छाती में दर्दभरी जलन होने की स्थिति को सीने में जलन कहा जाता है। एसिड रिफलक्स की वजह से सीने में जलन होती है। एसिड रिफलक्स में पेट का एसिड भोजन नली में आ जाता है, जिसकी वजह से सीने में जलन होने लगती है। अक्सर लेटने या खाना खाने के बाद ये दर्द और ज्यादा बढ़ जाता है।
भोजन नली के निचले सिरे पर मांसपेशियों की एक रिंग होती है जो कि भोजन को भोजन नली में वापिस आने से रोकती है। भोजन निगलने पर ये रिंग रिलैक्स होकर खाने को पेट तक पहुंचाती है और पेट के एसिड को भोजन नली में आने से रोकने के लिए टाइट हो जाती है।
हालांकि, अगर ये मांसपेशी असामान्य तरीके से रिलैक्स हो या किसी कारण से कमजोर पड़ जाए तो पेट का एसिड वापिस भोजन नली में आ जाता है जिससे सीने में जलन होने लगती है। ऐसा पेट में एसिड के अत्यधिक उत्पादन (जैसे कि तनाव के दौरान) के कारण भी हो सकता है।
कभी-कभी सीने में जलन होना आम बात है और इसे लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अगर बार-बार या हफ्ते में दो बार से ज्यादा सीने में जलन हो तो इसे गैस्ट्रो-इसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (जीओआरडी) कहते हैं।
कुछ वजहों से सीने की जलन उत्पन्न या बढ़ सकती है। इसमें कुछ खाद्य या पेय पदार्थ जैसे कि कॉफी, शराब, चॉकलेट और वसायुक्त या मसालेदार खाना, प्रेगनेंसी, धूम्रपान, ओवरवेट होना और तनाव शामिल हैं।
इसके अलावा कुछ दवाएं जैसे कि एंटी-इंफ्लामेट्री दर्द निवारक दवाएं और कुछ स्थितियां जैसे कि हाइटस हर्निया (जब पेट का ऊपरी भाग डायाफ्राम के छेद (हाइटस) से निकलकर छाती के हिस्से में चला जाता है) भी सीने में जलन पैदा कर सकता है।
अनुवांशिक कारक भी जीओआरडी के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
सीने में जलन का इलाज करना जरूरी है, क्योंकि बार-बार एसिड रिफलक्स की वजह से भोजन नली को नुकसान पहुंच सकता है। इससे पेट में अल्सर, इसोफेजाइटिस (भोजन नली में सूजन व दर्द होना) और बेरेट्स इसोफेगस (भोजन नली की पूर्व कैंसरकारी स्थिति) जैसी जटिलताएं सामने आ सकती हैं।
उपचार पद्धति में होम्योपैथी चिकित्सा एक बेहतरीन विकल्प है, जिसमें हर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री (मरीज को अभी या पहले रही किसी स्वास्थ्य समस्या की जानकारी), जेनेटिक हिस्ट्री (अनुवांशिक बीमारियों की जानकारी), मानसिक विशेषताओं और शारीरिक लक्षणों को ध्यान में रखकर दवा तैयार की जाती है।
होम्योपैथिक दवाएं बीमारी का इलाज करने के साथ-साथ व्यक्ति की संपूर्ण सेहत में भी सुधार लाने का काम करती हैं। सीने में जलन के लिए इस्तेमाल होने वाली होम्योपैथिक दवाओं में आर्सेनिकम एल्बम, कार्बो वेजिटेबिलिस, नक्स वोमिका, फॉस्फोरस, पल्सेटिला और रोबिनिया स्यूडोएकेसिया शामिल हैं।