डायबिटीज के सबसे आम रूप को टाइप 2 मधुमेह कहा जाता है। यह ऐसी आम समस्या है, जिसके कारण खून में शुगर का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है। टाइप 2 मधुमेह आमतौर पर वृद्ध लोगों में ही होता है, लेकिन यह कम उम्र वाले लोगों और यहां तक कि कभी-कभी बच्चों में भी हो सकता है। टाइप 2 मधुमेह में होने वाले लक्षण खून में शुगर की मात्रा पर निर्भर करते हैं। इसके कारण अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, सुस्ती, थकान, नींद आना, धुंधला दिखना, अधिक भूख लगना और तेजी से वजन कम होना, जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं।
समस्या का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी के बारे में पूछते हैं और आपके लक्षणों की जांच करते हैं। आपके खून में शुगर के स्तर का पता लगाने के लिए खून टेस्ट भी किया जा सकता है।
टाइप 2 मधुमेह को ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन कुछ प्रकार के इलाज की मदद से इसको नियंत्रित करके रखा जा सकता है। टाइप 2 मधुमेह को कंट्रोल में रखने से मरीज स्वस्थ व एक्टिव जीवन जी पाता है। ज्यादातर लोग स्वस्थ भोजन, एक्सरसाइज और समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करवा कर टाइप 2 मधुमेह को कंट्रोल में रखते हैं।
लेकिन कुछ लोगों को डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए दवाएं भी लेनी पड़ती हैं। खून में शुगर का स्तर अधिक रहने के कारण समय के साथ-साथ गंभीर समस्याएं विकसित होने लग जाती हैं, जिनमें हृदय, किडनी, नसें, आंखें, मसूड़े और दांत आदि प्रभावित होने लग जाते हैं।
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