सीने में जलन होना आज के समय में आम बात है, क्योंकि आजकल हम स्वस्थ आहार की जगह स्वाद वाला खाना ज्यादा चुनने लगे हैं। यह खाना छाती में जलन पैदा करने लगता है, जिसकी वजह से आप असहज, मतली और उल्टी जैसा महसूस करने लगते हैं। लेकिन अब आपको इन परेशानियों से नहीं गुजरना पड़ेगा, क्योंकि हम लेकर आये हैं कुछ ऐसे बेहतरीन घरेलू उपाय जो आपके सीने की जलन को झटपट गायब कर देंगे।
(और पढ़ें - सीने में जलन के कारण)
तो आइये आपको बताते हैं सीने में जलन के घरेलू उपाय –
- सीने की जलन के लिए बेकिंग सोडा - Seene ki jalan ke liye baking soda ka istemal kare
- सीने में जलन के उपाय के लिए सिरके को शामिल करें - Seene me jalan ke upay ke liye sirke ko shamil kare
- छाती की जलन के लिए हर्बल टी का उपयोग करें - Chhati ki jalan ke liye herbal tea ka upyog kare
- छाती में जलन को ठीक करने के लिए दूध उपयोगी है - Chhati me jalan ko theek karne ke liye doodh upyogi hai
- सीने की जलन के उपाय के लिए सरसों फायदेमंद है - Seene ki jalan ke upay ke liye sarso faydemand hai
- सीने में जलन का उपाय शहद है - Seene me jalan ka upay shehad hai
- सीने में जलन होने पर ठंडे पानी का उपयोग लाभदायक है - Seene me jalan hone par thande pani ka upyog labhdayak hai
- सीने में जलन होने पर मुलेठी की जड़ का उपयोग लाभदायक है - Seene me jalan hone par mulethi ki jad ka upyog labhdayak hai
- बादाम के फायदे से छाती में जलन की समस्या को रोकें - Badam ke fayde se chhati me jalan ki samasya ko roke
- केले या सेब के उपयोग से सीने में जलन को ठीक करें - Kele ya seb ke upyog se seene me jalan ko theek kare
- सीने की जलन के लिए एलोवेरा गुणकारी है - Seene ki jalan ke liye aloe vera gunkari hai
- छाती की जलन के लिए कुछ जरूरी टिप्स - Chhati ki jalan ke liye jaroori tips
- सारांश
सीने की जलन के लिए बेकिंग सोडा - Seene ki jalan ke liye baking soda ka istemal kare
सामग्री –
- एक चम्मच बेकिंग सोडा। (और पढ़ें - baking soda ke fayde)
- एक ग्लास पानी।
विधि –
- सबसे पहले पानी में बेकिंग सोडा मिलाएं और अच्छे से पूरे मिश्रण को चला लें।
- अब सीने की जलन को खत्म करने के लिए इस मिश्रण को पी जाएँ।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
यह सिर्फ एक ग्लास पानी छाती की जलन के लिए बेहद फायदेमंद है।
फायदे –
बेकिंग सोडा को सोडियम बाइकार्बोनेट भी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक एंटासिड (Natural antacid) है, जो सीन की जलन के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
सावधानी -
छाती की जलन के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल रोजाना ना करें, क्योंकि बेकिंग सोडा में अधिक मात्रा में नमक होता है।
(और पढ़ें - गर्भावस्था में सीने में जलन का इलाज)
सीने में जलन के उपाय के लिए सिरके को शामिल करें - Seene me jalan ke upay ke liye sirke ko shamil kare
सामग्री –
- एक या दो चम्मच सेब का सिरका। (और पढ़ें - seb ke sirke ke fayde)
- एक चम्मच शहद।
- एक ग्लास पानी।
विधि –
- सबसे पहले सिरका और शहद को पानी में मिलाकर अच्छे से मिला लें।
