सोरायसिस एक त्वचा संबंधी रोग है, जो कि प्रतिरक्षा तंत्र में गड़बड़ी की वजह से शरीर में हुई इन्फ्लेम्शन (सूजन) की वजह से होती है।

इसमें त्वचा की कोशिकाएं काफी तेजी से बढ़ने लगती हैं। सोरायसिस में त्वचा की ऊपरी परत पर पपड़ी बन जाती है और वह छिलकर उतरने लगती है। इससे त्वचा शुष्क हो जाती है और सफेद धब्बे पड़ने लगते हैं। ऐसे कई कारक हैं जो सोरायसिस मरीज़ की स्थिति को और बिगाड़ देते हैं जैसे कि संक्रमण और तनाव

सिर्फ आहार के द्वारा इस बीमारी को ठीक करना संभव नहीं है लेकिन कई भोज्य पदार्थों से इसके लक्षणों में सुधार लाया जा सकता है। इस लेख में हमने बताया है कि सोरायसिस में क्या खाना चाहिए एवं क्या परहेज किया जाना चाहिए। इसके साथ-साथ सोरायसिस के लिए एक भारतीय डाइट चार्ट भी दिया है जिसे आप आसानी से फॉलो कर सकते हैं।

(और पढ़ें - सोरायसिस के घरेलू उपाय)

  1. सोरायसिस में आवश्यक पोषक तत्व - Essential nutrients in psoriasis in Hindi
  2. सोरायसिस के लिए यह सर्वोत्तम आहार खाएं - Eat these best foods for psoriasis in Hindi
  3. सोरायसिस में न खाएं यह भोज्य पदार्थ और करें परहेज - Avoid these foods in Psoriasis in Hindi
  4. सोरायसिस डाइट से जुड़े टिप्स - Other dietary tips for psoriasis in Hindi
  5. सोरायसिस के लिए भारतीय डाइट प्लान - Indian diet plan for Psoriasis in Hindi
सोरायसिस में क्या खाएं, क्या नहीं और परहेज के डॉक्टर

सोरायसिस रोग में कुछ पोषक तत्व खास तौर से लाभकारी होते हैं। इन पोषक तत्वों की कॉम्बिनेशन वाली डाइट को अपनाकर आप अपनी स्थिति में काफी सुधार ला सकते हैं -

ओमेगा 3 युक्त आहार लें

ओमेगा-3 फैटी एसिड को शरीर में सूजन/ इन्फ्लेम्शन कम करने के लिए काफी अच्छा पोषक तत्व माना जाता है और सोरायसिस मे सूजन/ इन्फ्लेम्शन एक विशेष लक्षण होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। अपने आहार में ओमेगा-3 जोड़ने के लिए मछली एक अच्छा विकल्प है, जैसे बांगड़ा (भारतीय मैकेरल), सुरमई (किंग मैकेरल), रवस (भारतीय सेलमोंन), हिलसा (हेरिंग) आदि। इन मछलियों को सप्ताह में 2-3 बार ले सकते हैं। यदि आप शाकाहारी हैं, तो अपने दैनिक आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड शानिल करने के लिए अलसी के बीज, जैतून का तेल, कद्दू के बीज और अखरोट ले सकते हैं।

(और पढ़ें - ओमेगा 3 के स्रोत)

विटामिन डी से प्रचुर भोजन लें

कई सारे शोध सोरायसिस के उपचार में विटामिन डी की महत्वपूर्ण भूमिका दिखाते हैं। अब डॉक्टर भी विटामिन डी को पर्याप्त मात्रा में लेने का सुझाव देते हैं, जिससे आपकी स्थिति में सुधार हो सके। अपने आहार में इस पोषक तत्व को शामिल करने के लिए आप इन भोज्य पदार्थों का नियमित तौर पर अवश्य सेवन करें -

  • कॉड लिवर आयल
  • फैटी मछली
  • विटामिन डी-फोर्टिफिकेशन वाला दूध
  • विटामिन डी-फोर्टिफिकेशन वाला दूध का दही
  • अंडे की जर्दी
  • मशरूम

(और पढ़ें - विटामिन डी के आहार)

विटामिन सी का प्रयोग होगा फायदेमंद

विटामिन सी जल में घुलनशील विटामिन है जिसे एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी जाना जाता है। यह सोरायसिस रोगियों में फ्री रेडिकल की क्रिया को कम करने में मदद करता है। आप इस पोषक तत्व को आहार से, सप्लीमेंट से, या दोनों से ले सकते हैं। विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों में खट्टे फल (नींबू, मौसमी, नारंगी), बेरी, हरी पत्तेदार सब्जियां, हरी मिर्च, आदि आते हैं।

(और पढ़ें - विटामिन सी के फायदे)

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रिसर्च में पता चला है कि एंटी-इन्फ्लिमेंटरी आहार लेने से सोरायसिस रोग के लक्षणों को नियंत्रित करने में सुधार करने मे बहुत सहायता मिलती है। यहां कुछ ऐसे ही भोज्य पदार्थ दिए हैं जिन्हे आप अपने आहार में आसानी से ले सकते हैं -

