तारपीन का तेल मुख्यतः देवदार के पेड़ की राल से तैयार होता है। इसका उपयोग औषधि के तौर पर होता है। गौरतलब है कि तारपीन की राल और तारपीन का गोंद अलग अलग चीजें हैं इसलिए तारपीन की राल को गोंद समझकर उपयोग न करें।

तारपीन के तेल का उपयोग जोड़ों, मांसपेशियों, स्नायविक, और दांतों के दर्द के लिए किया जाता है। फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी तारपीन के तेल का इस्तेमाल होता है। इसका भाप लेने से कफ के कारण जो छाती में जकड़न महसूस होती है, उससे निजात मिलती है।

  1. तारपीन के तेल के फायदे - Taarpin ke tel ke fayde
  2. तारपीन के तेल के नुकसान - Tarpin ke tel ke nuksan

खाद्य और पेय पदार्थों में आसवित (Distilled) तारपीन के तेल का उपयोग जायका बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग साबुन सौन्दर्य प्रसाधन और रंग-रोगन (Paint) बनाने में भी किया जाता है। तो आइये जानते हैं इसके लाभों के बारे में - 

तारपीन के तेल से होते हैं परजीवी दूर - Tarpin ke tel ke fayde parjivi dur karne ke liye

तारपीन का तेल परजीवी  कीड़े-कृमियों को खत्म करने का जांचा-परखा उपाय है। पुराने जमाने में ग्रामीण इलाकों और यहाँ तक कि स्कूलों में भी साल में दो बार बच्चों को तारपीन का तेल देते थे ताकि पिनवर्म जैसे परजीवियों कृमि खत्म हों। पिनवर्म आंतों को संक्रमित कर देते हैं। तारपीन के तेल के सेवन का सबसे आसान तरीका है चीनी  की डली पर इसकी कुछ बूंद डाल दें। इसका स्वाद पाइन कैंडी की तरह हो जाता है और बच्चे-बड़े सभी के लिए यह लेना आसान हो जाता है।

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तारपीन के तेल से होता है फंगस दूर - Tarpoin ke tel ke labh fungus dur karne ke liye

तारपीन का तेल नाखून कवक (नेल फंगस) का बेहद सस्ता और सुभीते वाला उपाय है। दिन में दो बार एक-एक बूंद तारपीन के तेल से प्रभावित नाखून की मालिश करें। अंगूठे के नाखून में  फंगल संक्रमण  हो तो इसे ठीक करने के लिए कुछ समय लग सकता है। 

तारपीन तेल का उपयोग ऑटिज्म में लाभकारी - Tarpin tel ke upyog hain autism mein labhkari

तारपीन आटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए हमेशा से लाभकारी रहा है। आटिज्म पीड़ित बच्चों को अक्सर भारी धातु (Heavy Metals) तथा कैंडीडा संक्रमण होता है और तारपीन का तेल इसका लोकप्रिय उपाय है। हालांकि, तारपीन के तेल का उपयोग करने से पहले ऑटिज़्म या किसी अन्य बड़ी बीमारी में इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सिर की जूंओं से निजात दिलाए तारपीन का तेल - Sir ki Juo ko bhagayen tarpin ke tel se

स्कूली बच्चों के  सिर में जूं  होना आम समस्या है। जूं से निपटने के कई उपचार और नुस्खे खतरनाक हो सकते हैं, खासकर यदि उनका उपयोग बार-बार करना पड़े तो। तारपीन के तेल का इस्तेमाल  नारियल के तेल के साथ मिलाकर करना सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है। नारियल के तेल के 10 भाग (या जैतून के तेल या मेयोनीज ) में एक भाग ही तारपीन का तेल मिलाएं। सर पर ध्यान से मालिश करें और सारे बालों पर तेल अच्छे से लगाएं। इसके बाद सर को प्लास्टिक से ढंक लें और इसके ऊपर तौलिया बांध लें। घंटे भर बाद बाल धो लें। यह उपाय हफ्ते में दो बार करें।(और पढ़ें - सिर की जूँ के घरेलू उपचार)

तारपीन का तेल गठिया में लाभकारी - Turpentine oil for arthritis in hindi

तारपीन के तेल से मालिश करना गठिया जैसी बीमारियों में भी लाभकारी जिनमें जोड़ों में दर्द होता है।  गठिया के लिए अरंडी का तेल  भी अच्छा होता है इसलिए इसमें तारपीन के तेल को मिलकर लगाना फायदेमंद है। मालिश के लिए तीन भाग अरंडी, जैतून या नारियल का तेल में एक भाग तारपीन का तेल मिलाएं। संवेदनशील या कटी-फटी हुई त्वचा पर इस तेल का उपयोग न करें।

(और पढ़ें - गठिया का आयुर्वेदिक इलाज)

तारपीन के तेल है सर्दी-जुकाम का इलाज - Tarpin ke tel ke gun karen thand ka ilaaj

जुकाम और फ्लू वायरस का इलाज में भी तारपीन के तेल बहुत उपयोगी है और इसके इस्तेमाल के कई तरीके हैं।

साइनस-   इसके लिए पांच बूंद तारपीन का तेल एक बड़े चम्मच  जैतून के तेल  में मिलाएं।  बंद नाक और संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए नाक में इस मिश्रण की कुछ बूंद डालें।

खांसी-  उक्त मिश्रण को से छाती और पीठ पर मालिश करें। इसके अलावा चीनी की डली पर 1-3 बूंद तारपीन का तेल डाल कर लेने से भी खांसी में आराम मिलता है।

(और पढ़ें - सर्दियों में क्या खाएं)

मूत्र-मार्ग का संक्रमण दूर करे तारपीन का तेल - Mutr path ke sankramn ko dur karen tarpin ke tel se

तारपीन के तेल का उपयोग कभी-कभी मूत्राशय संक्रमण  के इलाज के लिए भी किया जाता है। इसके लिए दिन में एक बार, एक चम्मच चीनी में चौथाई चम्मच तारपीन का तेल मिलकर लें।

  1. तारपीन का तेल टॉक्सिक होता है इसलिए गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसके उपयोग से बचें।
  2. तारपीन के तेल में मौजूद पिनिन, 3-केयर और डिप्टेनिन से एलर्जी हो सकती हैं।  इसकी राल में भी कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो आपके लिए समस्या बन सकते हैं। टायर विनिर्माण से जुड़े व्यक्तियों पर किये गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि उनमें से 2.6 प्रतिशत को तारपीन एलर्जी है।
  3. बच्चों के लिए यह बेहद खतरनाक हो सकता है। बच्चों के लिए 15 एमएल भर तारपीन का तेल भी जानलेवा साबित हुआ है।

उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें तारपीन का तेल है

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