सोरायसिस के लिए उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं निम्नलिखित हैं:
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क्राइसैरोबिनम (Chrysarobinum)
सामान्य नाम: गोवा पाउडर (Goa powder)
लक्षण: क्राइसैरोबिनम का उपयोग मुख्य रूप से सोरायसिस और दाद जैसे त्वचा रोगों वाले व्यक्तियों में किया जाता है। निम्नलिखित अन्य लक्षणों में भी इस दवा से इलाज किया जाता है:
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केलियम आर्सेनिकोसम (Kalium Arsenicosum)
सामान्य नाम: फाउलर्स सोल्युशन (Fowler's solution)
लक्षण: यह दवा बेचैन और व्याकुल लोगों के लिए या पुराने त्वचा रोगों से पीड़ित लोगों के लिए सबसे अच्छे उपचार में से एक है। इसका उपयोग एनीमिया के इलाज में भी किया जा सकता है। निम्नलिखित कुछ अन्य लक्षणों के लिए भी इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है:
- सूखी और स्केली त्वचा जिसपर असहनीय खुजली होना जो गर्म मौसम में बढ़ जाती हो (और पढ़ें - खुजली का होम्योपैथिक इलाज)
- त्वचा के नीचे कई छोटी छोटी गांठे जो मौसम में परिवर्तन के साथ गंभीर हो जाती हो
- मवाद युक्त छोटे फफोले जो मासिक धर्म के दौरान गंभीर हो जाते हो
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सीपिया औफिसिनेलिस (Sepia officinalis)
सामान्य नाम: कटलफिश का स्याही के रंग का जूस (Inky juice of cuttlefish)
लक्षण: यह दवा विशेष रूप से पीले रंग वाले व्यक्तियों में उपयोगी है जो कमजोरी और दर्द से पीड़ित होते हैं। यह दवा निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में मदद करती है:
- प्रभावित क्षेत्र में खुजली होना जो खुजलाने से भी कम नहीं होती
- खुजली जो कि जोड़ों के मुड़ने वाली जगह पर अधिक होती होती है, जैसे, कोहनी और घुटने में (और पढ़ें - खुजली का आयुर्वेदिक इलाज)
- पैरों और पैर की उंगलियों में अत्यधिक पसीना आना और शरीर में भी गंध के साथ अत्यधिक पसीना आना (और पढ़ें - ज्यादा पसीना आना रोकने के घरेलू उपाय)
- खराब गंध के साथ स्केली और मोटी त्वचा
- नाक, होंठ और मुंह पर भूरे धब्बे बनना
इस दवा को लेने वाले व्यक्ति सुबह और शाम को खराब महसूस करते हैं। वे गर्म बिस्तर, गर्म सिकाई, व्यायाम, ठंडा स्नान और नींद लेते समय बेहतर महसूस करते हैं।
गर्म जलवायु, रात और मासिक धर्म के दौरान और बाद में लक्षण बढ़ जाते हैं और अंधेरे में ठीक होते हैं। (और पढ़ें - मासिक धर्म से जुड़े तथ्य)
यह दवा लेने वाले लोग खाने के बाद या कुछ गर्म पीने के बाद बेहतर महसूस करते हैं और उनकी स्थिति अपच, शाम 4 से 8 बजे के बीच और शरीर पर कपड़ों के दबाव के कारण खराब हो जाती है। (और पढ़ें - अपच के घरेलू उपाय)
एक 29 वर्षीय महिला से जुड़े अध्ययन में सोरियासिस के उपचार में आर्सेनिकम एल्बम के प्रभावों की जानकारी दी गई थी। महिला को नाखूनों का पीलापन, हाथ और पैर के नाखूनों का टूटना तथा मोटे होना जैसे लक्षण थे। इस महिला को पहले भी सोरायसिस की बीमारी थी जिसे स्टेरॉयड से ठीक किया गया था। 6 सप्ताह तक आर्सेनिकम एल्बम लेने के बाद महिला के वर्तमान लक्षणों में काफी सुधार हुआ। वह अपने दैनिक कामों को फिर से शुरू करने में सक्षम हो गई और बाद के उपचार से और भी राहत का संकेत मिला।
