विटामिन बी 6 की पर्याप्त मात्रा लेने से शरीर को कई फायदे होते है। इससे संबंधित फायदों को नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।
1. रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखता है
खून में होमोसिस्टिन (homocysteine) नामक यौगिक के स्तर को नियंत्रित करने के लिए विटामिन बी 6 की आवश्यकता होती है। होमोसिस्टिन एमिनो एसिड का प्रकार होता है, जो मीट से प्राप्त होता है। होमोसिस्टिन की अधिक मात्रा होने से सूजन और हृदय रोग हो जाते हैं। इससे रक्त वाहिकाओं के रोग भी होते हैं, जो हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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विटामिन बी 6 कम लेने से होमोसिस्टिन शरीर में बनता है और रक्त वाहिकाओं की परतों को खराब कर देता है। अध्ययन से पता चला है कि विटामिन बी 6 को फोलेट के साथ लेने से होमोसिस्टिन का स्तर आसानी से कम हो जाता है। इसके अलावा यह रक्त वाहिकाओं को दोबारा ठीक करने का भी काम करता है। विटामिन बी 6 से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल का स्तर सही रहता है।
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2. मस्तिष्क के कार्यों में सहायक होता है
विटामिन बी 6 मस्तिष्क के निर्माण और उसके कार्यों में सहायक होता है। अध्ययन से इस बात का पता लगा है कि विटामिन बी 6 की कमी मस्तिष्क को प्रभावित करती है और इससे याददाश्त संबंधी रोग, जैसे अल्जाइमर और डिमेंशिया (मनोभ्रंश), हो जाते हैं। विटामिन बी 6 के द्वारा होमोसिस्टन के स्तर को नियंत्रण में करके मस्तिष्क के कार्यों को ठीक किया जा सकता है। होमोसिस्टिन न सिर्फ हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार होता है, बल्कि इसके कारण केंद्रिय तंत्रिका तंत्र पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। विटामिन बी 6 आपके शरीर में सेरोटोनिन और नोरएपिनेफ्रीन (Norepinephrine) नामक हार्मोन को बनाने में भी मदद करता है। यह दोनों हार्मोन आपके मूड, ऊर्जा और एकाग्रता को बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं। रिसर्च के अनुसार सेरोटोनिन के स्तर में कमी होने से बच्चों को एडीएचडी (ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार) हो सकता है।
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3. मूड को ठीक करने वाला होता है
मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने वाला विटामिन बी 6 आपको अवसाद से मुक्त करने वाली दवा की तरह ही महत्वपूर्ण होता है। रिसर्च में इस बात का पता चला है कि विटामिन बी 6 मस्तिष्क में सेरोटोनिन और अन्य संबंधित संकेतों को प्रभावित करता है। सेरोटोनिन मूड को ठीक करके आपके अवसाद, दर्द, थकान और चिंता को दूर करने का काम करता है। इसके साथ ही मस्तिष्क में बनने वाले हार्मोन से संबंधित होने के कारण विटामिन बी 6 को दवा के रूप में लेने से भी ऊर्जा के स्तर में आ रही कमी दूर किया जा सकता है और एकाग्रता को भी बढ़ाया जा सकता है।
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4. एनीमिया के बचाव में सहायक होता है
खून में हीमोग्लोबिन बनने के लिए विटामिन बी 6 की आवश्यकता होती है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं के माध्यम से शरीर की अन्य कोशिकाओं को ऑक्सीजन और आयरन प्रदान करती है। एनीमिया के कारण जब लाल रक्त कोशिकाएं पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाती हैं, तो थकान, दर्द और पीड़ा जैसे लक्षण महसूस होते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन बी 6 को पर्याप्त रूप में लेने से एनीमिया के खतरे को कम किया जा सकता है।
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5. आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है
खराब डाइट और पोषक तत्व की कमी आंखों के रोग होने की मुख्य वजह होती है। अध्ययन से पता चला है कि विटामिन बी 6 को फोलिक एसिड व अन्य विटामिन के साथ लेने से आंखों के विकार और कम दिखाई देने की समस्या से बचा जा सकता है।
माना जाता है कि पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 6 लेने से बढ़ती उम्र के कारण आंखों में होने वाले मैकुलर डीजेनेरेशन नामक रोग की संभावनाएं भी काफी हद तक कम हो जाती है।
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6. रूमेटाइड आर्थराइटिस से बचाव करता है
विटामिन बी 6 की कमी का संबंध रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया का एक प्रकार) के लक्षणों से होता है। कुछ प्रारंभिक अध्ययनों में यह पता चला है कि रूमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में अधिक विटामिन बी 6 की आवश्यकता होती है। इस रोग में सूजन की वजह से मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने के कारण रोगी को विटामिन बी 6 की अधिक आवश्यकता होती है। गठिया के कारण जोड़ों और मांसपेशियों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए विटामिन बी 6 को लिया जा सकता है।
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