- सीने की जलन को दूर करने के लिए इस मिश्रण को पी जाएँ।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
छाती की जलन से छुटकारा पाने के लिए रोजाना इसको पीयें।
फायदे –
सीने की जलन के लिए सेब का सिरका बहुत ही बेहतरीन उपाय है। सीने के जलन के लक्षणों को कम करने के लिए इस उपाय को कई लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया है और यह उपाय उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद रहा है। इससे गैस्ट्रिक का स्तर सामान्य हो जाता है।
(और पढ़ें - गैस भगाने के घरेलू उपाय)
छाती की जलन के लिए हर्बल टी का उपयोग करें - Chhati ki jalan ke liye herbal tea ka upyog kare
सामग्री –
- एक कैमोमाइल या ग्रीन टी बैग। (और पढ़ें - green tea ke fayde)
- एक कप गर्म पानी।
विधि –
- सबसे पहले गर्म पानी में ग्रीन टी को डुबो दें।
- फिर कुछ मिनट के लिए इसे ऐसे ही रहने दें।
- अब ग्रीन टी बैग को निकालें और गर्म-गर्म चाय को पी जाएँ।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
आप दो से तीन कप हर्बल चाय रोज पी सकते हैं।
फायदे –
यह सीने की जलन से आराम दिलाता है और गैस्ट्रिक एसिडिटी को कम करता है, इस तरह आपको सीने की जलन से राहत मिलती है। वहीं, ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स, सूजनरोधी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह सभी गुण विषाक्त पदार्थों को साफ करते हैं, पेट के बैक्टीरिया को मारते हैं और एसिड के स्तर को सामान्य करते हैं।
(और पढ़ें - पेट की गैस के लिए योग)
छाती में जलन को ठीक करने के लिए दूध उपयोगी है - Chhati me jalan ko theek karne ke liye doodh upyogi hai
सामग्री –
- एक ग्लास मलाईदार दूध। (और पढ़ें - doodh ke fayde)
विधि –
- रात को सोने से पहले एक ग्लास मलाईदार दूध पीयें।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
पूरे दिन में एक या दो ग्लास दूध जरूर पीयें।
फायदे –
मलाईदार दूध छाती के जलन से राहत दिलाता है और आगे होने वाली जलन से भी बचाता है।
(और पढ़ें - दूध पीने का सही समय)
सावधानी -
इस उपाय को ज्यादा ना आजमाएं, क्योंकि दूध से सीने की जलन की समस्या और खराब हो सकती है।
(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में गैस का इलाज)
सीने की जलन के उपाय के लिए सरसों फायदेमंद है - Seene ki jalan ke upay ke liye sarso faydemand hai
सामग्री –
- एक चम्मच पीली सरसों। (और पढ़ें - सरसों के साग के फायदे)
विधि –
- एक कप पानी के साथ कुछ मात्रा में सरसों को खाएं।
- आप दो चम्मच सरसों के पाउडर को लेकर एक ग्लास छाछ में डालकर पी सकते हैं।
(और पढ़ें - सरसों तेल के फायदे)
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
आपको जब भी सीने में जलन लगे तभी इस उपाय का इस्तेमाल जरूर करें।
फायदे –
सरसों में प्राकृतिक रूप से एल्कलाइन होता है जो पेट के एसिड को सामान्य कर देता है।
(और पढ़ें - पेट फूलने का घरेलू उपाय)
सीने में जलन का उपाय शहद है - Seene me jalan ka upay shehad hai
सामग्री –
- एक चम्मच कच्चा शहद। (और पढ़ें - shahad ke fayde)
- एक ग्लास गुनगुना पानी।
विधि –
- सबसे पहले एक ग्लास गुनगुने पानी में शहद को मिला लें।
- फिर इस मिश्रण को खाना खाने से एक घंटा पहले पी जाएँ।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
