अंगूर का वैज्ञानिक नाम विटिस विनिफेरा (Vitis vinifera) है। ऐसा कहा जाता है कि अंगूर की खेती पहली बार मध्य पूर्व में की गयी थी, जब शिरज (Shiraz) शहर ने इससे पहली बार शराब बनाने का उपयोग किया तो यह जल्द ही काफी मशहूर हो गया था। इसके बाद अन्य देशों ने भी अंगूर की खेती करनी शुरू की और उससे शराब बनाना भी शुरू किया। अंगूर को भारत में कई नामों से जाना जाता है - हिंदी में अंगूर, तेलुगू में द्रखा पांडु, तमिल में द्रखा पज़म, मलयालम में मुन्थिरी, कन्नड़ में द्रवशी, गुजराती में ध्रक्ष, और मराठी में द्रखा कहा जाता है। अंगूर का दाना कितना रस-भरा और मीठा होता है और अपनी इसी कोमलता और मिठास की वजह से यह लोगों को अति-प्रिय भी होता है। अंगूर आपके स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी अत्यंत फायदेमंद हैं। यह पोषक तत्वो का घर माना जाता है। अंगूर फाइबर, प्रोटीन, तांबा, पोटेशियम, लौह, फोलेट और विटामिन सी, ए, के और बी 2 का एक प्रचुर स्रोत हैं। इसमें उत्तम एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और रोगाणुरोधी गुणों के साथ-साथ, फिनोल और पोलीफेनॉल्स भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। अंगूर में पानी भी अधिक मात्रा में होता है जो शरीर को हाइड्रेट रखने में सहायता करता है। अंगूर के यह पोषक तत्व इसे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी बना देते हैं।
अंगूर विभिन्न-विभिन्न रंग में बाजार में उपलब्ध हैं - बैंगनी, लाल, काले, गहरे नीले, पीले, हरे, नारंगी और गुलाबी। आप इसे साबुत भी खा सकते हैं या फिर इससे बनी हुई वाइन, सिरका, जैम, जूस, जैली, अंगूर-बीज और किशमिश आदि का भी सेवन कर सकते हैं। तो आइये हम भी अंगूर के स्वास्थ्य लाभ के ख़जाने का पिटारा खोलें और कुछ मुख्य लाभों को अच्छे से जानकर, अपने जीवन में जल्दी से अपनाएं।