विटामिन ए वसा में घुलनशील विटामिन है जो कुछ खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। ये प्रोविटामिन ए से मिलता है और आंखों की सेहत के लिए विटामिन ए को बहुत लाभकारी माना जाता है। विटामिन ए को रेटिनोल भी कहा जाता है क्योंकि ये आंखों में रेटिना बनाने वाले पिगमेंट के निर्माण में मदद करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में अंधेपन का सबसे सामान्य एवं बड़ा कारण विटामिन ए की कमी है।
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विटामिन ए शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभावों से बचने में मदद करता है। शरीर के सही विकास के लिए विटामिन ए बहुत अहम भूमिका निभाता है। इसलिए नवजात शिशु और बच्चों के लिए इसे बहुत जरूरी माना जाता है। विटामिन ए से त्वचा, ऊतकों, श्लेष्मा झिल्लियों, हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। प्रतिरक्षा तंत्र के कार्य में सुधार लाने में विटामिन ए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिससे संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।
तो आइए जानते हैं कि किस उम्र में विटामिन ए क्या भूमिका निभाता है और रोज़ाना कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए, इसके हानिकारक प्रभावों एवं विटामिन ए से युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में।