सभ्यता की शुरुआत से ही आहार में साबुत अनाज का सेवन होता आ रहा है। वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक साबुत अनाज सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं जिनसे डायबिटीज, हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है।
लेकिन आधुनिक दौर में कुछ किस्म की आहार योजनाओं मसलन, पेलियो डाइट के अनुसार अनाज का सेवन स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है। गौरतलब है कि उक्त आहार योजना में पुरापाषाण काल (करीब 10,000 साल पहले) में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है जैसे, मांस, मछली, फल-सब्जी, मेवे आदि। इनका मानना है कि कृषि के साथ हमारे आहार में जो बदलाव आया वह आनुवंशिक रूप से मानव शरीर के अनुरूप नहीं है।
इस सबके बावजूद आधुनिक दौर में जो प्रचलित आहार हैं उनमें साबुत अनाज का अपना महत्त्व है। परिष्कृत अनाज (Refined Grains) का अधिक मात्रा में सेवन, मोटापे और जलन-सूजन जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बन सकते हैं।
तो आइये जानते हैं साबुत अनाज के सेवन की फायदों के बारे में:
- साबुत अनाज के प्रकार - Whole grain types, names and list in Hindi
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साबुत अनाज के फायदे - Benefits of whole grains in Hindi
- पाचन तंत्र के लिए साबुत अनाज के फायदे
- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए साबुत अनाज के फायदे
- हृदय के लिए साबुत अनाज के फायदे
- स्ट्रोक के लिए साबुत अनाज के फायदे
- मोटापा कम करने के लिए साबुत अनाज के फायदे
- डायबिटीज के लिए साबुत अनाज के फायदे
- सूजन के लिए साबुत अनाज के फायदे
- कैंसर के लिए साबुत अनाज के फायदे
- ब्लड प्रेशर के लिए साबुत अनाज के फायदे
- साबुत अनाज के नुकसान - Whole grain side effects in Hindi
- सारांश
साबुत अनाज के प्रकार - Whole grain types, names and list in Hindi
घास जैसे पौधे के बीज को अन्न या अनाज कहा जाता है जैसे धान, गेहूं, मक्का आदि। कुछ अलग किस्म के पौधों, पेड़ों और झाड़ों से प्राप्त बीजों जैसे कीनुआ, अमरनाथ (चौलाई) को भी साबुत अनाज माना जाता है।
साबुत अनाज कई प्रकार के होते हैं, जैसे:
इन खाद्य पदार्थों से बनी चीजें साबुत अनाज के खाद्य पदार्थ खाद्य पदार्थ कहलाते हैं जिनमें रोटी, पास्ता, 'ब्रेकफास्ट सीरियल' आदि शामिल हैं।
साबुत अनाज के फायदे - Benefits of whole grains in Hindi
साबुत आनाज खाने के कई स्वस्थ लाभ है, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, स्ट्रोक व मोटापे से बचाव और पाचन तंत्र को मजबूत बनाना। इन्हें डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद साबित किया गया है। आइये साबुत अनाज के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पाचन तंत्र के लिए साबुत अनाज के फायदे
साबुत अनाज में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। फाइबर मल बढ़ाता है जिससे कब्ज नहीं होता है। साथ ही साबुत अनाज में पाए जाने वाले कुछ किस्म के फाइबर, प्रीबायोटिक का काम करते हैं। ये प्रीबायोटिक आंतों में फायदेमंद बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं जो पाचन तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। ये बैक्टीरिया पाचन प्रणाली को बेहतर बनाने के साथ-साथ पोषण का अवशोषण भी बढ़ाते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में भी मदद करते हैं।
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कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए साबुत अनाज के फायदे
साबुत अनाज का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है। ये अनाज न केवल हानिकारक कोलेस्ट्रॉल का अवशोषण रोकते हैं बल्कि ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी कम कर सकते हैं। कुल मिलाकर साबूत अनाज हृदय रोग का जोखिम कम करते हैं।
एक अध्ययन के अनुसार जिन महिलाओं ने रोजाना दो से तीन बार साबुत अनाज से बने उत्पादों सेवन किया उनका उन महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक या हृदय की बीमारी से मरने का जोखिम 30 प्रतिशत कम था जिन्होंने सप्ताह में सिर्फ एक बार ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन किया।
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हृदय के लिए साबुत अनाज के फायदे
साबुत अनाज के सेवन से ह्रदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है। दुनिया भर में हृदय रोग मौत की प्रमुख वजह है।
साल 2016 में किये गए अध्ययन में पाया गया कि रोजाना एक से तीन बार साबुत अनाज के सेवन से हृदय रोग का खतरा 22 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
स्पेन में 10 साल से अधिक समय तक 17,424 वयस्कों द्वारा खाए जाने वाले अनाज और कार्बोहाइड्रेट आधारित उत्पादों के प्रकार और मात्रा का किया गया। इसमें पाया गया कि जिन्होंने कुल कार्बोहाइड्रेट के तौर पर साबुत अनाज का सेवन अधिक किया उनमें हृदय रोग का जोखिम 47 प्रतिशत तक कम था।
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स्ट्रोक के लिए साबुत अनाज के फायदे
साबुत अनाज का सेवन स्ट्रोक के खतरे को कम करने में भी मदद कर सकता है।
लगभग ढाई लाख लोगों पर किये छह अध्ययनों के मुताबिक भरपूर मात्रा में साबुत अनाज खाने वालों में स्ट्रोक का जोखिम 14 प्रतिशत तक कम था।
इसके अलावा, साबुत अनाज में तीन यौगिक - फाइबर, विटामिन K और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते हैं।
(और पढ़ें - स्ट्रोक होने पर क्या करना चाहिए)
मोटापा कम करने के लिए साबुत अनाज के फायदे
