महिला की योनि में पाए जाने वाले पतले टिश्यू को हाइमन कहा जाता है. इसमें प्राकृतिक तौर पर एक बड़ा छेद होता है, जिससे मासिक स्राव आसानी से बाहर आ जाता है. साथ ही इसमें टैम्पॉन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. हाइमन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के भ्रम हैं. अधिकतर लोग इसे वजाइनल सेक्स से जोड़कर देखते हैं, जो बिल्कुल भी सही नहीं है.

आज इस लेख में हम हाइमन क्या है, इसके प्रकार, इसके टूटने और वर्जिनिटी से हाइमन के संबंध के बारे में जानेंगे-

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  1. हाइमन क्या है?
  2. हाइमन का महत्व
  3. हाइमन के प्रकार
  4. हाइमन का टूटना व दर्द
  5. हाइमन टूटने का वर्जिनिटी से संबंध
  6. सारांश
हाइमन के प्रकार, महत्व व वर्जिनिटी से संबंध के डॉक्टर

हाइमन एक पतला फ्लेश वाला टिशू है, जो वजाइना के मुंह पर रहता है. हाइमन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के भ्रम हैं. अधिकतर लोग यह सोचते हैं कि हाइमन वेजाइना के मुंह को पूरी तरह से ढकता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है.

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ऐसा माना जाता है कि हाइमन टिशू वजाइना के विकास के अवशेष के तौर पर रहता है. भ्रूणविज्ञान के नजरिए से, यह वजाइना के कीटाणुओं और गंदगी को बाहर रखता है. बच्चों में हाइमन इंफेक्शन के बाहरी स्रोत को वजाइना में घुसने से रोकने में मदद करके एक सुरक्षात्मक उद्देश्य को पूरा करता है.

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कुछ शिशु छोटे हाइमन टिश्यू के साथ जन्म लेते हैं. इसे देख ऐसा लगता ही नहीं है कि उन्हें हाइमन है. बहुत कम महिलाओं के ऐसे हाइमन होते हैं, जो वजाइना के मुंह को पूरी तरह से ढक लेते हैं या छेद बहुत ही छोटे होते हैं. चिकित्सकीय टर्म में इसके प्रकार को हाफ मून व इम्पेरफोरेट हाइमन नाम से बुलाया जाता है. शरीर के अन्य हिस्सों की तरह हाइमन भी सबके लिए अलग-अलग होते हैं. आइए, विस्तार से हाइमन के प्रकार के बारे में जानते हैं-

सरकम्फ्रेंशल

इस तरह का हाइमन वजाइना के मुंह के आस-पास रहता है. इसके बीच में मासिक धर्म के समय निकलने वाले खून के लिए जगह रहती है. यह आम हाइमन में से एक है.

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हाफ मून

हाफ मून एक अन्य आम प्रकार का हाइमन है. यह आधे चांद के आकार का होता है और वजाइना के मुंह को ढक कर रखता है. यह कई आकार का हो सकता है.

इम्पेरफोरेट

यह हाइमन पूरी तरह से वजाइना के मुंह को ढक कर रखता है. ऐसा बहुत कम महिलाओं का होता है, लगभग 2000 महिलाओं में से 1 का. ऐसे हाइमन वाली महिलाओं का मासिक धर्म नियमित नहीं रहता है. इस स्थिति में डॉक्टर हाइमन को हटाने के लिए छोटी सर्जरी की सलाह दे सकते हैं. इस सर्जरी को हाइमेनेक्टॉमी कहा जाता है.

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माइक्रोपेरफोरेट

यह हाइमन सिर्फ एक छोटे छेद को छोड़कर वजाइना के मुंह के अधिकतर हिस्से को ढक लेता है. इससे मेन्सट्रूअल ब्लड बाहर निकलता है. माइक्रोपेरफोरेट हाइमन के साथ वाली महिलाएं टैम्पॉन या मेन्स्ट्रूअल कप्स का इस्तेमाल कर पाने में सक्षम नहीं भी हो सकती हैं.