भले ही लक्षणों से काफी हद तक राहत मिली थी, लेकिन वह महिला उपचार से संतुष्ट नहीं थी, इसलिए दवा को बदल दिया गया था। उसे लाइकोपोडियम देकर आगे इलाज किया गया और यह पाया गया कि एक नाखून को छोड़कर सभी नाखून के घाव 9 महीनों में पूरी तरह ठीक हो गए थे। यह अंतिम घाव भी लगभग ठीक हो चुका था।
(और पढ़ें - घाव ठीक करने के घरेलू उपाय)
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कार्बोलिकम एसिडम (Carbolicum Acidum)
सामान्य नाम: फिनोल (Phenol)
लक्षण: यह दवा गंभीर दर्द वाले लोगों, शारीरिक परिश्रम के कारण फोड़े होने, खराब गंध, स्पास्मोडिक खांसी या गठिया के लिए सबसे उपयुक्त है। यह निम्नलिखित लक्षणों में भी उपयोगी है:
- खुजली वाले फफोले और जलन वाला दर्द
- जलन जिससे त्वचा पर छाले हो जाते हैं
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सल्फर (Sulphur)
सामान्य नाम: सब्लिमेटेड सल्फर (Sublimated sulphur)
लक्षण: सल्फर त्वचा की जलन ठीक करने में सबसे उपयोगी दवाओं में से एक है। इसका उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के उपचार के लिए भी किया जा सकता है:
- सूखी, पपड़ीदार और अस्वस्थ त्वचा
- किसी भी तरह की चोट में मवाद बन जाना (और पढ़ें - चोट लगने पर क्या करें)
- त्वचा पर खुजली और जलन महसूस होना जो रगड़ने और धोने से बढ़ जाती हो
- छाले, फुंसी जैसे दाने और नाखूनों के जड़ की फटी हुई त्वचा (और पढ़ें - फुंसी के घरेलू उपाय)
- खुर्ची और घिसी हुई त्वचा, विशेष रूप से जोड़ों में
- लोकल दवा लगाने के कारण त्वचा की समस्याएं
यह दवा लेने वाले व्यक्ति में, प्रभावित क्षेत्र को धोने, स्नान करने, आराम करने, खड़े होने, मादक उत्तेजक का सेवन करने, बिस्तर की गर्मी और रात में 11 बजे तक लक्षण बढ़ सकते हैं। सूखे और गर्म मौसम में, दाहिनी ओर लेटने पर और प्रभावित अंग को खींचने से लक्षण ठीक होते हुए महसूस होते हैं।
एक 66 वर्षीय व्यक्ति के मामले का अध्ययन करके सोरायसिस की बीमारी में सल्फर जैसी होम्योपैथिक दवा की प्रभावशीलता का पता लगाया गया। यह व्यक्ति 3 महीने से त्वचा पर हर जगह दानों से प्रभावित था। कभी-कभी उसको खुजली के साथ घाव होते थे और हल्की बीपी की समस्या भी थी, जिसका कोई इलाज नहीं हुआ था। इस प्रतिभागी की शारीरिक जांच में सिर की त्वचा में हर जगह एरिथेमेटस मैल पाया गया। इन लक्षणों के इलाज के लिए सल्फर का उपयोग साप्ताहिक तौर पर किया गया।
खुजली को ठीक करने के लिए सल्फर-आधारित कॉस्मेटिक क्रीम का भी उपयोग किया गया था। पहले और दूसरे महीने के फॉलोअप से इस स्थिति में काफी सुधार दिखा और 4 महीने के फॉलोअप में लक्षणों से लगभग पूरी तरह से राहत मिल गई थी। इलाज खत्म होने के 2 साल बाद भी रोगी को कोहनी के आसपास कुछ घावों को छोड़कर किसी भी तरह का घाव नहीं हुआ।