फाइबर से भरपूर भोजन का सेवन करने से आपकी बार-बार भोजन करने की तलब कम होती है। इसलिए वजन कम करने के लिए फाइबर युक्त भोजन करने की सलाह दी जाती है।
जो साबुत अनाज का पर्याप्त सेवन करते हैं, उनका वजन परिष्कृत अनाज खाने वालों की तुलना में कम होता है। कुछ अनुसन्धानों के अनुसार यह मोटापे का जोखिम भी कम कर सकता है।
गौरतलब है कि करीब 1,20,000 लोगों पर किये 15 अध्ययनों में पाया गया कि दिन भर में तीन बार साबुत अनाज खाने वालों का बीएमआई और पेट की चर्बी कम थी।
अधेड़ उम्र के जिन पुरुषों और महिलाओं ने 12 साल तक परिष्कृत उत्पादों की तुलना में फाइबर युक्त आहार का सेवन किया, उनका वजन शेष के मुकाबले 3.35 किलो तक कम पाया गया।
(और पढ़ें - वजन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय)
डायबिटीज के लिए साबुत अनाज के फायदे
साबुत अनाज आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ने से रोकते हैं जिससे टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम होता है।
(और पढ़ें - डायबिटीज डाइट चार्ट)
परिष्कृत अनाज की जगह साबुत अनाज के सेवन करने से डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
ऐसा इसलिए भी है कि फाइबर से भरपूर साबुत अनाज वजन को काबू में रखने में मदद करते है और वजन का बढ़ना डायबिटीज का जोखिम पैदा कर सकता है।
(और पढ़ें - डायबिटीज में क्या खाएं)
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सूजन के लिए साबुत अनाज के फायदे
जलन-सूजन कई पुरानी बीमारियों की जड़ होती है। लेकिन कुछ रिसर्च के अनुसार साबुत अनाज का सेवन इन्हें कम करने में मदद कर सकता है। अस्थमा ऐसी ही एक बीमारी है जिसे साबुत अनाज के सेवन के जरिये कम किया जा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि साबुत अनाज, जौ और ब्राउन राइस से आँतों की सूजन कम करने में मदद मिल सकती है।
एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने भरपूर मात्रा में साबुत अनाज का सेवन किया था, उनकी जलन-सूजन से जुड़ी पुरानी बीमारियों से मृत्यु की आशंका कम थी।
इसके अलावा, हाल के एक अध्ययन के अनुसार जब परिष्कृत उत्पादों का सेवन करने वालों जब साबुत अनाज के उत्पादों का सेवन किया तो उनमें जलन-सूजन से जुड़ी समस्याओं में कमी पाई गई।
(और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)
कैंसर के लिए साबुत अनाज के फायदे
साबुत अनाज के सेवन से, कुछ हद तक कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
इस विषय पर 20 अध्ययनों की समीक्षा के मुताबिक छह अध्ययनों में साबुत अनाज के सेवन से कैंसर के जोखिम कम होता पाया गया जबकि 14 में इससे कोई सम्बन्ध नहीं पाया गया।
(और पढ़ें - पेट के कैंसर का इलाज)
कुछ रिसर्च से पता चलता है कि साबुत अनाज के सेवन के कैंसर रोधी लाभ मलाशय के कैंसर में देखे गए जो पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से सबसे अधिक होने वाला कैंसर है।
(और पढ़ें - पेट के कैंसर की सर्जरी)
इसके अतिरिक्त फाइबर से जुड़े कुछ स्वास्थ्य लाभ भी कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। इनमें एंटीऑक्सिडेंट और प्रीबायोटिक की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
इसके अलावा साबुत अनाज में मौजूद फाइटिक एसिड, फेनोलिक एसिड और सैपोनिन भी कैंसर के विकास को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।
(और पढ़ें - कैंसर में क्या खाना चाहिए)
ब्लड प्रेशर के लिए साबुत अनाज के फायदे
साबुत अनाज का सेवन न केवल हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लिए लाभकारी है बल्कि ब्लड प्रेशर के लिए भी बहुत उपयोगी है। हृदय रोग के लिए सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारकों में शामिल है, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर)। एक अध्ययन के अनुसार जिन पुरुषों ने एक सप्ताह तक साबुत अनाज का सेवन किया उनमें हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम 19 प्रतिशत तक कम पाया गया। इसलिए यदि आप अपने हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो आज से ही साबुत अनाज का सेवन शुरू कर देना चाहिए।
(और पढ़ें - हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाएं)
साबुत अनाज के नुकसान - Whole grain side effects in Hindi
- गेहूं, जौ और राई में ग्लूटेन होता है, जो प्रोटीन का एक प्रकार होता है। इसके सेवन से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। ग्लूटेन एलर्जी के कारण, आपको सीलियेक रोग या ग्लूकन संवेदनशीलता हो सकती है जिसके लक्षणों में थकान, अपच और जोड़ों में दर्द शामिल है। (और पढ़ें - एलर्जी के घरेलू उपाय)
- गेहूं जैसे कुछ अनाज में एफओडीएमएपी (FODMAPs) नामक शॉर्ट-चेन कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। जिसके कारण इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस) वाले लक्षण पैदा हो सकते हैं।
- डाइवर्टिक्युलाइटिस एक अन्य परेशानी है जिसमें फाइबर के सेवन से बचने की जरूरत होती है। इसमें छोटी आंत में सूजन हो जाती है जिसके इलाज के लिए फाइबर का बहुत कम मात्र में सेवन आवश्यक होता है।
(और पढ़ें - इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण)
शहर के नूट्रिशनिस्ट खोजें
साबुत अनाज के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

Dr. Dhanamjaya D
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Dt. Surbhi Upadhyay
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Dt. Manjari Purwar
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