हिना (मेहंदी) दुनिया भर के लोगों द्वारा कई अलग अलग तरीकों से उपयोग की जाती है। ज्यादातर लोग शायद हिना को बालों और त्वचा के लिए काले-लाल/भूरे रंग की डाई के रूप में जानते हैं जो पूर्वी संस्कृतियों में परंपरागत रूप से उपयोग की जाती है, लेकिन इसका यह नाम उस फूल के पौधे से लिया गया जिससे यह डाई बनती है। मेंहदी (हिना) का वैज्ञानिक नाम 'लॉसोनिया इनर्मिस' (lawsonia inermis) है और यह लिथेसिई (lythraceae) कुल का एक पौधा है। यह उत्तरी अफ्रीका, अरब देश, भारत तथा पूर्वी द्वीप समूह में पाया जाता है। आप छोटे सफेद या गुलाबी फूलों के साथ-साथ छोटे फलों के साथ मेंहदी के पौधे की पहचान कर सकते हैं। हम से अधिकतर हिना के बालों और त्वचा लाभों के बारे में ही जानते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हिना का उपयोग अनेक प्रकार की सेहत से जुड़ी स्थितियों के लिए भी किया जाता है। हिना का उपयोग आयुर्वेदिक प्रैक्टिस में भी किया जाता है।
औषधि के फायदे के लिए हिना तेल, छाल और बीज सबसे अधिक उपयोग किए जाते हैं। इसके पौधों में रसायन और पोषक तत्वों की उच्च सामग्री होने के कारण ये कई एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, कसैले और एंटीवायरल प्रभाव देती है। हिना को एक हर्बल उपचार के रूप में पश्चिम में व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है जबकि इसका उपयोग पूर्वी संस्कृतियों में हजारों सालों से किया जाता रहा है। तो आइए जानते हैं हिना के बालों, त्वचा और सेहत से जुड़े कुछ लाभों के बारे में -