(और पढ़ें - घाव की मरहम पट्टी कैसे करते हैं)
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आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album)
सामान्य नाम: आर्सेनियस एसिड (Arsenious acid)
लक्षण: यह दवा सभी अंगों और ऊतकों पर काम करती है। यह जलन वाले दर्द, मामूली शारीरिक गतिविधि से होने वाली थकान, बेचैनी और समुद्र के आसपास के क्षेत्र के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों वाले लोगों के लिए सबसे उपयुक्त उपचार है। आर्सेनिकम एल्बम का उपयोग करके निम्नलिखित अन्य लक्षणों का इलाज किया जा सकता है:
- त्वचा पर खुजली, जलन और सूजन
- सूखी, खुरदरी और पपड़ीदार त्वचा के साथ फोड़े फुंसी और दाने होना, ये लक्षण ठंड के मौसम में बढ़ जाते हैं
- छालों के साथ बदबूदार रिसाव
- ऊतकों के असामान्य और अत्यधिक विकास के कारण ऊतकों का छिलना और त्वचा पर दाने होना
मानसून के दौरान, आधी रात के बाद और कोल्ड ड्रिंक्स तथा खाद्य पदार्थों के सेवन से व्यक्ति की स्थिति खराब हो सकती है। गर्म मौसम में और गर्म पेय के सेवन से स्थिति सुधर सकती है।
व्यक्ति को तब अच्छा लगता है जब मानसिक या शारीरिक रूप से वह किसी काम में लगा रहता है।
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आर्सेनिकम आयोडेटम (Arsenicum Iodatum)
सामान्य नाम: आयोडाइड ऑफ आर्सेनिक (Iodide of arsenic)
लक्षण: यह दवा शरीर के विभिन्न क्षेत्रों से लगातार जलन और तेज रिसाव की समस्या वाले लोगों के लिए उपयुक्त है। यह रिसाव उन विभिन्न झिल्लियों की जलन का कारण बनता है जो इसके संपर्क में आती हैं। यह दवा लाल और सूजन वाली श्लेष्म झिल्ली के साथ खुजली और जलन जैसे लक्षणों में भी सहायक है। निम्नलिखित अन्य लक्षणों में आर्सेनिकम आयोडेटम का उपयोग करके इलाज किया जा सकता है:
- बड़े पैमाने पर त्वचा का गंभीर एक्सफोलिएशन (मृत त्वचा का हटना), जिसके कारण इसकी नीचे वाली रिसती हुई कच्ची सतह का दिख जाना
- खुजली के साथ रूखी, सख्त और पपड़ीदार त्वचा
- रात को पसीने से जाग जाना (और पढ़ें - रात को अधिक पसीना आने के कारण)
- दाढ़ी के क्षेत्र में एक्जिमा जो त्वचा में गीलापन, रिसाव और खुजली पैदा करता है, प्रभावित त्वचा को धोने पर स्थिति खराब हो जाती है
- फफोले या मुंहासे, जिनमें मवाद होता है
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थायरॉइडीनम (Thyroidinum)
सामान्य नाम: भेड़ की सूखी हुई थायरॉयड ग्रंथि (Dried thyroid gland of the sheep)
लक्षण: यह दवा कमजोरी, पसीना आने, झुनझुनी महसूस करने और रेशेदार ट्यूमर वाले लोगों में सबसे बेहतर काम करती है। कुछ अन्य लक्षण निम्नलिखित हैं जिन्हें थायरॉइडीनम का उपयोग करके नियंत्रित किया जा सकता है:
- सूखी और पपड़ीदार त्वचा जिसमें लालिमा और खुजली हो
- हाथ और पैर ठंडे होना
- त्वचा पर भूरे रंग की सूजन
- ऑटोइम्यून बीमारी के कारण त्वचा में इंफ्लमैशन और सूजन
- बीना कोई दाने निकले खुजली होना जो रात में बढ़ जाती हो