क्रिब्रिफॉर्म

इस तरह का हाइमन वजाइना के मुंह को ढक लेता है, लेकिन इसमें कई छेद होते हैं. वजाइना से मासिक धर्म का खून तो बाहर आता है, लेकिन महिला टैम्पॉन या कप का इस्तेमाल नहीं कर सकती है.

सेप्टेट

यह हाइमन टिश्यू का एक पतला टुकड़ा होता है, जो वजाइना के मुंह के बीच में रहता है और दो मुंह की तरह दिखता है. इस तरह के हाइमन वाली महिला का मासिक धर्म नियमित रहता है, लेकिन वे टैम्पॉन या मेन्सट्रूअल कप का इस्तेमाल कर पाने में अक्षम होती हैं.

पहली बार वजाइनल सेक्स करने के दौरान हाइमन स्ट्रेच हो सकता है, जिससे खून निकलने या दर्द का अनुभव भी हो सकता है. यह सबके साथ हो, ऐसा जरूरी नहीं है. साथ ही इसे समझना भी जरूरी है कि एक बार हाइमन स्ट्रेच होकर खुल गया, तो यह फिर से पुरानी स्थिति में नहीं जा सकता. आइए, विस्तार से हाइमन के टूटने, इसके लक्षण और होने वाले दर्द के बारे में जानते हैं -

  • कुछ महिलाओं में हाइमन टिश्यू अन्य से ज्यादा होते हैं, ऐसे में जब हाइमन स्ट्रेच होता है, तो दर्द महसूस होने के साथ खून भी निकलने लगता है. 
  • यदि दर्द और खून का निकालना पहली बार वजाइनल सेक्स के बाद भी ठीक नहीं होता है, तो धीरे-धीरे उंगलियों की मदद से हाइमन टिशू को स्ट्रेच करके इसे कम दर्द भरा अनुभव बनाया जा सकता है.
  • वजाइनल सेक्स के दौरान दर्द या इरिटेशन तब भी महसूस हो सकता है, जब वजाइना सही तरह से लुब्रिकेट नहीं होता है. यह बिल्कुल सामान्य है यदि वजाइना में लुब्रिकेशन पर्याप्त न हो. ऐसे में ल्यूब का इस्तेमाल करके हाइमन की वजह से होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है.

हाइमन टूटने के ये निम्न कारण भी हो सकते हैं -

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कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि हाइमन के स्ट्रेच होकर खुल जाने का मतलब वर्जिनिटी से है यानी महिला वर्जिन नहीं है, लेकिन हाइमन का होना और वर्जिन होना, दोनों अलग-अलग चीजें हैं. यहां यह समझना जरूरी है वर्जिनिटी एक सामाजिक विचारधारा है न कि मेडिकल टर्म. वर्जिनिटी को अमूमन वजाइना सेक्स से जोड़कर देखा जाता है, जो पुरुष और महिला के बीच होता है.

यह सेक्स के अन्य तरीकों को छोड़ देता है और सेक्सुअलिटी को भी. वर्जिनिटी से जुड़े मिथक खतरे का निशान हैं. पहले भी और वर्तमान में भी लोग वर्जिनिटी का इस्तेमाल महिलाओं से जोड़कर देखते हैं. किसी भी महिला के हाइमन को देखकर या महसूस करके यह नहीं बताया जा सकता है कि उसने पहले सेक्स किया है या नहीं.

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हाइमन एक पतले फ्लेश वाला टिशू है, जो कभी भी टूट सकता है. यह जरूरी नहीं है कि हाइमन सेक्स के दौरान ही टूटे, यह समय के साथ कभी भी स्ट्रेच होकर टूट सकता है. इसके स्ट्रेच होने या टूटने को कई बार महसूस भी नहीं किया जा सकता है. इसलिए, वर्जिनिटी के साथ इसके संबंध को लेकर कई भ्रम लोगों के मन में हैं, जबकि दोनों अलग-अलग चीजें हैं.

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