तारपीन का तेल मुख्यतः देवदार के पेड़ की राल से तैयार होता है। इसका उपयोग औषधि के तौर पर होता है। गौरतलब है कि तारपीन की राल और तारपीन का गोंद अलग अलग चीजें हैं इसलिए तारपीन की राल को गोंद समझकर उपयोग न करें।
तारपीन के तेल का उपयोग जोड़ों, मांसपेशियों, स्नायविक, और दांतों के दर्द के लिए किया जाता है। फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी तारपीन के तेल का इस्तेमाल होता है। इसका भाप लेने से कफ के कारण जो छाती में जकड़न महसूस होती है, उससे निजात मिलती है।