जौ गेहूं या जई की तरह लोकप्रिय नहीं है, लेकिन इसमें पाए जाने वाले गुणों के कारण जौ को "अनाज का राजा" कहा जाता है। जौ अपने बीज और पानी के लिए जाना जाता है। इसे अच्छे स्वाद के लिए सूप, सलाद आदि में मिक्स किया जाता है। बियर और अन्य मादक पेय पदार्थों को बनाने के लिए भी जौ का उपयोग किया जाता है।

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आगे पढ़िए जौ के फायदे और इसको खाने से संभवतः होने वाले नुकसान।

  1. जौ के फायदे - Jou ke Fayde
  2. जौ के नुकसान - Jou ke Nuksan

जौ में सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं। यह विभिन्न हृदय रोग के खिलाफ ह्रदय की रक्षा भी करते हैं। यह गुर्दों, मूत्र पथ, लिवर, हड्डियों और जोड़ों की भी रक्षा करता है और जिससे सामान्य कार्यों को नियमित रखने में मदद मिलती है। जौ में कार्बोहाइड्रेट, घुलनशील और अघुलनशील फाइबर, सोडियम, विटामिन, खनिज, एमिनो एसिड और फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल मुक्त भी होती है।

तो आइये जानते हैं जौ के लाभ के बारे में -

जौ के फायदे रखें हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित - Jou ke ke fayde rakhein blood pressure ko niyantrit

जौ का नियमित सेवन आपके हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है। जौ में घुलनशील फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो कि रक्त में एलडीएल को कम करने में सहायक होती है।

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"जर्नल ऑफ अमेरिकन डायटेटिक एसोसिएशन" में प्रकाशित एक 2006 के अध्ययन के अनुसार घुलनशील या अघुलनशील फाइबर से भरपूर अनाज का सेवन करने से ब्लड प्रेशर को कम करने और स्वस्थ वजन को बनाए रखने में मदद मिलती है।

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जौ का उपयोग करे वजन कम करने के लिए - Jou ka upyog kare wajan kam karne ke liye

क्या आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं? अगर ऐसा है तो आपको जौ के बारे में सोचना चाहिए। जौ आवश्यक विटामिन और खनिज से भरपूर होते हैं। इसमें फाइबर और प्रोटीन की भी अधिक मात्रा पाई जाती है। जौ में फैट, कोलेस्ट्रॉल और चीनी की मात्रा बहुत कम होती है। इन्हीं सब गुणों के कारण जौ को वजन कम करने वाला भोजन कहा जाता है।

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जौ का सबसे महत्वपूर्ण गुण है इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर, जो आंतों में जाकर फैट और कोलेस्ट्रॉल को रक्त में अवशोषित होने से रोकता है। यदि आप जौ का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो, मोटापे का जोखिम काफी कम हो जाता है।

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आप जौ के पानी का सेवन करके, कैलोरी को आसानी से बर्न कर सकते हैं। वह उपाय बहुत ही लाभकारी साबित हो रहा है क्योंकि यह बनाने में बहुत ही आसान होता है। अपने मेटाबोलिज्म को तेज करने और अधिक कैलोरी को बर्न करने के लिए हर दिन लगभग 2 से 3 गिलास जौ के पानी का सेवन किया जा सकता है।

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जौ के औषधीय गुण बचाएं कैंसर से - Jou ke aushdhiya gun cancer ke liye

यह अनाज आपकी आंतों को स्वस्थ और प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करके विभिन्न प्रकार के कैंसर से आपकी रक्षा करने में मदद कर सकता है। ना केवल जौ, बल्कि इसकी घास भी विटामिन बी और क्लोरोफिल से भरपूर होती है जो शरीर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ शरीर से कैंसर कोशिकाओं और मुक्त कणों को ख़त्म करने में मदद करता है।

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2014 में किए गए एक अध्ययन ने स्तन कैंसर कोशिकाओं पर β-d-glucans (पौधों की कोशिकाओं के घटक) के प्रभाव की जांच की और उस अध्ययन से साबित हुआ कि जौ एंडोक्राइन-प्रतिरोधी स्तन कैंसर कोशिकाओं के तेजी बढ़ते विभाजन को समाप्त करने में मदद करती है।

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जौ बेनिफिट्स फॉर आर्थराइटिस - Jou Benefits for Arthritis in hindi

"मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी" द्वारा प्रकाशित एक आर्टिकल के अनुसार अधिक फाइबर से भरपूर आहार लेने से सूजन कम हो जाती है। एक रिसर्च के अनुसार जौ जैसे अनाज में कुछ घुलनशील फाइबर होते हैं, जो पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करते हैं। और इसके अलावा जौ जोड़ों की सूजन या गठिया और इनसे जुड़े दर्द को कम करती है।

