करेला आमतौर पर अफ्रीका, एशिया और कैरीबियाई में पाया जाता है, इसका इस्तेमाल आज से लगभग 600 साल पहले से ही होता आ रहा है। भारत में करेले को कई नामों से जाना जाता है। इसे हिंदी में 'करेला', तेलुगु में 'ककरकाया', तमिल में 'पावकाई', मलयालम में 'पावकाका', 'हगालकई' कन्नड़ में, गुजराती में 'करला', मराठी में 'करले' और बंगाली में 'कोरोला' कहा जाता है।
करेला अपने स्वास्थ्य-लाभ के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। करेला कई स्वास्थ लाभ प्रदान करता है। यह मधुमेह, बवासीर, श्वसन स्वास्थ्य में सुधार और त्वचा के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए मदद करता है। करेला प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बना सकता है और कैंसर के लक्षणों को भी रोक सकता है। करेले में सूजन कम करने वाले, एंटीफंगल, एंटीबायोटिक, एंटी-एलर्जिक, एंटीवायरल और एंटीपारासिटिक गुण होते हैं। और शायद यही वजह है कि कड़वा स्वाद होने के बावजूद भी यह लोगों को अति प्रिय है। करेला जो की एक सब्जी और औषधि दोनो ही है प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फोलेट, विटामिन ए, विटामिन सी और कई विटामिन बी का एक प्रचुर स्रोत है।
इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में मौजूद होता है और कैलोरी भी कम होती है। यह लिनोलेनिक एसिड (एक आवश्यक, ओमेगा -6 फैटी एसिड) और ओलिक एसिड (एक असंतृप्त वसा) का भी एक अच्छा स्रोत है।
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