सीने की जलन का इलाज करने के लिए रोज इस मिश्रण को दो से तीन ग्लास पीयें।
फायदे –
यह खराब हुई एसोफैगस की लाइनिंग को ठीक करता है। इसके सूजारोधी गुण, गले और छाती को आराम दिलाते हैं। साथ ही इसमें मौजूद पोटेशियम पेट के एसिड को संतुलित करता है।
(और पढ़ें - पेट के गैस के लिए जूस)
सीने में जलन होने पर ठंडे पानी का उपयोग लाभदायक है - Seene me jalan hone par thande pani ka upyog labhdayak hai
सामग्री –
- एक गिलास ठंडा पानी।
विधि –
- जब भी आपको सीने में जलन महसूस हो तो, एक ग्लास ठंडा पानी पीयें और कुछ दूर टहलने के लिए निकल जाएं।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
जब भी आपको छाती में जलन हो तो सबसे पहले यही उपाय करें।
फायदे –
ठंडा पानी छाती और गले में जलन से आराम दिलाता है। इससे शरीर का तरल पदार्थ भी स्थिर रहता है और सीने की जलन के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
सावधानी -
एकदम ठंडा पानी न पीयें।
(और पढ़ें - बदहजमी के घरेलू उपाय)
सीने में जलन होने पर मुलेठी की जड़ का उपयोग लाभदायक है - Seene me jalan hone par mulethi ki jad ka upyog labhdayak hai
सामग्री –
- डेग्लायसेरहीजिनेटेड (Deglycyrrhizinated) मुलेठी जड़ की गोली। (और पढ़ें - मुलेठी के फायदे)
विधि –
- दो गोलियों को खाना खाने से 20 मिनट पहले चबाएं।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
इन गोलियों को पूरे दिन में तीन बार खाएं।
फायदे –
मुलेठी एसोफेगस और आंत को एक सुरक्षा परत देता है, जिससे पेट में जलन से राहत मिलती है। इसमें सूजनरोधी गुण भी होते हैं, जो सीने की जलन के लिए बेहद लाभदायक हैं।
सावधानी -
इन गोलियों का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें, क्योंकि अधिक ग्लायसेरहिजीक एसिड मेटाबोलिक जटिलताओं को पैदा कर सकता है।
(और पढ़ें - मेटाबोलिज्म बढ़ाने के उपाय)
बादाम के फायदे से छाती में जलन की समस्या को रोकें - Badam ke fayde se chhati me jalan ki samasya ko roke
सामग्री –
- तीन से चार कच्चे या भुने बादाम। (और पढ़ें - badam ke fayde)
विधि –
- खाना खाने के बाद तीन से चार बादाम जरूर खाएं।
- आप जो भी खाएं उनके बाद तीन से चार बादामों को खा सकते हैं।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
सीने की जलन से राहत पाने के लिए अपने रोजाना के आहार में बादाम को जरूर शामिल करें।
फायदे –
बादाम में अल्कलाइन होता है जो पेट के जूस (एंजाइम) को सामान्य करता है और आपको छाती के जलन से राहत दिलाता है।
(और पढ़ें - इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम क्या है)
सावधानी -
बादाम बड़ी मात्रा में न खाएं।
केले या सेब के उपयोग से सीने में जलन को ठीक करें - Kele ya seb ke upyog se seene me jalan ko theek kare
सामग्री –
विधि –
- रोजाना दो फल जरूर खाएं।
- केला सुबह खाना बेहद अच्छा होता है, जबकि सेब आप पूरे दिन में कभी भी खा सकते हैं।
इसका इस्तेमाल कब तक करें –
रोजाना के खाद्य पदार्थ में इन फलों को शामिल करें।
फायदे –
केले में एसिड का स्तर कम होता है और ये प्राकृतिक एंटासिड की तरह कार्य करता है। इससे बैक्टीरिया से भी छुटकारा मिलता है, जिनकी वजह से एसिड रिफ्लक्स बनता है। सेब में ऑर्गनिक एसिड होता है जो पेट के जूस को स्थिर करता है और सीने की जलन से राहत दिलाता है।
