म्यूकुना प्रुरियन्स को काऊ हैज (cowhage), कपिकच्छु (Kapikacchu) के रूप में जाना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्राचीन काल से इसका उपयोग किया जाता रहा है और आयुर्वेद में 350 से अधिक दवाइयों में कपिकच्छु का उपयोग किया जाता हैं। इसके बीज, पत्ती, जड़ सभी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसकी 10-12 फीट लंबी एक बेल होती है। इसके फूल बैगनी रंग के और 5-10 cm लम्बी होती है। इसके बीज अंडाकार और काले या सफ़ेद रंग के होते हैं। आयुर्वेद इसकी शक्तिशाली कामोत्तेजक प्रकृति और शरीर को स्थिर रखने वाले गुणों के लिए इसकी सराहना करता है।
कपैकैचु में लेवोडोपा या एल-डोपा रसायन पाया जाता है, जो डोपामाइन, एड्रेनालाईन और नॉरएड्रेनालाईन हॉर्मोन्स के लिए बहुत अच्छा होता है। इसके रासायनिक घटकों की वजह से यह मानसिक स्थिति में बदलाव, स्लीप डिसऑर्डर, मूड से संबंधित समस्याओं आदि के लिए उपयोग किया जाता है।