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जौ का सेवन बनायें हड्डियों को मजबूत - Jou ka sewan banaye haddiyon ko majboot

जौ में कई प्रकार के आवश्यक विटामिन्स और खनिज होते हैं जैसे फास्फोरस, मैंगनीज, कैल्शियम और तांबा आदि। हड्डियों और दांतों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए ये सभी पोषक तत्व बहुत ही जरूरी होता हैं।

 जौ के रस में बहुत ही अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। इसमें दूध की तुलना में 11 गुना अधिक कैल्शियम होता है जो कि हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य और ताकत को बनाए रखने में मदद करता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार जौ का रस पीने से ओस्टियोपोरोसिस को रोकने में भी मदद मिलती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकता है, लेकिन जौ का रस इससे जुड़े लक्षणों का इलाज करने में मदद कर सकता है। और साथ ही यह ऑस्टियोपोरोसिस होने के जोखिम को कम करता है।

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जौ खाने के फायदे बचाएं डायबिटीज से - Jou khane ke fayde bachaye diabetes se

जौ में डायबिटीज से लड़ने और इसे फैलने से रोकने के गुण पाए जाते हैं।

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11 दिनों के लिए डायबिटीज से पीड़ित चूहों पर जौ के बीज के साथ 2014 में एक अध्ययन किया गया। 11 दिनों के लिए चूहों का जौ के बीज के अर्क के साथ इलाज किया गया था। और लगातार 11 दिनों के लिए ब्लड टेस्ट किये गए। और अध्ययन के अनुसार जौ का अर्क चूहों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, अध्ययन में यह भी सलाह दी गई है कि फाइबर से भरपूर साबुत अनाज खाने से रक्त प्रवाह में ग्लूकोज का अवशोषण होता है।

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पित्त की पथरी के लिए जौ के लाभ - Pitt ki pathri ke liye barley benefits in hindi

जौ महिलाओं में पित्त की पथरी को बनने से रोकने के लिए जाना जाता है। क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा काफी मात्रा पाई जाती है जिसके कारण यह पित्त के एसिड के स्राव को कम करता है। इस प्रकार यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है और शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करता है।

जो महिलाएं फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करती हैं उन्हें फाइबर का सेवन नहीं करने वालों की तुलना में पित्त की पत्थरी होने की सम्भावना कम होती है।

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जौ के आयुर्वेदिक गुण बनायें इम्युनिटी को मजबूत - Jou ke ayurvedic gun badhaye immunity

जौ में बीटा-ग्लुकन (एक प्रकार का फाइबर) होता है जो एंटीऑक्सीडेंट में परिपूर्ण होता है। इसमें विटामिन सी भी पाया जाता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए जाना जाता है। नियमित रूप से जौ का सेवन करने से घाव को जल्दी भरने में मदद मिलती है। और इसके अलावा यह शरीर को ठंड और फ्लू का सामना करने में भी मदद करता है। जब इसका एंटीबायोटिक दवाओं के साथ सेवन किया जाता है, तो जौ दवा के असर को बढ़ाने में मदद करती है।

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जौ का प्रयोग रखें पाचन को स्वस्थ - Jou ka prayog rakhe pachan ko swasth

जौ में सभी अनाज की तुलना में अधिक मात्रा में फाइबर होता है। एक कप जौ में 13 ग्राम फाइबर होता है। जौ में मौजूद अघुलनशील फाइबर आँतों में लाभकारी बैक्टीरिया का लाभ उठाने के लिए प्रोबियोटिक के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा यह आँतों के कार्यों,  पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और कब्ज को रोकने में भी मदद करता है।

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महर्षि यूनिवर्सिटी, जो कि एक आयुर्वेदिक संस्थान है, द्वारा किये गए रिसर्च के अनुसार अच्छे पाचन के लिए दिन भर इससे बने सूप या भोजन या जौ पानी को आहार के रूप में सेवन करने की सलाह दी जाती है। जौ में मौजूद फाइबर कब्ज को रोकने में मदद करता है।

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गर्भावस्था के दौरान जौ खाने के फायदे - Garbhvastha me jau khane ke fayde

हम सब अच्छे से जानते हैं कि जौ महत्वपूर्ण पोषक तत्व, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का एक खजाना है।

गर्भावस्था के दौरान पाचन को बेहतर बनाने और मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए रोजाना जौ का पानी पीना लाभकारी होता है। यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करती है। और इस प्रकार यह गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज के खतरे को रोकता है। 

