ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है?
सरल शब्दों में कहें तो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों की एक रैंकिंग या माप है, जिससे यह पता लगाया जाता है कि भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट कितनी देर में ग्लूकोज बनता है। इसको हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि कार्बोहाइड्रेट को खाने के बाद, किस गति से खून में शुगर की मात्रा बढ़ती है, उसी के अनुपात में रैंकिंग की जाती है।
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ग्लाइसेमिक इंडेक्स जितना कम होगा, ब्लड शुगर में वृद्धि उतनी ही कम होगी। ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक जरूरी टूल की तरह है, जिसका उपयोग यह तय करने में किया जाता है कि किसी व्यक्ति के आहार में क्या शामिल किया जाना चाहिए एवं डायबिटीज जैसी बीमारियों में भोज्य पदार्थों का क्या अनुपात होना चाहिए। यह सूचकांक 0 से लेकर 100 के बीच में होता है -
- उच्च जीआई (100-70 जीआई): ऐसे कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ जो पाचन के दौरान जल्दी टूट जाते हैं, ये खून में शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं और ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं।
- मध्यम जीआई (69-56 जीआई): ऐसे कार्बोहाइड्रेट जो पाचन के दौरान मध्यम गति से टूटते हैं और रक्त प्रवाह में मध्यम गति से ब्लड शुगर को बढ़ाते हैं।
- कम जीआई (55-0): ऐसे कार्बोहाइड्रेट जो पाचन के दौरान धीरे-धीरे टूटते हैं, रक्तप्रवाह में धीरे-धीरे शुगर को रिलीज करते हैं और ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर रखते हैं।
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- ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड लिस्ट - Glycemic index indian food list in Hindi
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स का उपयोग कैसे करें - How to use glycemic index in Hindi
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स को प्रभावित करने वाले तत्व - Factors which affect to Glycemic Index in Hindi
- लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स के फायदे - Low glycemic index foods benefits in Hindi
- लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड में क्या खाएं और क्या न खाएं - How to add low Glycemic Index food in your daily diet in Hindi
ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड लिस्ट - Glycemic index indian food list in Hindi
यह याद रखना जरूरी है कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स केवल कार्बोहाइड्रेट आधारित खाद्य पदार्थों के लिए एक रैंकिंग है और इसमें वसा वाले खाद्य पदार्थ जैसे घी, अखरोट, चिकन और समुद्री भोजन जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल नहीं हैं। इसलिए कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों की तुलना में स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं, लेकिन उन्हें भी अन्य अवयवों (वसा कोलेस्ट्रॉल आदि) के कारण किफायती मात्रा में खाया जाना चाहिए।
नीचे एक टेबल बनाई गई है, जहां कुछ कॉमन भारतीय भोज्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बताया गया है, जो इस प्रकार है -
खाद्य समूह |
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (0-55) |
मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स(55-69) |
ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स (> 70) |
अनाज |
गेहूं, राइ, ब्रॉउन राइस एवं बासमती चावल |
सफेद चावल, ब्रेड, मुरमुरा, पोहा, मैदा, इंस्टेंट्स ओट्स, कॉर्नफ्लेक्स, केक, बिस्कुट |
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दालें एवं फलियां |
मूंग की दाल, अरहर की दाल, मसूर की दाल, लोबिया, सोयाबीन, छोले, राजमा |
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सब्जी |
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, चौलाई, बैंगन, हरी बींस, गोभी, खीरा, टमाटर, ब्रोकली |
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फल |
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दूध एवं दूध से बनी चीजें |
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अन्य |
सब्जियों का सूप, मूंगफली, अलसी के बीज, बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज और सूरजमुखी के बीज, जलीय पौधे, अंडा, मीट, मसाले |
ग्लाइसेमिक इंडेक्स का उपयोग कैसे करें - How to use glycemic index in Hindi
ऊपर टेबल में सामान्य तौर पर इस्तेमाल होने वाले भोज्य पदार्थों के ग्लाइसेमिक इंडेक्स के बारे में जानकारी दी गई है, अब इसके विषय में कुछ और बातें जानकर आप इसका भरपूर फायदा ले सकते हैं -
ग्लाइसेमिक इंडेक्स भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट के प्रकार और मात्रा के बारे में बताता है, लेकिन ब्लड शुगर या वजन नियंत्रित रखने के लिए इसके पोर्शन साइज पर ध्यान रखना जरूरी है।
ध्यान रहे, किसी भोजन का जीआई फूड तब बदल सकता है जब एक से ज्यादा प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड खाने पर, ब्लड शुगर के स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव को संतुलित करने के लिए आप लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड का सेवन कर सकते हैं।