फैटी फिश

फैटी फिश में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है जो शरीर की सूजन को कम करने में एवं लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

हल्दी

हल्दी अपने एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। इसे आप कच्चा, पाउडर, या गोली के रूप में दैनिक तौर पर ले सकते हैं। हल्दी को आहार में शामिल करने के लिए आप इसे हर्बल चाय, दूध, सब्जी, दाल, या अचार आदि में भी शामिल कर सकते हैं।

(और पढ़ें - हल्दी दूध के फायदे)

शकरकंद

शकरकंद में अच्छी मात्रा में कोलीन होता है जो कि एक प्रकार का माइक्रोन्यूट्रिएंट है जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है। इस बीमारी के लक्षण को नियंत्रित करने के लिए शकरकंद का लगातार सेवन फायदेमंद साबित होता है।

(और पढ़ें - शकरकंद खाने के फायदे)

सभी रंगीन फल और सब्जीयां

सोरायसिस के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार में सभी रंगीन फलों और सब्जियों को शामिल करना एक अच्छा विकल्प है। इनमें फाइबर, पानी, विटामिन और खनिजों की अच्छी मात्रा होती है। लेकिन ज्यादा लाभ पाने के लिए पैकेट वाले जूस या सूप के बजाय ताजा और मौसमी फल व सब्जियों को चुनें।

(और पढ़ें - सोरायसिस का आयुर्वेदिक उपचार)

कई अध्ययन ये बताते हैं कि कुछ भोज्य पदार्थ सोरायसिस की समस्या को बढ़ा कर, शरीर में सूजन और प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रक्रिया को खराब कर देते हैं। ऐसे में उन्हें अपने आहार से हटा कर, कुछ स्वस्थ विकल्पों के साथ बदला जा सकता है जैसे:

आसानी से पचने वाले कार्बोहायड्रेट से बनाये दूरी

कुछ अध्ययन ये बताते हैं कि अधिक मात्रा में चीनी और रिफाइंड (आसानी से पचने वाले) कार्बोहाइड्रेट खाने से शरीर में सूजन होने के आसार बढ़ जाते हैं। इसलिए सफेद चीनी, शहद, फलों के जूस, मैदा, मिठाइयों, कार्बोनेटेड एवं एनर्जी ड्रिंक्स आदि के सेवन से बचें। आप इन चीजों को अधिक पौष्टिक खाद्य पदार्थों जैसे गुड़ (कम मात्रा में), नींबू पानी, डिटॉक्स वाटर, छाछ आदि से बदल सकते हैं। इनके अलावा मीठे के लिए, फलों से बने, घर पर बनाये डेसर्ट खा सकते हैं।

(और पढ़ें - चीनी खाने के नुकसान)

प्रोसेस्ड एवं पैकेट वाले खाने से करें परहेज

प्रोसेस्ड और पैकेट वाले खाने आर्टिफिशियल ट्रांस फैट से भरपूर होते हैं क्योंकि वे आम तौर पर खराब क्वालिटी के तेल का उपयोग करते हैं जो शरीर में सूजन बढ़ा सकते हैं और इस बीमारी के लक्षणों को बदतर कर सकते हैं। प्रोसेस्ड फूड पेट के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता है। ये हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा कर, शरीर में सूजन को बढ़ाता देता है। घर पर पका हुआ भोजन चुनें और फ्रेंच फ्राइज़, पैकेट वाले स्नैक्स (चिप्स, नमकीन, बिस्कुट), बेकरी उत्पाद (केक, पेस्ट्री), प्रोसेस्ड मीट (बेकन, सॉसेज, हैम) आदि के सेवन से बचें।

शराब न पीएं

शराब पीना सोरायसिस के लक्षणों को और बिगाड़ सकता है। एक शोध से पता चला है कि शराब का सेवन करने वाले लोगों में सीआरपी - जो कि एक इन्फ्लिमेंट्री मार्कर है - का स्तर सामान्य की तुलना में बढ़ जाता है। जिन लोगों ने शराब का अधिक सेवन किया, उनके सीआरपी स्तर में उतनी ही ज्यादा स्तर में वृद्धि देखी गई। इसलिए शराब पीना जल्दी से जल्दी बंद कर दें और तलब लगने पर इसकी जगह स्वस्थ पेय जैसे कि आम पन्ना, नींबू पानी, आदि ले सकते हैं। अगर खुद से शराब छोड़ने में दिक्कत आ रही हो तो अपने डॉ से शराब छोड़ने के तरीके के बारे में सलाह लें।

(और पढ़ें - शराब पीने के नुकसान)

धूम्रपान जल्दी से जल्दी बंद कर दें

शोध से पता चला है कि सोरायसिस के बदतर होने और सिगरेट पीने में सीधा संबंध है। जितना ज्यादा आप धूम्रपान करेंगे, समस्या उतनी ही बढ़ती जाएगी। अतः जितनी जल्दी हो सके धूम्रपान छोड़ दें। यदि आप सिगरेट पीना नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो अपने चिकित्सक से सिगरेट छोड़ने के तरीके के बारे में सलाह लें।

