शरीर को ऊर्जा मिलती है, तो शरीर सही तरीके से काम कर पाता है. शरीर को यह एनर्जी हम जाे कुछ भी खाते-पीते हैं, उससे मिलती है. दरअसल, शरीर ठीक से काम कर सके, इसलिए शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया करता है, जिसे मेटाबॉलिज्म कहा जाता है. अगर किसी का मेटाबॉलिज्म अच्छा हो, तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या बढ़ती उम्र का असर मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है?
आज इस लेख में आप जानेंगे कि किस प्रकार बढ़ती उम्र मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है -
(और पढ़ें - मेटाबॉलिज्म बढ़ने से क्या होता है)
- बढ़ती उम्र का मेटाबॉलिज्म पर असर
- उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म धीमा क्यों होता है?
- क्या जीवनशैली में बदलाब से मेटाबॉलिज्म को फायदा होता है?
- सारांश
बढ़ती उम्र का मेटाबॉलिज्म पर असर
कुछ शोध कहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया कम हो सकती है. 30 और 40 की उम्र आते-आते मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है. दरअसल, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शारीरिक एक्टिविटी भी कम होने लगती है. इससे आपका मसल मास कम होने लगता है. इसके साथ ही मांसपेशियों के बजाय फैट शरीर में अधिक बनने लगता है. जिस कारण मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है. इसके अलावा, कई अन्य कारक हैं, जो मेटाबॉलिज्म को स्लो कर सकते हैं.
(और पढ़ें - डायबिटीज और मेटाबॉलिज्म में संबंध)
उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म धीमा क्यों होता है?
उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें से कुछ मुख्य कारण यहां बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं -
- मसल मास कम होना - जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, स्वाभाविक रूप से मसल मास कम होने लगता है. नतीजतन, कैलोरी बर्न होना कम हो जाता है.
- एक्टिव न रहना - जैसे-जैसे आयु बढ़ती है, पहले की तुलना में शारीरिक एक्टिविटी कम होने लगती है. पर्याप्त व्यायाम न करने से वजन बढ़ सकता है और हृदय रोग हो सकता है. ये स्थितियां मेटाबॉलिज्म के दर को धीमा कर सकती हैं.
- जेंडर या जीन - ये भी आपके मेटाबॉलिज्म दर में अहम भूमिका निभाते हैं. पुरुषों में आमतौर पर तेज मेटाबॉलिज्म होता है, क्योंकि उनका मसल मास अधिक होता है, उनकी हड्डियां हैवी होती है और शरीर में फैट कम हो जाता है. यह प्रत्येक व्यक्ति की मांसपेशियों के आकार और मांसपेशियों को विकसित करने की क्षमता निर्धारित करते हैं. ये आपके मेटाबॉलिज्म को भी प्रभावित करते हैं. मांसपेशियों की मात्रा जितनी कम होगी, मेटाबॉलिज्म उतना ही धीमा हो जाएगा.
(और पढ़ें - मेटाबॉलिज्म बेहतर बनाने के लिए सुबह का रूटीन)
क्या जीवनशैली में बदलाब से मेटाबॉलिज्म को फायदा होता है?
जीवनशैली में बदलाव कर आप अपने मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने की कोशिश कर सकते हैं. ये कुछ इस प्रकार हैं -
- सही समय पर नियमित डाइट लें.
- अपने आप को हाइड्रेटेड रखें.
- सही वक्त पर उठे व सोएं.
- तनाव न लें.
- सही व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.
(और पढ़ें - मेटाबोलिज्म बढ़ाने के लिए डाइट)
सारांश
बढ़ती आयु के साथ मेटाबॉलिज्म का कम होना स्वाभाविक है. ऐसा मसल मास के कम होने व धीरे-धीरे शारीरिक एक्टिविटी के कम होने के कारण होता है. ऐसे में इस अवस्था को कम करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम व योग करने, तनाव न लेने और अच्छी डाइट लेने से इस समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. अगर समय के साथ-साथ स्थिति गंभीर होने लगे, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
(और पढ़ें - ये चीजें मेटाबॉलिज्म को करती हैं स्लो)
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