अमरीकी संसथान एफडीए गर्भावस्था के दौरान जौ खाने की सलाह देता है क्योंकि कभी-कभी अन्य अनाज का सेवन पर्याप्त नहीं होता है।

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जौ का इस्तेमाल करे एनीमिया से बचाव के लिए - Jou ka Istemal Kare Animia se Bachav ke Liye

एनीमिया (शरीर में खून की कमी) से दुनिया भर में लाखों लोग पीड़ित है जोकि एक बहुत ही आम समस्या है। यह लोहा या विटामिन बी की कमी (विशेष रूप से विटामिन बी12 की कमी) के कारण हो सकता है।

लेकिन एनीमिया का अच्छे पोषक तत्वों के साथ बहुत आसानी से इलाज किया जा सकता है। और जौ पोषक तत्वों का भंडार है।

जौ की घास का पाउडर आयरन और विटामिन बी12 का एक बहुत ही स्रोत है। जौ में मौजूद लौह लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाकर रक्त की मात्रा में वृद्धि करने में मदद कर सकता है। और इसके अलावा विटामिन बी 12 रोगों से लड़ने और थकान कम करने में मदद करता है।

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जौ के गुण बचाएं एथेरोस्क्लेरोसिस से - Jou ke gun bachayen atherosclerosis se

एथरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी समस्या है जिसमें धमनी की दीवार के चारों ओर प्लाक (फैटी खाद्य पदार्थ और कोलेस्ट्रॉल) के जमने के कारण धमनी दीवारें छोटी हो जाती हैं। यह हार्ट अटैक के मुख्य कारणों में से एक है। ऐसे में आप जौ का उपयोग कर सकते हैं। जौ में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल और लिपिड के स्तर को कम कर सकती है।

जौ खाने के लाभ स्तंभन दोष दूर करने के लिए - Jou khane ke labh stambhan dosh ke liye

जौ घास में आर्जिनिन और नाइट्रिक ऑक्साइड पाए जाते हैं, जो स्तम्भन दोष का इलाज कर सकते हैं। आर्जिनिन शुक्राणु और अंडा कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है।

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नियमित रूप से पुरुषों और महिलाओं को एक गिलास जौ के घास के रस का सेवन करना चाहिए। इससे आपको कुछ समय के बाद ही फर्क नजर आने लगेगा और आपका यौन शक्ति बढ़ जायेगी।

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जौ के फायदे रखें त्वचा को स्वस्थ - Barley benefits for skin in hindi

जौ में मौजूद जस्ता त्वचा को ठीक रखने में मदद और घावों की मरम्मत करता है।। जौ पाउडर को मौखिक रूप से भी लिया जा सकता है। इसके बजाये जौ के पाउडर को कुछ महीनों के लिए नियमित रूप से पेस्ट के रूप में लगाने से भी आपके चेहरे के घाव भी कम हो जाएंगे।

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इसमें मौजूद सेलेनियम त्वचा की लोच को बनाए रखने में मदद करता है। यह त्वचा को टोन रखता और मुक्त कणों की क्षति को रोकता है। सेलेनियम ह्रदय और प्रतिरक्षा प्रणाली के उचित कार्यों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।

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बालों के लिए जौ के लाभ - Barley benefits for hair in hindi

जौ में प्रोटाइनिडिन-बी 3, विटामिन बी1 और विटामिन बी3 जैसे विटामिन पाए जाते हैं। और ये विटामिन्स बालों के विकास के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं।

जौ लोहा और तांबा में भी परिपूर्ण होते हैं जो न केवल एनीमिया का इलाज करते है बल्कि लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी वृद्धि करते है। यह बालों को झड़ने से रोकने में मदद करते हैं।

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  1. जौ सामान्य रूप से गर्भावस्था के दौरान खाएं जाने वाले खाद्य पदार्थों में उपयोग की जाती है। लेकिन जौ से तैयार स्प्राउट्स गर्भावस्था के दौरान अच्छा नहीं माना गया है। इसके अलावा इसका उच्च मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
  2. यदि आप स्तनपान करवा रहे हैं तो आपको इसके उपयोग से बचना चाहिए।
  3. सीलिएक रोग (Celiac Disease ) से पीड़ित लोगों को जौ के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि जौ का सेवन आपके लिए समस्या पैदा कर सकता है।
  4. जौ के सेवन से उन लोगों को एलर्जी हो सकती है जिन्हें राई, गेहूं, जई, मक्का और चावल समेत अन्य अनाज से एलर्जी होती हैं।

उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें जौ है

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