इस आसन को "हाफ स्पाइनल ट्विस्ट पोस" भी कहा जाता है। कहा जाता है कि पूर्ण मत्स्येन्द्रासन ("फुल स्पाइनल ट्विस्ट पोस") ऋषि मत्स्येंद्रनाथ का पसंदीदा आसन था, इसलिए इस मुद्रा का नाम उनके नाम पर रखा गया। हालांकि, क्योंकि यह आसन कठिन है, इसलिए अर्ध मत्स्येन्द्रासन बनाया गया। वैसे देखा जाए तो "अर्ध मत्स्येन्द्रासन" तीन शब्दों के मेल से बना है: अर्ध, मत्स्य, और इंद्र। अर्ध मतलब आधा, मत्स्य यानी मछली, और इंद्र मतलब भगवान।
इस लेख में अर्ध मत्स्येन्द्रासन के तरीकों को समझाया गया है और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में भी बताया गया है। साथ ही इस आसन से जुड़ी सावधानियों की जानकारी भी दी गई है।
(और पढ़ें - मेडिटेशन करने के तरीके)