भारत में खाना पकाने में गाय के घी या देसी घी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। खाने के अलावा गाय के घी को पोषक और स्वास्थ्यवर्द्धक फायदों के लिए भी जाना जाता है। आयुर्वेद में गाय के घी की पहचान रसायन के रूप में की गई है।
आयुर्वेद के सबसे प्राचीन ग्रंथों में से एक चरक संहिता में भी गाय के घी का उल्लेख मिलता है। यहां तक कि संस्कृत में गाय के घी को घृत के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है “उजला” या “उज्जवल करने वाला”। दुर्भाग्यवश, गाय के घी के फायदों को लेकर बहुत ही कम वैज्ञानिक शोध किए गए हैं।
गाय का घी क्या है?
भारत के खाद्य सुरक्षा और नियामक प्राधिकरण के अनुसार घी दूध या मिल्क क्रीम से बना एक फैट है जिसमें किसी भी तरह का कोई रंग और प्रिजर्वेटिव (डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले) मौजूद नहीं होता है।
क्या आप जानते हैं?
हिंदू धर्म में गाय का घी अत्यंत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। ये वैदिक कार्यों में इस्तेमाल होने वाले सबसे प्रमुख घटकों में से एक है। हिंदू रीति-रिवाजों में भगवान को गाय का घी अर्पित किया जाता है।