पश्चिमी चिकित्सा में साइनसाइटिस को एलर्जी का नतीजा माना जाता है।
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साइनस के लिए योग के फायदे - How to cure sinusitis with yoga in hindi
- साइनस के लिए अनुलोम के फायदे - विलोम प्राणायाम से
- साइनस के लिए कपालभाती के फायदे - Kapalbhati pranayama for sinus in hindi
- साइनस के लिए उत्तानासन के फायदे - Uttanasana Good for Sinusitis in hindi
- साइनस के लिए कर्नापीड़ासन प्राणायाम के फायदे - Karnapidasana yoga pose for Sinusitis in hindi
- साइनस के लिए सर्वांगासन के फायदे - Sarvangasana yoga for sinusitis in hindi
- साइनस के लिए शवासन के फायदे - Savasana ke fayde for sinus in hindi
- साइनस के लिए अन्य योग - Other yoga posture for sinus problem in hindi
- सारांश
साइनस के लिए योग के फायदे - How to cure sinusitis with yoga in hindi
योग आपको साइनसाइटिस से ही नहीं बल्कि उसकी वजह से होने वाली दिक्कतों से भी राहत प्रदान करता है, जैसे कि माइग्रेन व बंद नाक। इसके अलावा योग नाक के निचले हिस्से की मांसपेशियों को आराम देता है जो साइनसाइटिस की वजह से सूज जाती हैं। साँस लेने के व्यायाम या प्राणायामों से गले की पाइप्स भी सॉफ हो जाती हैं, और खाँसी या कोई गले से संबंधी समस्या से राहत मिलती है।
(और पढ़ें - व्यायाम के फायदे)
साइनस के लिए अनुलोम के फायदे - विलोम प्राणायाम से
अनुलोम-विलोम प्राणायाम, जो की नाड़ीशोधन प्राणायाम का एक प्रकार है, रोज़ करने से सभी नाड़ी अच्छी तरह से शुद्ध हो जाती हैं। इसके कारण श्वास लेने और छोड़ने में आसानी होती है। यह प्राणायाम ख़ास तौर से सभी नाड़ी से अवरोध को हटाता है और इस वजह से शरीर में ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम हर किसी को करना चाहिए, ख़ास तौर से अगर आप साइनसाइटिस से पीड़ित हैं। अनुलोम-विलोम प्राणायाम 2-3 मिनिट के लिए करें और जैसे अभ्यास बढ़ने लगे, इसे ज़्यादा देर कर सकते हैं।
(और पढ़ें: अनुलोम-विलोम करने का तरीका और फायदे)
साइनस के लिए कपालभाती के फायदे - Kapalbhati pranayama for sinus in hindi
कपालभाती प्राणायाम से तंत्रिका तंत्र (Nervous System) प्रबल होता है। यह साइनसाइटिस से पीड़ित रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि यह संपूर्ण श्वास प्रणाली को उत्तेजित करता है, और नाक की मासपेशियों को रिलॅक्स करके सूजन कम करता है। कपालभाती प्राणायाम 1-2 मिनिट के लिए करें और जैसे अभ्यास बढ़ने लगे, इसे ज़्यादा देर कर सकते हैं।
(और पढ़ें: कपालभाती करने का तरीका और फायदे)
साइनस के लिए उत्तानासन के फायदे - Uttanasana Good for Sinusitis in hindi
उत्तानासन सिर और श्वसन के अंगों में ऊर्जा बढ़ाता है और साइनस ग्लॅंड्स को साफ करने में मदद करता है। इस से आपके साइनस खुल जाते हैं और बंद नाक को खोलने में शाएटा मिलती है। उत्तानासन को 1-2 मिनिट के लिए करें, और जैसे अभ्यास बढ़ने लगे, इसे ज़्यादा देर कर सकते हैं।
(और पढ़ें: उत्तानासन करने का तरीका और फायदे)
साइनस के लिए कर्नापीड़ासन प्राणायाम के फायदे - Karnapidasana yoga pose for Sinusitis in hindi
कर्नापीड़ासन में आपका शरीर औंधी स्तिति में होता है और आप अपनी टाँगों से कानों पर दबाव डालते हैं। इन दोनो ही की वजह से साइनस में से म्यूकस निकल जाता है और ज़ुकाम या साइनसाइटिस में बहुत लाभ होता है। कर्नापीड़ासन को शुरुआत में सिर्फ़ 1-2 मिनिट के लिए ही करें।
(और पढ़ें: कर्नापीड़ासन करने का तरीका और फायदे)
साइनस के लिए सर्वांगासन के फायदे - Sarvangasana yoga for sinusitis in hindi
सर्वांगासन ख़ास तौर से साइनसाइटिस से राहत दिलाने में समर्थ है। इसे आप जितनी देर कर सकते हैं बिना परेशानी के, ज़रूर करें। कोई अचांबे की बात नैन होगी अगर इसे करते करते ही आपको अपने साइनस ग्लॅंड्स खाली होते महसूस हों। इस आसन को भी शुरुआत में 1-2 मिनिट के लिए करें, और फिर अभ्यास बढ़ने पर धीरे धीरे अवधि बढ़ा सकते हैं।
(और पढ़ें: सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे)
साइनस के लिए शवासन के फायदे - Savasana ke fayde for sinus in hindi
शवासन में आपका शरीर सबसे अधिक आराम की स्तिथि में होता है। इस आसन को योगाभ्यास के अंत में ज़रूर। इस आसन को भी 5-10 मिनिट के लिए करें।
(और पढ़ें: शवासन करने का तरीका और फायदे)
साइनस के लिए अन्य योग - Other yoga posture for sinus problem in hindi
- जल नेती बहुत लाभदायक होती है साइनसाइटिस के लिए। किंतु इसे किसी विशेषगया के निरीक्षण में ही करें।
- सूत्र नेती भी बहुत लाभदायक होती है साइनसाइटिस के लिए। किंतु इसे किसी विशेषगया के निरीक्षण में ही करें।
- खाने का ख़ास ध्यान रखें (जैसे की तला ना खाएँ)।
- इत्र की जैसी तीव्र गंध से बचें।
इन बातों का खास तौर से ध्यान रखें:
- याद रहे की योगाभ्यास से आराम निरंतर अभ्यास करने के बाद ही मिलता है और धीरे धीरे मिलता है।
- आसन से जोड़ों का दर्द बढे नहीं, इसके लिए अभ्यास के दौरान शरीर को सहारा देने वाली वस्तुओं, तकियों व अन्य उपकरणों की सहायता जैसे ज़रूरी समझें वैसे लें।
- अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न दें। अगर दर्द बढ़ जाता है तो तुरंत योगाभ्यास बंद कर दें और चिकित्सक से परामर्श करें।
- यह ज़रूर पढ़ें: योग के नियम।
सारांश
साइनस की समस्या को कम करने के लिए योग एक प्रभावी और प्राकृतिक तरीका हो सकता है। योग में शामिल प्राणायाम, जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी, साइनस के ब्लॉकेज को खोलने में मदद करते हैं और श्वसन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। इसके साथ ही हलासन और अधोमुख स्वानासन जैसे योगासन नाक के मार्ग को साफ रखते हैं और रक्त प्रवाह में सुधार करते हैं। योग के नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है, जो साइनस की समस्या को बढ़ाने वाले प्रमुख कारकों में से एक है। साइनस राहत के लिए योग को एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा बनाना लाभकारी हो सकता है।