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Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, इसके अलावा Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) के मुख्य घटक हैं आंवला, हरीतकी (हरड़), मुलेठी, घी, बहेड़ा, त्रिफला, लौह भस्म जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
आंवला |
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हरीतकी (हरड़) |
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मुलेठी |
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घी |
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बहेड़ा |
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त्रिफला |
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लौह भस्म |
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Unjha Saptamrit Loha इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
अन्य लाभ
चिकित्सा साहित्य में Unjha Saptamrit Loha के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Unjha Saptamrit Loha का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Unjha Saptamrit Loha का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
प्रेग्नेंट महिला Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) को बिना किसी घबराहट के खा सकती हैं।
क्या Unjha Saptamrit Loha का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) पूरी तरह सुरक्षित है।
Unjha Saptamrit Loha का पेट पर क्या असर होता है?
Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) को पेट के लिए सुरक्षित माना जाता है।
क्या Unjha Saptamrit Loha का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
बच्चों के लिए Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) सुरक्षित है।
क्या Unjha Saptamrit Loha का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
रिसर्च न होने के कारण Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) के नुकसान के विषय में पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। अतः डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
क्या Unjha Saptamrit Loha शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) लेने के बाद ड्राइव करना या दूसरे कामों को करना सुरक्षित है, क्योंकि आपको झपकी नहीं आएगी।
क्या Unjha Saptamrit Loha का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Unjha Saptamrit Loha (40 Tablets) को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 168 - 169
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 6. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008: Page No 238-239
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34
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Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- IV. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 54-56