते हैं। उदाहरण के तौर पर, गर्भावस्था में गर्भाशय पर भारी वजन पड़ने से कुछ महिलाओं को वैरिकोज वेन्स (बढ़ी हुई नसें) की समस्या हो जाती है। ये समस्या सामान्यतः गर्भावस्था के अंतिम चरण में या फिर प्रसव के बाद होती है। प्रेग्नेंसी हार्मोंस की वजह से वल्वा का रंग भी बदल सकता है। अतः इस उम्र में आपकी योनि में इस तरह के बदलाव नज़र आएं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है।

(और पढ़ें - समय से पहले प्रसव)

कैसे करें देखभाल

इस उम्र में हर महिला को कीगल एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे पेल्विक फ्लोर की क्षमता बढ़ती है। इसके साथ ही यदि आपको सेक्स के दौरान लुब्रिकेशन की कमी महसूस हो तो आप लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल कर सकती हैं।

(और पढ़ें - योनि स्राव के प्रकार)

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप नियमित रूप से इस उम्र में अपने गुप्तांग के बाल साफ करती हैं तो आपको इस हिस्से की त्वचा में कुछ बदलाव नज़र आ सकते हैं। इस बढ़ती उम्र में एस्ट्रोजन की कमी के कारण गुप्तांग के बाल पतले होने लगते हैं।

सामान्यतः महिलाओं को इस दौर में या तो मेनोपाॅज हो चुका होता है या फिर पेरिमेनोपाॅजल (मेनोपाॅज होने का समय) के दौर से गुज़र रही होती हैं। नतीजतन, उनमें एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है। हालांकि, कुछ महिलाओं में मेनोपाॅज का दौर 50 से 52 साल की उम्र तक भी चल सकता है। इस उम्र में आपको योनि में सूखापन और लचीलेपन में कमी महसूस हो सकती है।

कैसे करें देखभाल

इस उम्र में मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए व्यायाम करना चाहिए। सेक्सुअल रूप से यदि अब भी सक्रिय हैं तो अलग-अलग पोजीशन ट्राई करें। इससे सेक्स का आनंद लेने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही योनि को स्वस्थ रखने के लिए प्रोबायोटिक्स भी ले सकती हैं। इस संबंध में पहले डाॅक्टर से सलाह लेना बेहतर रहेगा।

(और पढ़ें - योनि का कालापन दूर करने के घरेलू उपाय)

Ashokarishta
₹359  ₹400  10% छूट
खरीदें

इस उम्र तक आते-आते सभी महिलाओं को मेनोपाॅज हो चुका होता है। इसी उम्र में योनि में सबसे ज्यादा बदलाव नजर आते हैं। अतः 50 साल की उम्र पार कर चुकी महिलाओं को इस उम्र में अपनी योनि की ओर खास ध्यान देना चाहिए। एस्ट्रोजेन की कमी की वजह से वल्वा पतला हो जाता है और उसके लचीलेपन में कमी एवं योनि में सूखापन होने की भी समस्या हो सकती है। नतीजतन, महिलाओं को सेक्स करने में असहजता हो सकती है।

कैसे करें देखभाल

इस उम्र में अपनी योनि की देखभाल करने के लिए नियिमत रूप से कीगल एक्सरसाइज करें। इस दौरान अगर कोई दर्द महसूस हो तो डाॅक्टर से संपर्क करें। सेक्स से पहले फोरप्ले करें और धीरे-धीरे संभोग तक पहुंचे। तभी आप सेक्स का पूरा मजा ले पाएंगी। इसके साथ ही योनि में हो रहे बदलाव को लेकर डाॅक्टर और अपने पार्टनर से बात करती रहें।

(और पढ़ें - संभोग कैसे करे)

उम्र के साथ महिलाओं के शरीर में प्राकृतिक रूप से कई बदलाव होते हैं, जिनमें योनि में भी परिवर्तन देखे जाते हैं। रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) के दौरान और बाद में, एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे योनि की दीवारें पतली और सूखी हो सकती हैं। इससे सूजन, जलन, खुजली, और कभी-कभी संभोग के दौरान दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। योनि की लचीली त्वचा में भी बदलाव आते हैं, जिससे इसका आकार और टोन में बदलाव हो सकता है। इन परिवर्तनों का सामना करने के लिए चिकित्सीय सलाह, मॉइस्चराइज़र या अन्य उपचार सहायक हो सकते हैं।

ऐप पर पढ़ें