ऐसे में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड के साथ लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड का सेवन कर सकते हैं, जिससे ब्लड शुगर को संतुलन में रखा जा सके। कुछ पौष्टिक भोज्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है, लेकिन अपने पोषक तत्वों के कारण उन्हें अपनी डाइट में लेना जरूरी होता है, जैसे कि आम में काफी अच्छी मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी, फोलेट, विटामिन बी6, आयरन आदि होता है। ऐसे में इसकी मात्रा को काफी कम करके लो ग्लाइसीमिक इंडेक्स वाले फूड के साथ मिलाकर लेने की सलाह दी जाती है।
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ग्लाइसेमिक इंडेक्स को प्रभावित करने वाले तत्व - Factors which affect to Glycemic Index in Hindi
यहां हमने कुछ उदाहरण दिए हैं, जिनके द्वारा आप ग्लाइसेमिक इंडेक्स को प्रभावित करने वाले अवयवों के बारे में जान पाएंगे -
भोजन में स्टार्च का आकार : आपके डाइट में कार्बोहाइड्रेट का जितना छोटा रूप (पाचन के बाद सबसे छोटी इकाई) होगा ग्लाइसेमिक का प्रभाव उतना ही अधिक होता है जैसे कि ग्लूकोज (सबसे छोटी इकाई एवं इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 100 है)। कच्चे खाद्य पदार्थों की तुलना में पके हुए खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक प्रभाव ज्यादा होता है।
खाना पकाने की विधि : ऐसे खाद्य पदार्थ जो सूखे होते हैं या जिनके पकने में कम समय लगता है, उनमें लंबे समय तक पकने वाले खाद्य पदार्थों की तुलना में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। उदाहरण के लिए भुना हुआ चना, चपाती, अंकुरित और साबुत फल में उबले हुए चावल, खिचड़ी, उबली हुई दाल और फलों के रस की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है।
पकने और स्टोर का समय : फल या सब्जी जितनी अधिक पकी हुई होंगी, ग्लाइसेमिक इंडेक्स उतना ही अधिक होगा।
ज्यादा फाइबर वाली चीजें : ज्यादा फाइबर वाली वस्तुएं आमतौर पर कम या मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली होती हैं और मधुमेह रोगियों के लिए अच्छी मानी जाती हैं।
प्रोसेसिंग : साबुत फलों की तुलना में फलों का जूस उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है; ठीक उसी तरह बेक्ड पोटेटो (तले हुए आलू) की तुलना में मैश पोटेटो (मसले हुए आलू) में जीआई अधिक होता है।
वैराइटी : लंबे सफेद चावल में भूरे चावल की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, लेकिन छोटे दाने वाले सफेद चावल में भूरे चावल की तुलना में अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है।
ग्लाइसेमिक और इंसुलिन प्रतिक्रिया में व्यक्तिगत अंतर : कार्बोहाइड्रेट को पचाने और शरीर में इंसुलिन का स्राव होने की दर हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है, इसके अलावा यह देखा गया है कि एक व्यक्ति की ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया दिन के अलग-अलग समयों में अलग-अलग हो सकती है।
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लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स के फायदे - Low glycemic index foods benefits in Hindi
कम ग्लाइसेमिक सूचकांक वाले भोज्य पदार्थों के स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे होते हैं, जो नीचे दिए गए हैं -
- ब्लड शुगर और ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं
- भूख को नियंत्रित करते हैं और वजन कम करने में सहायक हैं (और पढ़ें - वजन कम करने के उपाय)
- हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, स्ट्रोक, अल्जाइमर और कुछ कैंसर से बचाव करते हैं
- स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा को बेहतर बनाते हैं
(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या ना खाएं)
यहां समान श्रेणी की दवाएं देखें
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड में क्या खाएं और क्या न खाएं - How to add low Glycemic Index food in your daily diet in Hindi
दिए गए आसान सुझावों का पालन करके आप आसानी से लो-ग्लाइसेमिक सूचकांक वाली चीजों का सेवन कर सकते हैं -
- डिब्बाबंद सामान या फलों के जूस की जगह ताजे फल और सब्जियां चुनें
- साबुत दालें जैसे कि छोले, राजमा, दाल, बीन्स और मटर का प्रयोग करें
- रिफाइंड अनाज जैसे सफेद ब्रेड, सफेद चावल और कम फाइबर वाले अनाज का प्रयोग कम से कम करें
- रोजाना के आहार में साबुत अनाज की चपाती, ब्रेड और चावल चुनें
- फाइबर युक्त सब्जियां जैसे बैंगन, हरी बीन्स, फूलगोभी, गाजर, खीरा, टमाटर, ब्रोकली, पत्तेदार साग और हरी सब्जियों को प्राथमिकता दें
- बादाम, अखरोट, मूंगफली, अलसी और सूरजमुखी के बीज को नियमित आहार में शामिल करें
- आहार में लीन मीट, समुद्री भोजन, अंडे और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल करें
- स्ट्रीट, प्रोसेस्ड, फास्ट एवं जंक फूड न खाएं, बल्कि कम कैलोरी और कम वसा युक्त घर के बने भोजन को प्राथमिकता दें।
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संदर्भ
- Franz Marion J. The Glycemic Index. Diabetes Care. 2003 Aug; 26(8): 2466-2468.
- Fiona S. Atkinson, et al. International Tables of Glycemic Index and Glycemic Load Values: 2008. Diabetes Care. 2008 Dec; 31(12): 2281-2283.