(और पढ़ें - बदहजमी का इलाज)
सीने की जलन के लिए एलोवेरा गुणकारी है - Seene ki jalan ke liye aloe vera gunkari hai
सामग्री -
- आधा कप एलोवेरा जूस। (और पढ़ें - aloe vera ke fayde)
विधि -
- खाने से आधा घंटा पहले इस जूस को पीयें।
इसका इस्तेमाल कब तक करें -
अगर आपको बेहद ज्यादा सीने में जलन रहती है तो इस उपाय को रोजाना दोहरायें।
फायदे -
एलोवेरा जूस पेट में सूजन को कम करता है एवं छाती की जलन को दूर करता है।
(और पढ़ें - सूजन का उपाय)
छाती की जलन के लिए कुछ जरूरी टिप्स - Chhati ki jalan ke liye jaroori tips
1. अधिक खाना न खाएं -
अधिक खाना न खाएं, इससे एसिड की मात्रा बढ़ जाती है और सीने में जलन पैदा होने लगती है।
2. वजन को घटाएं -
अगर आपका वजन अधिक है, तो पेट में एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है, जिससे छाती में जलन की समस्या बढ़ने लगती है। (और पढ़ें - vajan ghatane ke nuskhe)
3. कम कार्बोहाइड्रेट डाइट लें –
ना पचने वाले कार्बोहाइड्रेट आहार भी सीने में जलन का कारण बनते हैं, इसलिए कम कार्बोहाइड्रेट वाला आहार खाएं।
4. शराब का सेवन कम करें –
शराब के सेवन से भी एसिड ज्यादा बनने लगता है और इससे छाती में जलन पैदा होती है।
5. कॉफी अधिक न पीयें –
अधिक कॉफी पीने से भी पेट में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है और इस प्रकार सीने में जलन हो सकती है।
6. चुइंगम न खाएं -
अगर आप चुइंगम अधिक खाते हैं तो इसे अभी खाना छोड़ दें, क्योंकि चुइंगम से भी पेट में एसिड बनता है।
7. कच्चा प्याज न खाएं -
खाना खाते समय कच्ची प्याज को खाने से भी सीने में जलन पैदा हो सकती है, इसलिए कच्ची प्याज को न खाएं।
8. कार्बोनेटेड पेय पदार्थ न पीयें -
कार्बोनेटेड पेय पदार्थ भी एसिड रिफ्लक्स का कारण बनते हैं। तो एसिड से बचने के लिए कार्बोनेटेड पेय पदार्थ को न पीयें।
9. साइट्रस जूस को आधी न पीयें -
संतरे या अंगूर का जूस एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को और खराब करते हैं, इसलिए सीने की जलन से बचने के लिए साइट्रस जूस को न पीयें।
10. अधिक चॉकलेट ना खाएं -
अधिक चॉकलेट खाने से एसोफेगस में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है और इस तरह सीने में जलन पैदा हो सकती है।
(और पढ़ें - कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन)
सारांश
सीने की जलन एक आम समस्या है जो आपको असहजता और अस्वस्थ अनुभव करा सकती है। इसकी कई संभावित कारण हो सकते हैं, जैसे कि अपाचन, अस्थमा, गैस्ट्रो-ओसोफेजियल रिफ्लक्स रोग (GERD), अस्थमा, दिल की बीमारी या सांस लेने की तकलीफ (श्वासनली विकार)। सीने की जलन का सीधा कारण बीमारी हो सकती है जो इलाज की आवश्यकता पूर्ण करती है। इसके अलावा, खाने की विशेष चीजों, तनाव, धूम्रपान और शराब का सेवन भी सीने की जलन का कारण बन सकता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, आहार और जीवनशैली में परिवर्तन करना, दवाओं का सेवन, और चिकित्सक की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। इस समस्या को नजरअंदाज न करें और सही सलाह लें, ताकि आप इससे छुटकारा पा सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें।