मरीच्यासन ऋषि मरीचि के नाम पर रखा गया है। इस आसन के बहुत प्रकार हैं, यहाँ हम आपको इसके सबसे रूप के बारे में बता रहे हैं।
- मरीच्यासन के फायदे - Marichyasana ke fayde
- मरीच्यासन करने से पहले यह आसन करें - Marichyasana karne se pehle yeh aasan kare
- मरीच्यासन करने का तरीका - Marichyasana karne ka tarika
- मरीच्यासन करने का आसान तरीका - Marichyasana karne ka aasan tarika
- मरीच्यासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Marichyasana karne me kya savdhani barti jaye
- मरीच्यासन करने के बाद आसन - Marichyasana karne ke baad aasan
- मरीच्यासन का वीडियो - Marichyasana ka video
मरीच्यासन के फायदे - Marichyasana ke fayde
हर आसन की तरह मरीच्यासन के भी कई लाभ होते हैं। उनमें से कुछ हैं यह:
- दिमाग को शांत करता है और हल्के अवसाद से छुटकारा दिलाता है।
- रीढ़ की हड्डी और कंधों के लचीलेपन को बढ़ाता है।
- जिगर, गुर्दे और पेट के अंगों को उत्तेजित करता है।
- पाचन में सुधार लाता है। (और पढ़ें - पाचन तंत्र मजबूत करने के उपाय)
(और पढ़ें - मेडिटेशन के प्रकार)
मरीच्यासन करने से पहले यह आसन करें - Marichyasana karne se pehle yeh aasan kare
मरीच्यासन करने से पहले आप यह आसन कर सकते हैं इनसे आपकी हॅम्स्ट्रिंग, कूल्हे, और जांघे पर्याप्त मात्रा में खुल जाएँगे।
- दंडासन (Dandasana or Staff Pose)
- पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana or Seated Forward Bend)
- पूर्वोतानासन (Purvottanasana or Upward Plank Pose)
- अर्ध बद्ध पद्मा पश्चिमोत्तानासन (Ardha Baddha Padma Paschimottanasana or Half Bound Lotus Seated Forward Bend)
- त्रिअंग मुखेकपद पश्चिमोत्तानासन (Trianga Mukhaikapada Paschimottanasana or Three-Limbed Forward Bend)
- जानुशीर्षासन (Janu Sirsasana or Head-to-Knee Forward Bend)
मरीच्यासन करने का तरीका - Marichyasana karne ka tarika
मरीच्यासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- दंडासन में बैठ जाएं। हाथों से ज़मीन को हल्का सा दबाते हुए श्वास अंदर लें और रीढ़ की हड्डी को लंबा करने की कोशिश करें।
- श्वास अंदर लें और अपनी दाईं टांग को घुटने से मोड़ कर घुटने को छाती के करीब ले आएं। पैर ज़मीन पर टिके होने चाहिए।
- सांस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकें — ध्यान रहे कि आपको कमर से नहीं झुकना है। नीचे झुकते समय सांस छोड़ें। दाईं टांग धड़ से बहार होनी चाहिए।
- दाएं हाथ को दाईं टांग के आगे से ले जा कर पीठ पर ले आएं और बाएं हाथ को पीछे ला कर हाथों को पकड़ लें। इस मुद्रा को समझने के लिए ऊपर दिए गए चित्र को देखें।
- कुल मिला कर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे-धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं — 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें।
- पांच बार सांस लेने के बाद आप इस मुद्रा से बाहर आ सकते हैं। आसन से बाहर निकलने के लिए हाथों को छोड़ दें और सांस अंदर लेते हुए धड़ को ऊपर उठाएं। ध्यान रहे कि आप अपनी पीठ को सीधा ही रखें और अपने कूल्हे के जोड़ों से ही वापिस उपर आएं।
- पूरी तरह सीधे बैठने के बाद दाईं टांग को आगे कर लें और दंडासन को समाप्त करें।
- दाईं ओर करने के बाद यह सारे स्टेप बाईं ओर भी करें।
मरीच्यासन करने का आसान तरीका - Marichyasana karne ka aasan tarika
अगर आपसे अपने हाथ पकड़े न जाएं तो जितना हो सके उतना हाथों को पीछे लें। समय के साथ आपकी रीढ़ की हड्डी और कंधों में लचीलापन बढ़ जाएगा और आप अपने हाथ पकड़ सकेंगे।
(और पढ़ें - कंधों का लचीलेपन बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज)
मरीच्यासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Marichyasana karne me kya savdhani barti jaye
- जिन्हें पीठ के निचले हिस्से में दर्द की परेशानी हो, वह मरीच्यासन न करें। (और पढ़ें - पीठ दर्द के घरेलू उपाय)
- अगर आपके कंधों में चोट हो तो मरीच्यासन न करें। (और पढ़ें - कंधे के दर्द के घरेलू उपाय)
- यदि आपको दस्त या दमे की परेशानी हो तो मरीच्यासन न करें।
- अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगाएं।
मरीच्यासन करने के बाद आसन - Marichyasana karne ke baad aasan
- नावासन (Navasana or Boat Pose)
- भुजपीडासन (Bhuja Pidasana or Shoulder Pressing Pose)
- कूर्मासन (Kurmasana or Turtle Pose)
- सुप्तकूर्मासन (Supta Kurmasana or Sleeping Turtle Pose) (और पढ़ें - कुर्मासन करने का तरीका)