(और पढ़ें - सिगरेट पीने के नुकसान)

अपने शरीर के लक्षणों को समझें

सोरायसिस के कुछ रोगी विभिन्न खाद्य पदार्थो से एलर्जी होने के बारे में बताते हैं, जैसे कि कुछ मसाले, मोटे अनाज। यदि आपको भी किसी भोज्य पदार्थ से त्वचा में जलन या त्वचा पर कोई अन्य प्रभाव, पेट में जलन या पेट खराब होना आदि की समस्या होने की आशंका होती है तो इसे नोट कर लें और फिर इसका अलग से सेवन करके जांच लें। यदि उस भोजन से समस्या बार-बार हो रही हो तो उनके बजाये अन्य खाद्य पदार्थो का इस्तेमाल कर अपनी परेशानी का समाधान कर सकते हैं।

(और पढ़ें - सोरायसिस की होम्योपैथिक दवा)

ऊपर बताये गए भोज्य पदार्थों के अलावा आपको सोरायसिस डाइट से जुड़ी यह आवश्यक जानकारी भी होनी चाहिए -

पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं

सोरायसिस के मरीजों को हर दिन पर्याप्त मात्रा मे पानी पीने की सलाह दी जाती है। सोरायसिस से पीड़ित व्यक्ति को त्वचा को नमीयुक्त बनाए रखने और चमक बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। रोजाना 10-12 गिलास पानी पीने की कोशिश करें। आप पानी की जगह डिटॉक्स वॉटर, नारियल पानी और छाछ भी ले सकते हैं। इस समस्या में चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड पेय से बचें क्योंकि ये कैफीन से भरपूर होते हैं जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।

संतुलित आहार होगा फायदेमंद

एक ऐसा आहार जिसमें सभी खाद्य समूह शामिल हों और संतुलित तरीके से सभी पोषक तत्व हों, वो इस बीमारी को नियंत्रित करने के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी बनाए रखने में सहायक होता है। अपने नियमित आहार में साबुत अनाज, दाल, दूध और दूध से बने पदार्थ, रंग-बिरंगे फल और सब्जियां, नट्स और बीज, कम वसा वाला मांस अवश्य शामिल करें।

(और पढ़ें - संतुलित आहार किसे कहते हैं

ग्लूटेन फ्री डाइट से मिलेगी राहत

कई शोध अध्ययनों से पता चला है कि सोरायसिस रोगियों में सीलिएक रोग सहित अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां अधिक देखने को मिलती हैं। आमतौर पर यह देखा गया है कि ग्लूटेन-फ्री आहार के सेवन से कुछ सोरायसिस रोगियों को लाभ हुआ है। अपनी डाइट में गेहूं, राई और जौ के बजाये अन्य अनाजों को शामिल करें जैसे कि बाजरा, ज्वार, रागी

(और पढ़ें - सोरायसिस की सिद्ध चिकित्सा)

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यहां हमने सोरायसिस के मरीज़ों के लिए एक डाइट चार्ट दिया है। अपनी आवश्यकता के अनुसार, आप अपने लिए एक न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह ले सकते हैं -

  • सुबह खाली पेट - गर्म पानी (1 गिलास) + अखरोट (5-7)
  • सुबह का नाश्ता - बाजरा दलिया (1-2 कटोरी) + पपीता स्मूदी (1 गिलास)
  • मध्य आहार - संतरा (1)
  • दोपहर का भोजन - ज्वार की रोटी (2) + सोया / मछली की सब्जी (1 कटोरी) + मिश्रित सब्जी (1 कटोरी) + हरी सलाद (1 मध्यम प्लेट)
  • शाम की चाय - हर्बल टी (1 कप) + भुने हुए बीज और मेवे (1 बड़ा चम्मच)
  • रात का भोजन - सब्जियों का सूप (1 कटोरी) + मटर पुलाव (1 कटोरी) + कम वसा युक्त पनीर करी (1 कटोरी)
  • सोते समय - हल्दी वाला दूध (1 गिलास)
Dr. Dhanamjaya D

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16 वर्षों का अनुभव

Dt. Surbhi Upadhyay

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11 वर्षों का अनुभव

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8 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

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  2. Passi S., Pità O. De, Cocchi Massimo. Psoriasis and diet. Progress in Nutrition. 2004 January; 6(4): 231-247.
  3. Barrea Luigi, et al. Vitamin D and its role in psoriasis: An overview of the dermatologist and nutritionist. Rev Endocr Metab Disord. 2017; 18(2): 195–205. PMID: 28176237
  4. Corte Karen W. Della, et al.Effect of Dietary Sugar Intake on Biomarkers of Subclinical Inflammation: A Systematic Review and Meta-Analysis of Intervention Studies. Nutrients. 2018 May; 10(5): 606. PMID: 29757229
  5. Oliveira Andreia, Rodríguez-Artalejo Fernando, Lopes Carla. Alcohol intake and systemic markers of inflammation--shape of the association according to sex and body mass index. Alcohol Alcohol. 2010 Mar-Apr; 45(2): 119-25. PMID: 20083478
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